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सब्सिडी को एकआयामी नजरिये से न देखे विश्व बैंक : सीतारमण

विश्व बैंक विकास समिति की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भारत सरकार के द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी को एकआयामी नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने विश्व बैंक समूह को कई सुझाव भी दिए.

Nirmala Sitharaman
निर्मला सीतारमण
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Published : Oct 15, 2022, 3:08 PM IST

Updated : Oct 15, 2022, 5:25 PM IST

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी को 'एकआयामी' दृष्टिकोण से नहीं देखने का विश्व बैंक से अनुरोध करते हुए कहा है कि 'नुकसानदायक सब्सिडी' और संवदेनशील परिवारों को दिए जाने वाले 'लक्षित समर्थन' में अंतर करना जरूरी है.

सीतारमण ने यहां विश्व बैंक विकास समिति की बैठक में शुक्रवार को कहा कि सतत विकास लक्ष्य (SDG) के कई अहम मानकों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सब्सिडी का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारा (विश्व बैंक से) अनुरोध है कि सब्सिडी को एकआयामी नजरिए से देखना बंद किया जाए. नुकसानदायक सब्सिडी और संवेदनशील परिवारों को लक्षित करके दिए जाने वाले समर्थन के बीच अंतर करना जरूरी है.'

वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बीते छह वर्षों में दिए गए नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि भारत में भोजन पकाने की स्वच्छ प्रक्रिया तक सभी महिलाओं की पहुंच हो. इसने एसडीजी के अनेक अहम मानकों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान दिया है.

सीतारमण ने अपने संबोधन में विश्व बैंक समूह को कई सुझाव भी दिए. इनमें व्यवहार संबंधी बदलाव लाने का सुझाव भी शामिल है जिससे ऊर्जा प्रभावशीलता बढ़े और भोजन का नुकसान कम हो. इसके अलावा उन्होंने सभी ग्राहक देशों के लिए किफायती वित्त की व्यवस्था करना और नवीकरणीय एवं हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तकनीकी हस्तांतरण करने का सुझाव भी दिया.

सीतारमण ने आईएमएफ की शीर्ष अधिकारी से मौजूदा वैश्विक हालात पर की चर्चा - इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात के दौरान मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और अगले वर्ष भारत की जी20 समूह की अध्यक्षता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की है. सीतारमण की भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गोपीनाथ से शुक्रवार को यह मुलाकात हुई. इस दौरान उन्होंने खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा मुद्दों, वैश्विक ऋण संवेदनशीलता, जलवायु मुद्दों, डिजिटल परिसंपत्तियां और भारत की जी20 अध्यक्षता के बारे में बात की.

गोपीनाथ ने एक ट्वीट में इसका जिक्र करते हुए कहा, 'भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जी20 के मुद्दों पर बैठक अच्छी रही.' भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक एक साल के लिए जी20 समूह का अध्यक्ष बनने जा रहा है. इस दौरान वह जी20 समूह की 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा. इस बीच, आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग में उप निदेशक एन्नेर मारी गुल्दे-वुल्फे ने कहा है कि बीते कुछ वर्षों से भारत डिजिटलीकरण का अगुआ रहा है और नवोन्मेष के जरिये कई प्रशासनिक अवरोधों को दूर करने में सफल रहा है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अब सबको मालूम है कि भारत बीते कुछ वर्षों से डिजिटलीकरण का अगुआ रहा है खासकर डिजिटल अवसंरचना के मामले में। इससे नवोन्मेष बढ़ा है और प्रशासनिक अवरोध भी दूर हुए हैं.'

उन्होंने कहा कि आईएमएफ भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है और यह देश सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे हैं, महामारी के दौरान लाभों के वितरण के लिए इसका इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 6.1 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर के साथ भारत वैश्विक स्तर पर एक चमकदार बिंदु बना हुआ है.

ये भी पढ़ें - वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में बनी रहेगी: निर्मला सीतारमण

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी को 'एकआयामी' दृष्टिकोण से नहीं देखने का विश्व बैंक से अनुरोध करते हुए कहा है कि 'नुकसानदायक सब्सिडी' और संवदेनशील परिवारों को दिए जाने वाले 'लक्षित समर्थन' में अंतर करना जरूरी है.

सीतारमण ने यहां विश्व बैंक विकास समिति की बैठक में शुक्रवार को कहा कि सतत विकास लक्ष्य (SDG) के कई अहम मानकों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में सब्सिडी का बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारा (विश्व बैंक से) अनुरोध है कि सब्सिडी को एकआयामी नजरिए से देखना बंद किया जाए. नुकसानदायक सब्सिडी और संवेदनशील परिवारों को लक्षित करके दिए जाने वाले समर्थन के बीच अंतर करना जरूरी है.'

वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत बीते छह वर्षों में दिए गए नि:शुल्क एलपीजी कनेक्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि भारत में भोजन पकाने की स्वच्छ प्रक्रिया तक सभी महिलाओं की पहुंच हो. इसने एसडीजी के अनेक अहम मानकों पर भारत के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान दिया है.

सीतारमण ने अपने संबोधन में विश्व बैंक समूह को कई सुझाव भी दिए. इनमें व्यवहार संबंधी बदलाव लाने का सुझाव भी शामिल है जिससे ऊर्जा प्रभावशीलता बढ़े और भोजन का नुकसान कम हो. इसके अलावा उन्होंने सभी ग्राहक देशों के लिए किफायती वित्त की व्यवस्था करना और नवीकरणीय एवं हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में तकनीकी हस्तांतरण करने का सुझाव भी दिया.

सीतारमण ने आईएमएफ की शीर्ष अधिकारी से मौजूदा वैश्विक हालात पर की चर्चा - इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ से मुलाकात के दौरान मौजूदा वैश्विक परिदृश्य और अगले वर्ष भारत की जी20 समूह की अध्यक्षता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की है. सीतारमण की भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री गोपीनाथ से शुक्रवार को यह मुलाकात हुई. इस दौरान उन्होंने खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा मुद्दों, वैश्विक ऋण संवेदनशीलता, जलवायु मुद्दों, डिजिटल परिसंपत्तियां और भारत की जी20 अध्यक्षता के बारे में बात की.

गोपीनाथ ने एक ट्वीट में इसका जिक्र करते हुए कहा, 'भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ जी20 के मुद्दों पर बैठक अच्छी रही.' भारत एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक एक साल के लिए जी20 समूह का अध्यक्ष बनने जा रहा है. इस दौरान वह जी20 समूह की 200 से अधिक बैठकों की मेजबानी करेगा. इस बीच, आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग में उप निदेशक एन्नेर मारी गुल्दे-वुल्फे ने कहा है कि बीते कुछ वर्षों से भारत डिजिटलीकरण का अगुआ रहा है और नवोन्मेष के जरिये कई प्रशासनिक अवरोधों को दूर करने में सफल रहा है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'अब सबको मालूम है कि भारत बीते कुछ वर्षों से डिजिटलीकरण का अगुआ रहा है खासकर डिजिटल अवसंरचना के मामले में। इससे नवोन्मेष बढ़ा है और प्रशासनिक अवरोध भी दूर हुए हैं.'

उन्होंने कहा कि आईएमएफ भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है और यह देश सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे हैं, महामारी के दौरान लाभों के वितरण के लिए इसका इस्तेमाल हुआ है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि 6.1 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर के साथ भारत वैश्विक स्तर पर एक चमकदार बिंदु बना हुआ है.

ये भी पढ़ें - वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में बनी रहेगी: निर्मला सीतारमण

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 15, 2022, 5:25 PM IST
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