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फिक्की की अपील, 18-45 वर्ष के लोगों के लिए भी शुरू हो टीकाकरण

देशभर में दोबारा कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए उद्योग प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने का अनुरोध किया है. उद्योग मंडल फिक्की ने सभी राज्यों में कोविड-19 जांच बढ़ाने का भी सुझाव दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

टीकाकरण
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Published : Apr 6, 2021, 12:04 AM IST

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले एक हफ्ते से कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. इसको देखते हुए उद्योग मंडल फिक्की ने केंद्र सरकार से कोविड-19 संक्रमण की जांच बढ़ाने का सुझाव दिया है.

इसके साथ ही उद्योग मंडल ने सरकार से आग्रह किया है कि 18-45 आयु वर्ग समूह के लिए भी टीकाकरण शुरू किया जाए. फिक्की ने कोरोना महामारी से लड़ाई में उद्योग की ओर से पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया है.

फिक्की अध्यक्ष उदय शंकर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखे पत्र में कहा है, अभी हम प्रतिदिन 11 लाख नमूनों की जांच कर रहे हैं. जनवरी में हम 15 लाख जांच प्रतिदिन कर रहे थे. हमारे पास संक्रमण की जांच बढ़ाने की क्षमता है. देश में कोविड-19 जांच के लिए 2,440 प्रयोगशालाएं परिचालन में हैं. इनमें से 1,200 से अधिक प्रयोगशालाएं निजी क्षेत्र से हैं.

शंकर ने कहा कि राज्यों को वांछित जांच क्षमता हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र की सुविधाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है. शंकर ने सरकार से 18 से 45 आयु वर्ग के लिए भी टीकाकरण खोलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग की वजह से भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

उन्होंने कहा, 'देश में टीके की कोई कमी नहीं है. इसलिए निजी क्षेत्र के सहयोग से टीकाकरण तेज किया जा सकता है. ऐसे में इस आयु वर्ग को भी टीका लगाने की शुरुआत की जानी चाहिए. इस आयु वर्ग को टीका लगाने से संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद मिलेगी.'

शंकर ने सरकार को भरोसा दिलाया कि उद्योग इस महामारी से निपटने में सरकार को पूरा सहयोग देगा.

18-45 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण विस्तार महत्वपूर्ण
वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने भी सरकार से अपील की है कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया जाए.

ईटीवी भारत से बात करते हुए एफएडीए के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि सभी लोगों में डर का माहौल है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण का विस्तार करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत औसत आयु के मामले में एक युवा देश है और हमारा 70 प्रतिशत से अधिक कार्यबल इस आयु वर्ग में आता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में बीते शनिवार को कोरोना के 89,129 नए मामले दर्ज किए गए, जो 20 सितंबर, 2020 के बाद से एक दिन में सबसे अधिक है. जिससे भारत में सक्रिय कोरोना मामले 6.58 लाख तक पहुंच गए.

यह भी पढ़ें- कोरोना टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर संसदीय समिति ने जताई चिंता

केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के सभी योग्य लोगों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है. इससे पहले 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों या पुरानी बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था.

पिछले सप्ताह किए गए एक सर्वे के अनुसार, 75% नागरिकों ने 18-45 वर्ष आयु-समूह के लिए निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में टीकाकरण शुरू करने का समर्थन किया.

नई दिल्ली : देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पिछले एक हफ्ते से कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. इसको देखते हुए उद्योग मंडल फिक्की ने केंद्र सरकार से कोविड-19 संक्रमण की जांच बढ़ाने का सुझाव दिया है.

इसके साथ ही उद्योग मंडल ने सरकार से आग्रह किया है कि 18-45 आयु वर्ग समूह के लिए भी टीकाकरण शुरू किया जाए. फिक्की ने कोरोना महामारी से लड़ाई में उद्योग की ओर से पूरे समर्थन का भरोसा दिलाया है.

फिक्की अध्यक्ष उदय शंकर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को लिखे पत्र में कहा है, अभी हम प्रतिदिन 11 लाख नमूनों की जांच कर रहे हैं. जनवरी में हम 15 लाख जांच प्रतिदिन कर रहे थे. हमारे पास संक्रमण की जांच बढ़ाने की क्षमता है. देश में कोविड-19 जांच के लिए 2,440 प्रयोगशालाएं परिचालन में हैं. इनमें से 1,200 से अधिक प्रयोगशालाएं निजी क्षेत्र से हैं.

शंकर ने कहा कि राज्यों को वांछित जांच क्षमता हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र की सुविधाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है. शंकर ने सरकार से 18 से 45 आयु वर्ग के लिए भी टीकाकरण खोलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग की वजह से भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है.

उन्होंने कहा, 'देश में टीके की कोई कमी नहीं है. इसलिए निजी क्षेत्र के सहयोग से टीकाकरण तेज किया जा सकता है. ऐसे में इस आयु वर्ग को भी टीका लगाने की शुरुआत की जानी चाहिए. इस आयु वर्ग को टीका लगाने से संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद मिलेगी.'

शंकर ने सरकार को भरोसा दिलाया कि उद्योग इस महामारी से निपटने में सरकार को पूरा सहयोग देगा.

18-45 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण विस्तार महत्वपूर्ण
वहीं, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने भी सरकार से अपील की है कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार किया जाए.

ईटीवी भारत से बात करते हुए एफएडीए के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने कहा कि सभी लोगों में डर का माहौल है, क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. 18-45 वर्ष आयु वर्ग के लिए टीकाकरण का विस्तार करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत औसत आयु के मामले में एक युवा देश है और हमारा 70 प्रतिशत से अधिक कार्यबल इस आयु वर्ग में आता है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देशभर में बीते शनिवार को कोरोना के 89,129 नए मामले दर्ज किए गए, जो 20 सितंबर, 2020 के बाद से एक दिन में सबसे अधिक है. जिससे भारत में सक्रिय कोरोना मामले 6.58 लाख तक पहुंच गए.

यह भी पढ़ें- कोरोना टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर संसदीय समिति ने जताई चिंता

केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के सभी योग्य लोगों के लिए टीकाकरण शुरू कर दिया है. इससे पहले 60 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों या पुरानी बीमारियों से जूझ रहे 45 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू किया गया था.

पिछले सप्ताह किए गए एक सर्वे के अनुसार, 75% नागरिकों ने 18-45 वर्ष आयु-समूह के लिए निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं में टीकाकरण शुरू करने का समर्थन किया.

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