ETV Bharat / bharat

मालदीव विवाद पर ये क्या बोल गए फारूक अब्दुल्ला, अलापा मुस्लिम राग

author img

By ANI

Published : Jan 10, 2024, 8:02 AM IST

Updated : Jan 10, 2024, 12:23 PM IST

Farooq Abdullah on Maldives row: नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मालदीव विवाद पर एक अलग ही विचार व्यक्त किया है. उन्होंने इसे एक बार फिर से मुसलमानों से जोड़ा है.

Farooq Abdullah amid row over Maldivian posts against PM Modi
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने मालदीव विवाद पर एक अलग ही विचार व्यक्त किया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की अशोभनीय टिप्पणियों के विवाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ 'बढ़ती नफरत' का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है. मंगलवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह देखते हुए कि भारत पिछले वर्षों में द्वीप देश के साथ कैसे खड़ा रहा और यहां तक ​​कि इसे एक विदेशी शक्ति द्वारा कब्जा करने से भी रोका गया, वह यह समझने में असमर्थ हैं कि मालदीव के नेताओं ने ऐसी टिप्पणी क्यों की?'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा,'भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है. जब देश पर किसी विदेशी शक्ति के कब्जा होने का खतरा हुआ, तो हमारी सेनाएँ वहाँ गईं, अपने लोगों को बचाया और उनकी एक इंच भी जमीन पर कब्जा किए बिना अपने वतन लौट आईं. इसलिए मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि यह विवाद किस कारण से उत्पन्न हुआ. क्या देश में मुसलमानों के प्रति बढ़ती नफरत का इससे कोई लेना-देना है? केवल विदेश मंत्री ही जवाब दे सकते हैं.'

मालदीव के वो नेता जिन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की
मालदीव के वो नेता जिन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख ने कहा,'चीन का प्रभाव (हिंद महासागर क्षेत्र और भारतीय उपमहाद्वीप में) बढ़ रहा है. यह न केवल वहां (मालदीव) बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी स्पष्ट है. हमारी सरकार बातचीत के जरिए मामलों को सुलझाने की कोशिश कर रही है लेकिन सफलता तभी मिल सकती है जब चीन सही इरादा दिखाए.'

अब्दुल्ला ने कहा, 'भारत और चीन उसी तरह दोस्त बन सकते हैं जैसे वे पहले हुआ करते थे, (जवाहरलाल) नेहरू के समय जब पंचशील (समझौता) पर हस्ताक्षर किए गए थे.' इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,'पीएम मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि किसी दूसरे देश में जिम्मेदार सार्वजनिक पद पर बैठे नेता के लिए उनके खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना स्वीकार्य नहीं है. वह हमारे प्रधान मंत्री हैं और अगर किसी अन्य देश में कोई नेता उनके बारे में ऐसी टिप्पणी करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'

एनसीपी प्रमुख ने कहा,'इस बात पर जोर देते हुए कि पीएम के पद का सम्मान किया जाना चाहिए और इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए. पीएम के पद को अन्यत्र नेताओं द्वारा भी सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए. हम देश के बाहर किसी से भी प्रधानमंत्री के खिलाफ एक शब्द भी स्वीकार नहीं करेंगे.'

हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद से पीएम मोदी को हर चीज को 'व्यक्तिगत' रूप से लेने की आदत हो गई है. भारत को पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, वह चीजों को व्यक्तिगत रूप से ले रहे हैं.

हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध विकसित करने और यह सुनिश्चित करने चाहिए. हमें समय की जरूरतों के अनुसार कार्य करना चाहिए क्योंकि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. मालदीव के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी की हाल की लक्षद्वीप यात्रा और द्वीप समूह को समुद्र तट पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के उनके आह्वान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया.

ये भी पढ़ें- भारत ने सबक सिखाया तो ढीले पढ़े मालदीव के तेवर, चीन के आगे मुइज्जू ने लगाई गुहार

ये भी पढ़ें- मोइज्जू को भारी पड़ सकता है भारत से तनाव, मालदीव में अविश्वास का माहौल

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों की अशोभनीय टिप्पणियों के विवाद में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि देश में मुसलमानों के खिलाफ 'बढ़ती नफरत' का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है. मंगलवार को न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह देखते हुए कि भारत पिछले वर्षों में द्वीप देश के साथ कैसे खड़ा रहा और यहां तक ​​कि इसे एक विदेशी शक्ति द्वारा कब्जा करने से भी रोका गया, वह यह समझने में असमर्थ हैं कि मालदीव के नेताओं ने ऐसी टिप्पणी क्यों की?'

फारूक अब्दुल्ला ने कहा,'भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है. जब देश पर किसी विदेशी शक्ति के कब्जा होने का खतरा हुआ, तो हमारी सेनाएँ वहाँ गईं, अपने लोगों को बचाया और उनकी एक इंच भी जमीन पर कब्जा किए बिना अपने वतन लौट आईं. इसलिए मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि यह विवाद किस कारण से उत्पन्न हुआ. क्या देश में मुसलमानों के प्रति बढ़ती नफरत का इससे कोई लेना-देना है? केवल विदेश मंत्री ही जवाब दे सकते हैं.'

मालदीव के वो नेता जिन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की
मालदीव के वो नेता जिन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख ने कहा,'चीन का प्रभाव (हिंद महासागर क्षेत्र और भारतीय उपमहाद्वीप में) बढ़ रहा है. यह न केवल वहां (मालदीव) बल्कि नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी स्पष्ट है. हमारी सरकार बातचीत के जरिए मामलों को सुलझाने की कोशिश कर रही है लेकिन सफलता तभी मिल सकती है जब चीन सही इरादा दिखाए.'

अब्दुल्ला ने कहा, 'भारत और चीन उसी तरह दोस्त बन सकते हैं जैसे वे पहले हुआ करते थे, (जवाहरलाल) नेहरू के समय जब पंचशील (समझौता) पर हस्ताक्षर किए गए थे.' इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार ने मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,'पीएम मोदी का समर्थन करते हुए कहा कि किसी दूसरे देश में जिम्मेदार सार्वजनिक पद पर बैठे नेता के लिए उनके खिलाफ ऐसी टिप्पणी करना स्वीकार्य नहीं है. वह हमारे प्रधान मंत्री हैं और अगर किसी अन्य देश में कोई नेता उनके बारे में ऐसी टिप्पणी करता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'

एनसीपी प्रमुख ने कहा,'इस बात पर जोर देते हुए कि पीएम के पद का सम्मान किया जाना चाहिए और इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए. पीएम के पद को अन्यत्र नेताओं द्वारा भी सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए. हम देश के बाहर किसी से भी प्रधानमंत्री के खिलाफ एक शब्द भी स्वीकार नहीं करेंगे.'

हालांकि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद से पीएम मोदी को हर चीज को 'व्यक्तिगत' रूप से लेने की आदत हो गई है. भारत को पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, 'जब से नरेंद्र मोदी सत्ता में आए हैं, वह चीजों को व्यक्तिगत रूप से ले रहे हैं.

हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध विकसित करने और यह सुनिश्चित करने चाहिए. हमें समय की जरूरतों के अनुसार कार्य करना चाहिए क्योंकि हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते. मालदीव के मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों द्वारा पीएम मोदी की हाल की लक्षद्वीप यात्रा और द्वीप समूह को समुद्र तट पर्यटन के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के उनके आह्वान के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया.

ये भी पढ़ें- भारत ने सबक सिखाया तो ढीले पढ़े मालदीव के तेवर, चीन के आगे मुइज्जू ने लगाई गुहार

ये भी पढ़ें- मोइज्जू को भारी पड़ सकता है भारत से तनाव, मालदीव में अविश्वास का माहौल

Last Updated : Jan 10, 2024, 12:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.