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Yogi Govt 2.0: पहले कार्यकाल में एनकाउंटर, अबकी सरेंडर से हुई शुरुआत, अब तक 50...

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) के नतीजों के बाद प्रदेश में योगी सरकार 2.0 की शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ ही अपराधियों द्वारा सरेंडर करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. प्रदेश में अपराधी गले में तख्तियां लटकाकर थानों में सरेंडर कर रहे हैं. आंकड़ों की मानें तो योगी सरकार बनने से लेकर अब तक 50 अपराधी कानून के आगे सरेंडर कर चुके हैं.

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Published : Mar 28, 2022, 7:02 PM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) में जीत के बाद योगी आदित्यनाथ प्रदेश के दोबारा मुख्यमंत्री बन चुके हैं. योगी सरकार 2.0 की शुरुआत अपराधियों के सरेंडर से हुई है. जबकि पहले कार्यकाल में एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था को टाइट किया गया था. यूपी चुनाव में भी अपराधियों पर कार्रवाई, बीजेपी का प्रमुख नारा रहा. गुंडे, बदमाश, माफियाओं के खिलाफ योगी का सख्त रूख ही है, जिसकी वजह से दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही 50 अपराधी खुद-ब-खुद सलाखों के पीछे चले गये हैं.

सरेंडर करने का तरीका भी ठीक उसी तरह है जैसे चार साल पहले योगी सरकार के दौरान रहा. इन अपराधियों को डर है कि उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर बुलडोजर से घर ढहाया जा सकता है. यही नहीं, कई अपराधियों ने तो गले में तख्तियां लटकाकर सरेंडर कर दिया. जिस पर लिखा था कि मैं सरेंडर कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाएं. इतना ही बदमाशों का एनकाउंटर भी जारी है.

गोंडा में हुई सरेंडर की शुरुआत: योगी सरकार 2.0 में 15 मार्च को गोंडा जिले में शातिर अपराधी गौतम सिंह ने छपिया थाने में सरेंडर किया. इसके बाद मानों सरेंडर करने वाले अपराधियों की लाइन लग गई. सहारनपुर जिले के चिलकाना थाने में 20 से ज्यादा अपराधियों ने तख्ती पहनकर सरेंडर किया. इनमें चार ऐसे अपराधी थे, जिनपर शराब तस्करी के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. अब उन्होंने हलफनामा देकर अपराध छोड़ने की बात कही है. शामली जिले में थानाभवन और गढ़ीपुख्ता थाने में गोहत्या के मामले में वांक्षित चल रहे 18 अपराधियों ने खुद ही सरेंडर कर दिया.

एनकाउंटर भी हुए: योगी सरकार की वापसी होते ही ताबड़तोड़ एनकाउंटर भी शुरू हुए. योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने से 12 घंटे पहले ही लखनऊ पुलिस ने शहर में हुई लूट और हत्या के वांक्षित अपराधी राहुल सिंह को 25 मार्च तड़के ही ढेर कर दिया गया. चुनाव परिणाम आते ही 11 मार्च को राजधानी में 25 हजार इनामी मोनू पंडित को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था. मोनू कई जिलों में डकैती के मामले में वांक्षित था. गाजियाबाद में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 25-26 मार्च को मोदी नगर और कविनगर थाने में दो लुटेरों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया.

यह भी पढ़ें- विधानसभा में अखिलेश-योगी की मुलाकात, CM आदित्यनाथ ने रखा कंधे पर हाथ

पहले कार्यकाल में 150 एनकाउंटर: 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही पहला एनकाउंटर सहारनपुर में 50 हजार के इनामी मंसूर पहलवान का किया गया था. मंसूर के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 25 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. मंसूर को ढेर करने के बाद यूपी में कई एनकाउंटर हुए. योगी सरकार 1.0 के दौरान पुलिस ने 150 से अधिक एनकाउंटर किये. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस महीने न सिर्फ 50 अपराधियों ने सरेंडर किया है बल्कि अपराध छोड़ने का संकल्प भी लिया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान 2 खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है.

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election) में जीत के बाद योगी आदित्यनाथ प्रदेश के दोबारा मुख्यमंत्री बन चुके हैं. योगी सरकार 2.0 की शुरुआत अपराधियों के सरेंडर से हुई है. जबकि पहले कार्यकाल में एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था को टाइट किया गया था. यूपी चुनाव में भी अपराधियों पर कार्रवाई, बीजेपी का प्रमुख नारा रहा. गुंडे, बदमाश, माफियाओं के खिलाफ योगी का सख्त रूख ही है, जिसकी वजह से दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही 50 अपराधी खुद-ब-खुद सलाखों के पीछे चले गये हैं.

सरेंडर करने का तरीका भी ठीक उसी तरह है जैसे चार साल पहले योगी सरकार के दौरान रहा. इन अपराधियों को डर है कि उनका एनकाउंटर हो सकता है या फिर बुलडोजर से घर ढहाया जा सकता है. यही नहीं, कई अपराधियों ने तो गले में तख्तियां लटकाकर सरेंडर कर दिया. जिस पर लिखा था कि मैं सरेंडर कर रहा हूं, कृपया गोली न चलाएं. इतना ही बदमाशों का एनकाउंटर भी जारी है.

गोंडा में हुई सरेंडर की शुरुआत: योगी सरकार 2.0 में 15 मार्च को गोंडा जिले में शातिर अपराधी गौतम सिंह ने छपिया थाने में सरेंडर किया. इसके बाद मानों सरेंडर करने वाले अपराधियों की लाइन लग गई. सहारनपुर जिले के चिलकाना थाने में 20 से ज्यादा अपराधियों ने तख्ती पहनकर सरेंडर किया. इनमें चार ऐसे अपराधी थे, जिनपर शराब तस्करी के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं. अब उन्होंने हलफनामा देकर अपराध छोड़ने की बात कही है. शामली जिले में थानाभवन और गढ़ीपुख्ता थाने में गोहत्या के मामले में वांक्षित चल रहे 18 अपराधियों ने खुद ही सरेंडर कर दिया.

एनकाउंटर भी हुए: योगी सरकार की वापसी होते ही ताबड़तोड़ एनकाउंटर भी शुरू हुए. योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने से 12 घंटे पहले ही लखनऊ पुलिस ने शहर में हुई लूट और हत्या के वांक्षित अपराधी राहुल सिंह को 25 मार्च तड़के ही ढेर कर दिया गया. चुनाव परिणाम आते ही 11 मार्च को राजधानी में 25 हजार इनामी मोनू पंडित को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था. मोनू कई जिलों में डकैती के मामले में वांक्षित था. गाजियाबाद में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 25-26 मार्च को मोदी नगर और कविनगर थाने में दो लुटेरों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया.

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पहले कार्यकाल में 150 एनकाउंटर: 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही पहला एनकाउंटर सहारनपुर में 50 हजार के इनामी मंसूर पहलवान का किया गया था. मंसूर के खिलाफ लूट, डकैती, हत्या के 25 से अधिक मुकदमे दर्ज थे. मंसूर को ढेर करने के बाद यूपी में कई एनकाउंटर हुए. योगी सरकार 1.0 के दौरान पुलिस ने 150 से अधिक एनकाउंटर किये. अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि इस महीने न सिर्फ 50 अपराधियों ने सरेंडर किया है बल्कि अपराध छोड़ने का संकल्प भी लिया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान 2 खूंखार अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है.

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