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पिता-पुत्र की जोड़ी ने खेत को बनाया प्रयोगशाला, तैयार किया सस्ता व पोल्ट्री एग हैचर

कर्नाटक के हासन में रहने वाले पिता-पुत्र की जोड़ी एक छोटे से खेत को कृषि 'प्रयोगशाला' बनाने में सफलता पाई है. जहां उन्होंने मुर्गी के अंडों के लिए अनोखा हैचर तैयार किया है. जिसे वे कम कीमत पर बेच रहे हैं.

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Published : Apr 16, 2021, 7:59 PM IST

हासन : आजकल कृषि के लिए उचित बाजार की कमी के कारण अधिकतर युवा खेती से दूर हो रहे हैं. लेकिन एक युवक ने अपने पिता के साथ मिलकर कम कीमत पर अनोखे मुर्गी के अंडों के लिए हैचर का आविष्कार किया है और इसे कम कीमत पर बेच रहे हैं.

हासन जिले के होसहल्ली के पास उलुवारे गांव के एक युवक अनिल ने पहली बार मुर्गी पालन में सफलता हासिल की. अब उन्हें देशी मुर्गी के अंडे देने में मदद करने के लिए एक उपकरण मिल गया है. देश में चिकन के लिए अंडे की बहुत मांग है. इसके लिए एक इनक्यूबेटर की आवश्यकता होती है. बाजार में इनक्यूबेटर की कीमत 10 से 15 हजार रुपये है जो 40 से 50 अंडे हैच कर सकती है.

कई लोगों के लिए यह डिवाइस वहन करना मुश्किल होता है. इसलिए अनिल जिन्होंने आईटीआई किया है, ने सोचा कि इस उपकरण को कम कीमतों पर किसानों के लिए पेश किया जाए. उन्होंने एक साधारण पेपर कार्टन, पैन और तापमान नियंत्रक के साथ पोल्ट्री एग हैचर का आविष्कार किया.

मूल रूप से उन्होंने अपने खुद के लिए इसका आविष्कार किया था लेकिन अब इसकी भारी मांग है. वह इसे खेती के लिए युवाओं को सिर्फ 3500 रुपये में बेचते हैं और मुर्गी पालन के बारे में भी जानकारी देते हैं. उनके किसान पिता स्वामी गौड़ा भी बेटे के काम में सहयोग कर रहे हैं. अनिल ने 1 एकड़ खेत पर अपने पिता के मशरूम फार्म के साथ-साथ जैविक मशरूम उगाए हैं.

पिता-पुत्र की जोड़ी ने खेत को बनाया प्रयोगशाला

स्वामी गौड़ा ने कमरे में कुल 150 से 200 बैग मशरूम लगाए हैं. पहले उन्होंने मशरूम के लिए बड़ी राशि नुकसान की लेकिन अब उन्होंने सीधे ग्राहकों को मशरूम बेचना शुरू कर दिया है और वे 200 रुपये में एक किलो मशरूम बेच रहे हैं. स्वामी गौड़ा ने ईटीवी भारत को बताया कि अच्छा फायदा हुआ क्योंकि उन्होंने सीधे ग्राहकों को मशरूम बेचना शुरू किया है. इसके अलावा वे अपनी जमीन में नारियल, नारंगी, इलायची और केले के साथ अन्य पौधे भी उगा रहे हैं.

युवा किसान अनिल ने कहा कि मैंने पढ़ाई के बाद कृषि में रुचि ली.अपने पिता के साथ मैंने कृषि शुरू की और देशी चिकेन का उत्पादन शुरु किया. मैंने एक इनक्यूबेटर तैयार किया है. बाजार में इनक्यूबेटर की कीमत 10 से 15 हजार रुपये है जो 40 से 50 अंडे हैच कर सकता है. लेकिन मैंने सिर्फ 3500 रुपये में एक बॉक्स तैयार किया है. मैं उन्हें अन्य किसानों को भी आपूर्ति करता हूं और अब तक 50-60 बॉक्स बेचे चुका हूं.

यह भी पढ़ें-कोरोना टीके के लिए कच्चे माल पर लगा निर्यात प्रतिबंध हटाए अमेरिका : पूनावाला

वहीं अनिल के पिता किसान स्वामी गौड़ा ने कहा कि एक किलो बीज में 5 किलोग्राम मशरूम उगाया जा सकता है. एक किलो बीज की कीमत 90 रुपये है. हम 200 रुपये प्रति किलोग्राम मशरूम बेचते हैं.

हासन : आजकल कृषि के लिए उचित बाजार की कमी के कारण अधिकतर युवा खेती से दूर हो रहे हैं. लेकिन एक युवक ने अपने पिता के साथ मिलकर कम कीमत पर अनोखे मुर्गी के अंडों के लिए हैचर का आविष्कार किया है और इसे कम कीमत पर बेच रहे हैं.

हासन जिले के होसहल्ली के पास उलुवारे गांव के एक युवक अनिल ने पहली बार मुर्गी पालन में सफलता हासिल की. अब उन्हें देशी मुर्गी के अंडे देने में मदद करने के लिए एक उपकरण मिल गया है. देश में चिकन के लिए अंडे की बहुत मांग है. इसके लिए एक इनक्यूबेटर की आवश्यकता होती है. बाजार में इनक्यूबेटर की कीमत 10 से 15 हजार रुपये है जो 40 से 50 अंडे हैच कर सकती है.

कई लोगों के लिए यह डिवाइस वहन करना मुश्किल होता है. इसलिए अनिल जिन्होंने आईटीआई किया है, ने सोचा कि इस उपकरण को कम कीमतों पर किसानों के लिए पेश किया जाए. उन्होंने एक साधारण पेपर कार्टन, पैन और तापमान नियंत्रक के साथ पोल्ट्री एग हैचर का आविष्कार किया.

मूल रूप से उन्होंने अपने खुद के लिए इसका आविष्कार किया था लेकिन अब इसकी भारी मांग है. वह इसे खेती के लिए युवाओं को सिर्फ 3500 रुपये में बेचते हैं और मुर्गी पालन के बारे में भी जानकारी देते हैं. उनके किसान पिता स्वामी गौड़ा भी बेटे के काम में सहयोग कर रहे हैं. अनिल ने 1 एकड़ खेत पर अपने पिता के मशरूम फार्म के साथ-साथ जैविक मशरूम उगाए हैं.

पिता-पुत्र की जोड़ी ने खेत को बनाया प्रयोगशाला

स्वामी गौड़ा ने कमरे में कुल 150 से 200 बैग मशरूम लगाए हैं. पहले उन्होंने मशरूम के लिए बड़ी राशि नुकसान की लेकिन अब उन्होंने सीधे ग्राहकों को मशरूम बेचना शुरू कर दिया है और वे 200 रुपये में एक किलो मशरूम बेच रहे हैं. स्वामी गौड़ा ने ईटीवी भारत को बताया कि अच्छा फायदा हुआ क्योंकि उन्होंने सीधे ग्राहकों को मशरूम बेचना शुरू किया है. इसके अलावा वे अपनी जमीन में नारियल, नारंगी, इलायची और केले के साथ अन्य पौधे भी उगा रहे हैं.

युवा किसान अनिल ने कहा कि मैंने पढ़ाई के बाद कृषि में रुचि ली.अपने पिता के साथ मैंने कृषि शुरू की और देशी चिकेन का उत्पादन शुरु किया. मैंने एक इनक्यूबेटर तैयार किया है. बाजार में इनक्यूबेटर की कीमत 10 से 15 हजार रुपये है जो 40 से 50 अंडे हैच कर सकता है. लेकिन मैंने सिर्फ 3500 रुपये में एक बॉक्स तैयार किया है. मैं उन्हें अन्य किसानों को भी आपूर्ति करता हूं और अब तक 50-60 बॉक्स बेचे चुका हूं.

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वहीं अनिल के पिता किसान स्वामी गौड़ा ने कहा कि एक किलो बीज में 5 किलोग्राम मशरूम उगाया जा सकता है. एक किलो बीज की कीमत 90 रुपये है. हम 200 रुपये प्रति किलोग्राम मशरूम बेचते हैं.

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