ETV Bharat / bharat

शाबाश: एक तरफ जल रही थी पिता की चिता, दूसरी तरफ बेटी लिख रही थी एक्जाम

author img

By

Published : Mar 22, 2023, 10:25 PM IST

Updated : Mar 22, 2023, 10:46 PM IST

झारखंड के गिरिडीह जिले की एक बेटी ने मिसाल पेश की है. एक तरफ उसके पिता की अर्थी जल रही थी और दूसरी तरफ वह मैट्रिक की परीक्षा दे रही थी.

Father funeral being done on one side on other side daughter was writing exam in Giridih
कोलाज इमेज
देखें पूरी खबर

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में बुधवार को एक बेटी के फैसले ने सबको चौंका दिया. दरअसल जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के एक गांव की बेटी निशा कुमारी की पिता की मौत हो गई. निशा मैट्रिक की छात्रा है और इन दिनों बोर्ड परीक्षा हो रही है. ऐसे में निशा के सामने विकट परिस्थित उत्पन्न हो गई. एक तरफ मैट्रिक की परीक्षा दूसरी तरफ पिता की अर्थी पड़ी थी. ऐसे में उसके लिए उचित फैसला लेना काफी मुश्किल था. निशा ने इस कठिन समय में विवेकपूर्ण फैसला लिया और वह स्कूल पहुंचकर परीक्षा में शामिल हो गई.

ये भी पढ़ें- Newborn Dies by Police Boot: मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ मृत नवजात का पोस्टमार्टम, परिजनों ने बताई पूरी कहानी

बताया जाता है कि बगोदर के हरैयाटांड निवासी द्वारिका यादव लंबे समय से बीमार चले थे. बुधवार को उनकी मौत हो गई. इधर बुधवार को मैट्रिक के हिन्दी विषय की परीक्षा थी. द्वारिका यादव की बेटी निशा कुमारी मैट्रिक की परीक्षार्थी है. ऐसे में एक ओर पिता की मौत का गम और दूसरी ओर मैट्रिक परीक्षा लिखने की लाचारी थी. इस असमंजस में फंसी छात्रा ने आखिरकार पिता की मौत के गम के बीच परीक्षा सेंटर पहुंची और परीक्षा दी.

निशा बगोदर के गोपालडीह हाई स्कूल बेको की छात्रा है. बगोदर स्थित आरकेभी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उसका परीक्षा सेंटर था. ऐसे में उसने बगोदर पहुंचकर परीक्षा दी. उसने बताया कि परीक्षा ठीक लिखी है. बताया कि दो भाई और एक बहन में वह सबसे बड़ी है. निशा ने बताया कि पिता बीमार चल रहे थे और बुधवार को उनकी मौत हो गई. इधर गोपालडीह हाई स्कूल बेको के शिक्षक राकेश कुमार ने निशा के इस कार्य की सराहना की और कहा है कि शिक्षा के प्रति जागरूकता का यह परिणाम है. उन्होंने कहा कि निशा के पिता को वापस नहीं लाया जा सकता है, लेकिन वह परीक्षा नहीं लिखती तब उसकी मेहनत और एक साल व्यर्थ में चला जाता. ऐसे में निशा ने परीक्षा लिखने का जो निर्णय लिया है वह वास्तव में प्रशंसनीय है.

देखें पूरी खबर

गिरिडीह: झारखंड के गिरिडीह जिले में बुधवार को एक बेटी के फैसले ने सबको चौंका दिया. दरअसल जिले के बगोदर थाना क्षेत्र के एक गांव की बेटी निशा कुमारी की पिता की मौत हो गई. निशा मैट्रिक की छात्रा है और इन दिनों बोर्ड परीक्षा हो रही है. ऐसे में निशा के सामने विकट परिस्थित उत्पन्न हो गई. एक तरफ मैट्रिक की परीक्षा दूसरी तरफ पिता की अर्थी पड़ी थी. ऐसे में उसके लिए उचित फैसला लेना काफी मुश्किल था. निशा ने इस कठिन समय में विवेकपूर्ण फैसला लिया और वह स्कूल पहुंचकर परीक्षा में शामिल हो गई.

ये भी पढ़ें- Newborn Dies by Police Boot: मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हुआ मृत नवजात का पोस्टमार्टम, परिजनों ने बताई पूरी कहानी

बताया जाता है कि बगोदर के हरैयाटांड निवासी द्वारिका यादव लंबे समय से बीमार चले थे. बुधवार को उनकी मौत हो गई. इधर बुधवार को मैट्रिक के हिन्दी विषय की परीक्षा थी. द्वारिका यादव की बेटी निशा कुमारी मैट्रिक की परीक्षार्थी है. ऐसे में एक ओर पिता की मौत का गम और दूसरी ओर मैट्रिक परीक्षा लिखने की लाचारी थी. इस असमंजस में फंसी छात्रा ने आखिरकार पिता की मौत के गम के बीच परीक्षा सेंटर पहुंची और परीक्षा दी.

निशा बगोदर के गोपालडीह हाई स्कूल बेको की छात्रा है. बगोदर स्थित आरकेभी कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उसका परीक्षा सेंटर था. ऐसे में उसने बगोदर पहुंचकर परीक्षा दी. उसने बताया कि परीक्षा ठीक लिखी है. बताया कि दो भाई और एक बहन में वह सबसे बड़ी है. निशा ने बताया कि पिता बीमार चल रहे थे और बुधवार को उनकी मौत हो गई. इधर गोपालडीह हाई स्कूल बेको के शिक्षक राकेश कुमार ने निशा के इस कार्य की सराहना की और कहा है कि शिक्षा के प्रति जागरूकता का यह परिणाम है. उन्होंने कहा कि निशा के पिता को वापस नहीं लाया जा सकता है, लेकिन वह परीक्षा नहीं लिखती तब उसकी मेहनत और एक साल व्यर्थ में चला जाता. ऐसे में निशा ने परीक्षा लिखने का जो निर्णय लिया है वह वास्तव में प्रशंसनीय है.

Last Updated : Mar 22, 2023, 10:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.