करनाल: हरियाणा के करनाल में लघु सचिवालय के बाहर किसानों का धरना जारी है. प्रशासन से दो बार की वार्ता विफल रहने के बाद किसान लघु सचिवालय के बाहर धरने पर डटे हुए हैं. किसान तीन मांगों को पूरा करने की मांग पर अड़े हुए हैं.
मंगलवार रात ईटीवी भारत की टीम भी पूरी रात लघु सचिवालय के बाहर किसानों के साथ मौजूद रही. इस दौरान किसानों ने बातचीत में बताया कि वो सरकार की मरोड़ निकाल कर रहेंगे. तीन कृषि कानूनों को भी रद्द करवाएंगे और महापंचायत द्वारा लिए फैसले लाठीचार्ज में शहीद किसान को लेकर तीन मांगों को भी पूरा करवाएंगे. धरना दे रहे किसानों ने साफ तौर पर कहा कि अब सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई होगी.
देर रात ईटीवी भारत ने दिल्ली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग का दौरा किया. इस दौरान बहुत से किसान राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर सड़कों के किनारे अपनी गाड़ियां लगाकर आराम करते हुए मिले. कुछ किसान ताश के पत्तों के साथ अपना समय बिता रहे थे. किसानों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मान लेती यह लड़ाई चलती रहेगी.
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प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों और प्रदेश के बाहर के जिलों से भी बहुत से किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर आराम करने के लिए अपना कब्जा जमाए रखा. कुछ किसानों ने यह भी कहा कि अपने घर का आराम छोड़कर बाहर सड़कों पर इस तरह से सोना हमारी मजबूरी है. बहराल प्रशासन की तमाम रुकावटों को दूर करते हुए किसानों ने करनाल जिला सचिवालय की घेराबंदी कर डाली है. अब देखना है कि हजारों की संख्या में किसानों का जिला सचिवालय पर कब्जा होने के बाद अगला फैसला क्या लेना है.
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