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शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली लड़की की आर्थिक सुरक्षा जरूरी: इलाहाबाद हाईकोर्ट - सुरक्षा के हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली युवती के लिए आर्थिक सुरक्षा जरूरी है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी धर्म परिवर्तन कर शादी करने के एक मामले की सुनवाई के दौरान की. कोर्ट ने महिला के पति को 3 लाख रुपये की फिक्स डिपॉजिट के साथ 8 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
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Published : Jan 8, 2021, 10:42 PM IST

प्रयागराजः शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती की याचिका पर सुनवाई हुई. मामला बिजनौर से जुड़ा है. धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता और उसके शौहर सादाब अहमद ने कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह स्थापित विधि सिद्धान्त है कि बालिग स्त्री-पुरुष के शांतिपूर्ण जीवन में किसी को भी हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है.

'परिवार से खतरा'

शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता के वकील सुशील कुमार तिवारी ने कोर्ट को बताया कि संगीता ने धर्म-परिवर्तन कर सादाब अहमद से शादी की है. दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं. उनके परिवार के लोग नाराज हैं. वे धमका रहे हैं, जिससे उनके जीवन को खतरा है. उन्होंने कोर्ट से दंपति को सुरक्षा देने और उनके जीवन में किसी भी हस्तक्षेप को रोकने की मांग की. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिका दायर करने वाली संगीता ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है.

पढ़ें: मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ में हो सुनवाई : अशोक चव्हाण

8 फरवरी को होगी सुनवाई

न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसपी (बिजनौर) को दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया. साथ ही, सादाब अहमद को तीन लाख की फिक्स डिपाजिट के साथ हाजिर होने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली युवती के लिए आर्थिक सुरक्षा बेहद जरुरी है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

प्रयागराजः शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती की याचिका पर सुनवाई हुई. मामला बिजनौर से जुड़ा है. धर्म परिवर्तन कर शादी करने वाली युवती शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता और उसके शौहर सादाब अहमद ने कोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह स्थापित विधि सिद्धान्त है कि बालिग स्त्री-पुरुष के शांतिपूर्ण जीवन में किसी को भी हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है.

'परिवार से खतरा'

शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता के वकील सुशील कुमार तिवारी ने कोर्ट को बताया कि संगीता ने धर्म-परिवर्तन कर सादाब अहमद से शादी की है. दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं. उनके परिवार के लोग नाराज हैं. वे धमका रहे हैं, जिससे उनके जीवन को खतरा है. उन्होंने कोर्ट से दंपति को सुरक्षा देने और उनके जीवन में किसी भी हस्तक्षेप को रोकने की मांग की. उन्होंने अदालत को बताया कि याचिका दायर करने वाली संगीता ने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है.

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8 फरवरी को होगी सुनवाई

न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने शाइस्ता परवीन उर्फ संगीता और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसपी (बिजनौर) को दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया. साथ ही, सादाब अहमद को तीन लाख की फिक्स डिपाजिट के साथ हाजिर होने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन करने वाली युवती के लिए आर्थिक सुरक्षा बेहद जरुरी है. इस याचिका पर अगली सुनवाई 8 फरवरी को होगी.

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