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कर्तव्य निष्ठा की मिसाल डॉ. पद्मनाभ : पिता को खोने का गम, बचाई दो लोगों की जान

मंगलुरु के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मनाभ कामत ने कर्तव्य निष्ठा की मिसाल पेश की है. डॉ. पद्मनाभ ने पिता को खोने का गम लिए दो मरीजों की सफल सर्जरी कर उनकी जान बचाई. डॉ. पद्मनाभ की कर्तव्य निष्ठा के कारण लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं.

डॉ. पद्मनाभ कामत
डॉ. पद्मनाभ कामत
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Published : Mar 1, 2021, 10:04 PM IST

मंगलुरु : कर्नाटक के मंगलुरु शहर के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मनाभ कामत ने अपने पिता को खोने के गम के बावजूद सर्जरी कर दो लोगों की जान बचाई.

जब डॉ. पद्मनाभ को उनके पिता की बीमारी और सांस लेने में तकलीफ की जानकारी मिली, तब वह अस्पताल में एक मरीज का चेकअप कर रहे थे. मरीज की जांच करने के बाद वह घर गए और अपने पिता को आपातकालीन उपचार दिया और फिर उन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया गया. लेकिन उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण पद्मनाभ के पिता का निधन हो गया.

डॉ. पद्मनाभ अपने पिता के शव मिलने से पहले कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे थे, इस बीच उन्हें अस्पताल से इमरजेंसी कॉल आई. फौरन वह अस्पताल गए और मरीज का सफल इलाज किया.

पढ़ें- शिल्पा शेट्टी ने योग के दौरान चोट से उबरने का उपाय किया शेयर

वहां से, वह लौट कर आए और अपने पिता के शव को घर ले गए. पिता का अंतिम संस्कार करने वाले ही पद्मनाभ को एक अन्य मरीज के दिल का दौरा पड़ने की सूचना मिली. इसके बाद वह अस्पताल गए और एंजियोप्लास्टी कर आपातकालीन उपचार दिया और मरीज की जान बचाई.

डॉ. पद्मनाभ की कर्तव्य निष्ठा के कारण उन्हें खूब प्रशंसा मिल रही है.

मंगलुरु : कर्नाटक के मंगलुरु शहर के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मनाभ कामत ने अपने पिता को खोने के गम के बावजूद सर्जरी कर दो लोगों की जान बचाई.

जब डॉ. पद्मनाभ को उनके पिता की बीमारी और सांस लेने में तकलीफ की जानकारी मिली, तब वह अस्पताल में एक मरीज का चेकअप कर रहे थे. मरीज की जांच करने के बाद वह घर गए और अपने पिता को आपातकालीन उपचार दिया और फिर उन्हें अस्पताल में शिफ्ट किया गया. लेकिन उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण पद्मनाभ के पिता का निधन हो गया.

डॉ. पद्मनाभ अपने पिता के शव मिलने से पहले कागजी कार्रवाई पूरी कर रहे थे, इस बीच उन्हें अस्पताल से इमरजेंसी कॉल आई. फौरन वह अस्पताल गए और मरीज का सफल इलाज किया.

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वहां से, वह लौट कर आए और अपने पिता के शव को घर ले गए. पिता का अंतिम संस्कार करने वाले ही पद्मनाभ को एक अन्य मरीज के दिल का दौरा पड़ने की सूचना मिली. इसके बाद वह अस्पताल गए और एंजियोप्लास्टी कर आपातकालीन उपचार दिया और मरीज की जान बचाई.

डॉ. पद्मनाभ की कर्तव्य निष्ठा के कारण उन्हें खूब प्रशंसा मिल रही है.

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