मथुरा : आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी होगी. मथुरा जिला कारागार में शबनम नाम की महिला को फांसी दी जाएगी. हालांकि, अभी फांसी देने की तारीख का एलान नहीं हुआ है, लेकिन जिला कारागार प्रशासन ने फांसी को लेकर कवायद तेज कर दी है.
जिला कारागार में 1870 में महिला फांसी घर बनाया गया था. आजादी के बाद अभी तक किसी भी महिला को फांसी पर नहीं लटकाया गया है, लेकिन अमरोहा हत्याकांड की दोषी शबनम को फांसी देने पर राष्ट्रपति की मुहर भी अब लग चुकी है. मथुरा जिला कारागार 36 एकड़ में बना हुआ है. जिला कारागार की उत्तरी दिशा में अंग्रेजी हुकूमत के समय महिला फांसी घर का निर्माण 1870 में कराया गया था. आजादी के बाद अभी तक किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है.
2008 में हुआ था अमरोहा हत्याकांड
अमरोहा जिला के हसथेनपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित बावनखेड़ी गांव में शबनम का आरा चलाने वाले सलीम के साथ प्रेम-प्रसंग कई सालों से चल रहा था. 14 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर सात लोगों की हत्या कर दी थी. सात हत्याकांड से जिला ही नहीं पूरा प्रदेश दहल उठा था. हत्याकांड में शिक्षक शौकत, उनकी पत्नी हाशमी, पुत्र अनीश, पुत्रवधू अंजुम, पोता अर्श, पुत्र रसीद, भांजा रविया की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी गई थी.
प्रेमी के साथ मिलकर की हत्याएं
14 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिजनों को मारने के लिए पहले चाय में जहर मिलाया. घर के सभी सदस्यों को चाय पिलाई गई. इसके बाद शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर घर के सात लोगों की हत्या कर दी. अमरोहा के बावनखेड़ी हत्याकांड की आरोपी शबनम को फांसी दिए जाने की कवायद तेज हो गई है. राष्ट्रपति ने भी फांसी दिए जाने पर मुहर लगा दी. फिलहाल दोषी शबनम रामपुर की जेल में बंद है.
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बक्सर जिले से मंगाए जाएंगे रस्से
मथुरा जेल अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अमरोहा हत्याकांड की आरोपी शबनम को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है. बिहार के बक्सर जिले से दो रस्से उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है. उसे मनीला रस्सी बोली जाती है. मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन कुमार को भी पत्र भेजा गया है. जल्लाद पवन कुमार मथुरा जिला कारागार में बने महिला फांसी घर का दो बार मुआयना कर चुके हैं. आदेश आने पर शबनम को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी.