लखनऊ : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज लखनऊ में वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Service Tax ) परिषद की 45वीं बैठक की अध्यक्षता की. बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने पिछले एक साल में देखा है कि कुछ जीवन रक्षक दवाएं, जो कोरोना से जुड़ी नहीं हैं और बहुत महंगी हैं. ऐसी दवाओं के लिए छूट दी गई है.
बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई. बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का सही समय नहीं है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार नहीं किया गया है. राजस्व से जुड़े कई मुद्दों पर इसके लिए आगे विचार करना होगा.
वहीं, सुरेश कुमार खन्ना ने जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक में उत्तर प्रदेश की तरफ से अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इंफोर्समेंट और तकनीकी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए. आम आदमी पर बोझ ना पड़े. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने कोविड-19 के बाद बेहतर प्रदर्शन किया है. समय के साथ कानूनों में आवश्यक परिवर्तन स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि आम लोगों के जनजीवन को आसान बनाने के लिए नियमों एवं कानूनों में संशोधन, परिवर्तन किया जाना चाहिए.
उन्होंने जानकारी दी कि तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति किए जाने वाले बायोडीजल पर जीएसटी दर भी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.
जहाजों और वायु द्वारा निर्यात माल के परिवहन को 30 सितंबर तक जीएसटी से छूट दी गई है. यह छूट निर्यातकों को जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी मुद्दों के कारण आईटीसी (Input Tax Credit) की वापसी प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करने के कारण दी गई थी. इस छूट को 1 साल और बढ़ाया जा रहा है.
वित्तमंत्री ने कहा, ' कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज़्यादा इस्तेमाल की जाती हैं. ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं. ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है. इसपर अब जीएसटी नहीं लगेगा. जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'मैं दो के नाम इसलिए दे रही हूं क्योंकि वे दो बहुत महंगी दवाएं हैं- ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं, जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है. इसलिए परिषद ने इन दो दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है.
पढ़ें - पीएम के जन्मदिन पर वैक्सीनेशन का नया रिकॉर्ड, लगे 2.20 करोड़ से अधिक डोज
वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सिफारिश पर मस्कुलर एट्रोफी के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुझाई गई दवाओं को भी व्यक्तिगत रूप से आयात पर आईजीएसटी से छूट दी गई है. कोरोना से संबंधित दवाओं पर रियायती जीएसटी दरों को 31 दिसंबर, 2021 तक बढ़ा दिया गया है. ये रियायती दरें जो 30 सितंबर तक वैध थीं, अब 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाई जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा अनुशंसित सात अन्य दवाओं पर जीएसटी दर को भी 12% से घटाकर 5% करने की सिफारिश की गई है. उन पर भी छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दिया गया है.
बैठक के बाद दिल्ली सरकार के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हुई थी. लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई. वहीं अन्य राज्यों की तरफ से भी इस पर विरोध जताया गया है. सरकार राजस्व के मामले में संकट में है. ऐसे में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर और राजस्व का संकट नहीं बढ़ाया जा सकता है.
राजस्थान सरकार के मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि केरल हाई कोर्ट का डिसीजन था, लिहाजा पेट्रोल-डीजल को लेकर चर्चा हुई. राजस्थान ने भी इसका विरोध किया है. राज्य सरकार अभी भी फाइनेंसियल क्राइसिस से गुजर रहे हैं. GST को लेकर फाइनेंस मिनिस्टर के एजेंडा में लाया था, लेकिन राज्य तैयार नहीं थे. दिल्ली और राजस्थान ने इसको लेकर बात किया. उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसे एजेंडे में लाया था लेकिन कई राज्य इस बार सहमत नहीं हुए.
बता दें कि लगभग दो वर्षों में जीएसटी परिषद की यह पहली व्यक्तिगत बैठक थी.