ETV Bharat / bharat

न्याय दिलाने के लिए पिता ने बेटे का नहीं किया अंतिम संस्कार, डीप फ्रीजर में रखा शव

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र के सरैया गांव के रहने वाले रिटायर्ड फौजी शिव प्रसाद पाठक ने अपने बेटे के शव को पिछले 19 दिनों से डीप फ्रीजर में रखा हुआ है. पिता का कहना है कि दिल्ली में रह रहे उनके बेटे शिवांक की हत्या की गई. पुलिस इस मामले में उनकी कोई मदद नहीं कर रही है. उन्हें जब तक न्याय नहीं मिल जाता तब तक वे अपने बेटे का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.

न्याय दिलाने के लिए पिता ने बेटे का नहीं किया अंतिम संस्कार
न्याय दिलाने के लिए पिता ने बेटे का नहीं किया अंतिम संस्कार
author img

By

Published : Aug 20, 2021, 3:31 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक पिता ने अपने बेटे के मृत शरीर को 19 दिनों से डीप फ्रीजर में रखा हुआ है. रिटायर्ड फौजी पिता ने न्याय मिलने तक शव का अंतिम संस्कार न करने का निर्णय लिया है. उन्होंने हत्या की आशंका जताते हुए शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग की है.

मृतक के पिता रिटायर्ड फौजी शिव प्रसाद ने न्याय की गुहार लगाते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक तक बेटे की मौत की जांच और दोबारा पोस्टमार्टम की गुहार लगाई, लेकिन किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. सभी इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते दिखे.

मामला जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र के सरैया मझौवा गांव का है. यहां के रिटायर्ड फौजी शिव प्रसाद पाठक का बड़ा बेटा शिवांक पाठक दिल्ली में वर्ष 2012 से एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था. उसी वर्ष 24 अप्रैल को एक व्यक्ति के साथ मिलकर कंपनी खोल ली. कंपनी के पार्टनर ने दिल्ली की एक युवती गुरमीत कौर को एचआर बना लिया. युवती और शिवांक के बीच दोस्ती हो गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई.

न्याय दिलाने के लिए पिता ने बेटे का नहीं किया अंतिम संस्कार

वर्ष 2013 में शिवांक ने उसी युवती से शादी भी कर ली. आरोप है कि कंपनी को मुनाफा होने पर पत्नी गुरमीत ने शिवांक पर अपने पिता व भाई को पार्टनर बनाने का दबाव बनाया. दबाव में आकर शिवांक ने दो फ्लैट पत्नी के नाम कर दिए. एक कीमती कार व 85 लाख रुपये के आभूषण भी पत्नी को दे दिए. इसी बीच बीते एक अगस्त को शिवांक की मौत की खबर परिजनों को मिली.

परिजनों का कहना है कि 19 जुलाई को शिवांक ने सुलतानपुर में रहने वाले अपने छोटे भाई इशांक को काॅल कर खुद के हत्या की आशंका जताई थी. एक अगस्त को शिवांक की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली में मौत हो गई. शिवांक के पिता शिव प्रसाद ने बताया कि मौत की सूचना उन्हें दामाद से मिली तो वे छोटे बेटे के साथ दिल्ली पहुंचे.

बेटे की हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर एसएचओ बेगमपुर दिल्ली को दी लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया. पुलिस ने विसरा सुरक्षित रखने और जांच की बात कही.

इसके बाद तीन अगस्त को शव लेकर गांव आ गए. पिता ने बेटे की मौत से पर्दा उठाने के लिए कूरेभार थाने को पूरे घटनाक्रम की सूचना दी लेकिन उनकी एक न सुनी गई. तब मजबूरी में बेबस पिता ने डीप फ्रीजर खरीदा और जिगर के टुकड़े का शव रखकर इंसाफ की लड़ाई शुरू कर दी.

पढ़ें - जानिए कहां टमाटर के पौधे चोरी करते पकड़ाया कांग्रेस पार्षद, फिर दे दनादन..

पिता का कहना है कि स्थानीय थाना, एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्रा और डीएम रवीश गुप्ता तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद अब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के साथ सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय में दोबारा पोस्टमार्टम के लिये अर्जी लगाई है.

वहीं, सुलतानपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन मिश्रा ने बताया कि दिल्ली पुलिस को प्रकरण से अवगत कराया गया है. विसरा रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई दिल्ली पुलिस को ही करनी है.

स्थानीय पुलिस मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई गई है. एसओ कूरेभार श्रीराम पांडेय ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है. अभी तक उच्चाधिकारियों की तरफ से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. कोर्ट से भी पीड़ित परिवार को कोई राहत अभी तक नहीं मिल सकी है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में एक पिता ने अपने बेटे के मृत शरीर को 19 दिनों से डीप फ्रीजर में रखा हुआ है. रिटायर्ड फौजी पिता ने न्याय मिलने तक शव का अंतिम संस्कार न करने का निर्णय लिया है. उन्होंने हत्या की आशंका जताते हुए शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाने की मांग की है.

मृतक के पिता रिटायर्ड फौजी शिव प्रसाद ने न्याय की गुहार लगाते हुए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक तक बेटे की मौत की जांच और दोबारा पोस्टमार्टम की गुहार लगाई, लेकिन किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. सभी इस मामले में अपना पल्ला झाड़ते दिखे.

मामला जिले के कूरेभार थाना क्षेत्र के सरैया मझौवा गांव का है. यहां के रिटायर्ड फौजी शिव प्रसाद पाठक का बड़ा बेटा शिवांक पाठक दिल्ली में वर्ष 2012 से एक कॉल सेंटर में नौकरी करता था. उसी वर्ष 24 अप्रैल को एक व्यक्ति के साथ मिलकर कंपनी खोल ली. कंपनी के पार्टनर ने दिल्ली की एक युवती गुरमीत कौर को एचआर बना लिया. युवती और शिवांक के बीच दोस्ती हो गई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई.

न्याय दिलाने के लिए पिता ने बेटे का नहीं किया अंतिम संस्कार

वर्ष 2013 में शिवांक ने उसी युवती से शादी भी कर ली. आरोप है कि कंपनी को मुनाफा होने पर पत्नी गुरमीत ने शिवांक पर अपने पिता व भाई को पार्टनर बनाने का दबाव बनाया. दबाव में आकर शिवांक ने दो फ्लैट पत्नी के नाम कर दिए. एक कीमती कार व 85 लाख रुपये के आभूषण भी पत्नी को दे दिए. इसी बीच बीते एक अगस्त को शिवांक की मौत की खबर परिजनों को मिली.

परिजनों का कहना है कि 19 जुलाई को शिवांक ने सुलतानपुर में रहने वाले अपने छोटे भाई इशांक को काॅल कर खुद के हत्या की आशंका जताई थी. एक अगस्त को शिवांक की संदिग्ध परिस्थितियों में दिल्ली में मौत हो गई. शिवांक के पिता शिव प्रसाद ने बताया कि मौत की सूचना उन्हें दामाद से मिली तो वे छोटे बेटे के साथ दिल्ली पहुंचे.

बेटे की हत्या की आशंका जताते हुए तहरीर एसएचओ बेगमपुर दिल्ली को दी लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया. पुलिस ने विसरा सुरक्षित रखने और जांच की बात कही.

इसके बाद तीन अगस्त को शव लेकर गांव आ गए. पिता ने बेटे की मौत से पर्दा उठाने के लिए कूरेभार थाने को पूरे घटनाक्रम की सूचना दी लेकिन उनकी एक न सुनी गई. तब मजबूरी में बेबस पिता ने डीप फ्रीजर खरीदा और जिगर के टुकड़े का शव रखकर इंसाफ की लड़ाई शुरू कर दी.

पढ़ें - जानिए कहां टमाटर के पौधे चोरी करते पकड़ाया कांग्रेस पार्षद, फिर दे दनादन..

पिता का कहना है कि स्थानीय थाना, एसपी डॉ. विपिन कुमार मिश्रा और डीएम रवीश गुप्ता तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद अब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के साथ सुल्तानपुर दीवानी न्यायालय में दोबारा पोस्टमार्टम के लिये अर्जी लगाई है.

वहीं, सुलतानपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन मिश्रा ने बताया कि दिल्ली पुलिस को प्रकरण से अवगत कराया गया है. विसरा रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई दिल्ली पुलिस को ही करनी है.

स्थानीय पुलिस मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई गई है. एसओ कूरेभार श्रीराम पांडेय ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है. अभी तक उच्चाधिकारियों की तरफ से कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. कोर्ट से भी पीड़ित परिवार को कोई राहत अभी तक नहीं मिल सकी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.