लखनऊ : समाजवादी के पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में रविवार को पीजीआई थाना क्षेत्र के वृंदावन में अखिल भारतीय ओबीसी समाज के सदस्यों ने श्रीरामचरित मानस की प्रतियां फाड़कर जलाकर अपना विरोध जताया था. इस मामले में पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता सतनाम सिंह की तहरीर पर माहौल बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत कई धाराओं में स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है. सभी आरोपी अखिल भारतीय ओबीसी महासभा से जुड़े बताए जा रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के पीजीआई कोतवाली में माहौल बिगाड़ने और धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. रविवार को सोशल मीडिया पर अखिल भारतीय ओबीसी महासभा का एक पोस्ट वायरल हुआ था. जिसमें रामचरितमानस की कुछ प्रतियों को जलाने का आह्वान करते हुए विरोध दर्ज कराने की बात कही गई थी. कुछ देर बाद अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र यादव, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, सुजीत, संतोष वर्मा सलीम वृंदावन के सेक्टर 9 पहुंचे. आरोप है कि यहां पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने रामचरितमानस की प्रतियों को फाड़कर चलाना शुरू कर दिया. कार्यकर्ता रामचरितमानस की कथित विवादित पंक्तियों में संशोधन किए जाने की मांग कर रहे थे. कहा कि संशोधन न होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
पुलिस के अनुसार देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष शर्मा, सलीम, स्वामी प्रसाद मौर्य और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमा भारतीय जनता पार्टी के नेता सतनाम सिंह की तहरीर पर दर्ज किया गया है. सतनाम सिंह बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं.