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लाइफ में पैसे की दिक्कत से बचने के लिए जरूरी है फाइनेंशियल प्लानिंग

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Published : Apr 16, 2022, 5:25 PM IST

एक सर्वे के अनुसार, फाइनैंशियल अस्थिरता लोगों के लिए टेंशन का कारण बन गई है और इसके कारण पड़ने वाले दबाव से लोग कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं. खासकर कोरोना के बाद से आम आदमी की जिंदगी में टेंशन बढ़ गई है. इस प्रेशर को कम करने के लिए सावधानी से फाइनैंशियल प्लानिंग करने की जरूरत है. बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी, रिटायरमेंट प्लान और परिवार के लिए फाइनेंशियल बैकअप, इन सारे लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अगर हम प्लानिंग करते हैं तो टेंशन कम करने में मदद मिलेगी. इसलिए, फाइनेंशियल गोल को हासिल करने के लिए बताए जा रहे टिप्स को फॉलो करें .

Financial plan
Financial plan

हैदराबाद: कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही धन है, जिसका अर्थ है कि जब आपके पास अच्छा स्वास्थ्य है, तो आपके पास जीवन में सब कुछ है.आज के हालात में सच यह है कि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा है, तभी अपनी हेल्थ को बेहतर तरीके से मेनटेन कर पाएंगे. जिस तरह हम अपनी सेहत के बारे में जानने के लिए रेग्युलर मेडिकल चेकअप कराते हैं, वैसै ही हमें फाइनेंशियल प्लानिंग की भी समीक्षा करनी चाहिए.

बचत और खर्च (Savings and expenses) : इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते हैं, लेकिन आप इसमें से कितना बचाते हैं, यह मायने रखता है. भविष्य में फाइनेंशियल टेंशन से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप अपनी कमाई का 30 प्रतिशत की बचत करें. यदि आप इससे भी अधिक बचत करने में सक्षम हैं, तो यह और भी बेहतर है, क्योंकि खर्चे बिन बुलाए मेहमान की तरह हैं. इमरजेंसी के लिए कुछ पैसे बचाना बेहतर है. साल की कुल कमाई का 15 फीसद बचत के रूप में रखना अनिवार्य ही है. पूरे साल में आपके पास बचत के इतने पैसे होने चाहिए, जिससे कम से कम तीन महीने के खर्चों को कवर किया जा सके. यह रकम फिक्स्ड डिपोजिट या लिक्विड फंड के रूप में होनी चाहिए. किसी भी सूरत में लोन कुल आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.अगर आपने भारी भरकम लोन ले रखा है तो अपनी संपत्ति और देनदारी की लिस्ट बनाकर समीक्षा करें. यदि लोन का अनुपात ज्यादा है तो सबसे पहले उसे कम करने की तैयारी करें .

ईएमआई और बीमा (EMIs and insurance) : हेल्दी फाइनेंशियल स्थिति के जरूरी है कि ईएमआई आपकी मासिक आय के 40 फीसदी से कम हो. अन्यथा, आपको फाइनेंशियल स्ट्रेस का सामना करना पड़ेगा. हिसाब-किताब के लिए क्रेडिट कार्ड के बिल को भी आप ईएमआई में जोड़े. अपने खर्चों में आप ऐसी लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी के लिए प्रीमियम की व्यवस्था रखें, जिसकी मैच्युरिटी इनकम आपकी आय का 10 से 15 गुना हो. परिवार के लिए 10 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लेना नहीं भूलें. कर्जों और अन्य देनदारियों के लिए पैसे की बचत करें.

बच्चों की शिक्षा (Children's education) : शिक्षा की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए हमें इनवेस्ट की प्लानिंग करनी चाहिए. अपनी इनकम के हिसाब से ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान चुनें, जहां निवेश की गई राशि समय के साथ बेहतर रिटर्न दे और जरूरत के समय आप उसका उपयोग कर सकें. ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया के अनुसार, सिर्फ प्लानिंग से ही फाइनेंशियल स्ट्रेस को दूर करना मुश्किल होगा. लेकिन, आप कुछ हद तक तकलीफों से बचने के लिए एक रोड मैप तैयार कर सकते हैं, जिससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.

पढ़ें : तय प्लानिंग के साथ हासिल करते हैं फाइनेंशियल गोल, जानें क्या हैं तरीके

हैदराबाद: कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही धन है, जिसका अर्थ है कि जब आपके पास अच्छा स्वास्थ्य है, तो आपके पास जीवन में सब कुछ है.आज के हालात में सच यह है कि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा है, तभी अपनी हेल्थ को बेहतर तरीके से मेनटेन कर पाएंगे. जिस तरह हम अपनी सेहत के बारे में जानने के लिए रेग्युलर मेडिकल चेकअप कराते हैं, वैसै ही हमें फाइनेंशियल प्लानिंग की भी समीक्षा करनी चाहिए.

बचत और खर्च (Savings and expenses) : इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते हैं, लेकिन आप इसमें से कितना बचाते हैं, यह मायने रखता है. भविष्य में फाइनेंशियल टेंशन से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप अपनी कमाई का 30 प्रतिशत की बचत करें. यदि आप इससे भी अधिक बचत करने में सक्षम हैं, तो यह और भी बेहतर है, क्योंकि खर्चे बिन बुलाए मेहमान की तरह हैं. इमरजेंसी के लिए कुछ पैसे बचाना बेहतर है. साल की कुल कमाई का 15 फीसद बचत के रूप में रखना अनिवार्य ही है. पूरे साल में आपके पास बचत के इतने पैसे होने चाहिए, जिससे कम से कम तीन महीने के खर्चों को कवर किया जा सके. यह रकम फिक्स्ड डिपोजिट या लिक्विड फंड के रूप में होनी चाहिए. किसी भी सूरत में लोन कुल आय के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.अगर आपने भारी भरकम लोन ले रखा है तो अपनी संपत्ति और देनदारी की लिस्ट बनाकर समीक्षा करें. यदि लोन का अनुपात ज्यादा है तो सबसे पहले उसे कम करने की तैयारी करें .

ईएमआई और बीमा (EMIs and insurance) : हेल्दी फाइनेंशियल स्थिति के जरूरी है कि ईएमआई आपकी मासिक आय के 40 फीसदी से कम हो. अन्यथा, आपको फाइनेंशियल स्ट्रेस का सामना करना पड़ेगा. हिसाब-किताब के लिए क्रेडिट कार्ड के बिल को भी आप ईएमआई में जोड़े. अपने खर्चों में आप ऐसी लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी के लिए प्रीमियम की व्यवस्था रखें, जिसकी मैच्युरिटी इनकम आपकी आय का 10 से 15 गुना हो. परिवार के लिए 10 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस लेना नहीं भूलें. कर्जों और अन्य देनदारियों के लिए पैसे की बचत करें.

बच्चों की शिक्षा (Children's education) : शिक्षा की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए हमें इनवेस्ट की प्लानिंग करनी चाहिए. अपनी इनकम के हिसाब से ऐसे इन्वेस्टमेंट प्लान चुनें, जहां निवेश की गई राशि समय के साथ बेहतर रिटर्न दे और जरूरत के समय आप उसका उपयोग कर सकें. ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया के अनुसार, सिर्फ प्लानिंग से ही फाइनेंशियल स्ट्रेस को दूर करना मुश्किल होगा. लेकिन, आप कुछ हद तक तकलीफों से बचने के लिए एक रोड मैप तैयार कर सकते हैं, जिससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा.

पढ़ें : तय प्लानिंग के साथ हासिल करते हैं फाइनेंशियल गोल, जानें क्या हैं तरीके

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