हजारीबागः जिले में फाइनेंस कंपनी का क्रूर चेहरा सामने आया है. जहां लोन की किस्त नहीं जमा होने पर फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने किसान के बेटी की जान ले ली (Finance company officials killed girl in Hazaribag). किसान की बेटी मोनिका दिव्यांग थी और वो तीन महीने की गर्भवती भी थी. हजारीबाग के इचाक में यह जघन्य घटना हुई है.
दरअसल वसूली एजेंट कर्ज की किस्त में देरी पर ट्रैक्टर जब्त करने आए थे. बकाये को लेकर विवाद के बाद जबरन ट्रैक्टर ले जाने लगे. बेटी ने रोकना चाहा तो उसी ट्रैक्टर से उसे रौंद दिया. मिथिलेश ने बताया कि उन्होंने महिंद्रा फाइनेंस से कर्ज लेकर ट्रैक्टर खरीदा था. दो दिन पहले कंपनी की ओर से मैसेज आया कि बकाया किस्त 120,000 रुपये जमा करें. लेकिन वो तय तिथि पर नहीं पहुंच पाए.
इसी बीच ट्रैक्टर पेट्रोल पंप पर खड़ा था. वहां एक कार से चार लोग पहुंचे. उनमें से एक ट्रैक्टर स्टार्ट कर ले जाने लगा. तब एक पेट्रोल पंपकर्मी ने इसकी सूचना दी. इसके बाद वह बकाया रकम लेकर मोनिका के साथ घर से निकले. उन्हें बरियठ के समीप उनका ट्रैक्टर दिखा. मिथिलेश ने उन लोगों को रोका. ट्रैक्टर के पीछे-पीछे चल रही कार भी रुकी. कार से एक शख्स निकला और कहा कि एक लाख 30 हजार रुपये लेकर ऑफिस पहुंचो.
मिथिलेश ने कहा कि मैं रुपए लेकर आया हूं लेकिन आप पहचान बताइये. इस पर उसने खुद को महिंद्रा फाइनेंस का जोनल मैनेजर बताया. तब मिथिलेश ने उससे प्रमाण मांगा. इसके बाद वह शख्स आगबबूला हो गया और ट्रैक्टर बढ़ाने का इशारा किया. मोनिका ने जब रोका तो चालक उसे कुचलते हुए बढ़ गया. इलाज के लिए रिम्स लाने के दौरान उसकी मौत हो गई.
हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चौथे ने इस मामले में कहा कि मामले की जांच की जा रही है. दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्हें फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंटों को भी चेतावनी दी है कि कानून के दायरे में रिकवरी करें, नहीं तो कार्रवाई होगी.