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आंदोलन का 84वां दिन : किसानों का रेल रोको अभियान कल, टिकैत बोले ग्रामीण खुद करेंगे संचालन - farmer protest

आंदोलन का 84वां दिन
आंदोलन का 84वां दिन
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Published : Feb 17, 2021, 7:32 AM IST

Updated : Feb 17, 2021, 4:27 PM IST

16:27 February 17

14:15 February 17

रेल रोको अभियान की शुरुआत 12 बजे से, 3-4 बजे के बीच समापन

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल रेल रोको अभियान 12 बजे से 3-4 बजे तक रहेगा. हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं. अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले. गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे.

10:15 February 17

18 फरवरी को रेल रोको अभियान

भारतीय किसान यूनियन के द्वारा पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा. अपनी मांग को लेकर इस महीने के शुरू में किसान संगठनों ने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था. 
 

किसानों का 'रेल रोको' अभियान

भारतीय किसान यूनियन के एनसीआर सचिव मांगेराम त्यागी ने बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की बुधवार को घोषणा की है. 

एनसीआर सचिव ने अपने बयान में कहा कि पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जायेगा. तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था. 

दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कृषि कानूनों के विरोध और एमएसपी पर कानूनी जामा पहनाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय आह्वान पर लामबंद हो चुकी है. 

संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी रेल का चक्का जाम करने के लिए करने के लिए तैयार हैं. संगठन के एनसीआर सचिव मांगेराम त्यागी ने कहा कि किसान तीनों कानून कृषि कानून के विरोध में है, जब तक वापस नहीं होगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

09:32 February 17

दिल्ली पुलिस ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर कल एक आंदोलनकारी द्वारा हमला किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस SHO को चोटें आईं. आंदोलनकारी एक पुलिसकर्मी की कार छीनने का प्रयास कर रहा था. जब उसे रोका गया, तो उसने एक तेज वस्तु से SHO पर हमला किया. उसे मुकरबा चौक के पास से गिरफ्तार किया गया है. 

08:54 February 17

किसान बिल की बारीकियों को समझाते हुए बीजेपी एक बुकलेट तैयार करा रही है. जिसमें किसान कानून को सरल शब्दों में उल्लेखित किया जाएगा. इस बुकलेट को लेकर भाजपा के नेताओं को जाट बाहुल्य इलाके में जाकर किसानों को कानून के बारे में बताने के लिए कहा गया है. 

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अमित शाह ने बैठक में बीजेपी नेताओं से कहा कि ये आंदोलन राजनीतिक है. कम्युनिस्ट हमारी विचारधारा को समाप्त करना चाहते हैं. इस आंदोलन का किसानों से कोई मतलब नहीं है. ये सच्चाई जाट समाज को बतानी होगी. जेपी नड्डा ने कहा कि 3-4 दिन में योजना बनाकर खापों के बीच संवाद करना है

08:48 February 17

बीजेपी ने पार्टी नेताओं से कहा, कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमियों को दूर करें

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 84 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की. उन्हें कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमी दूर करने के लिए कहा.

इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, सांसद सत्यपाल सिंह सहित कुछ अन्य नेता शामिल हुए.  

ज्ञात हो कि कृषि कानूनों को लेकर सबसे अधिक नाराजगी  पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों में देखी गई है.  दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे किसानों में अधिकांश इन्हीं राज्यों के हैं.

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन नेताओं को जनता, विशेष रूप से किसान समुदाय के बीच जाकर तीन नए कृषि कानूनों के बारे में गलत धारणाएं और गलतफहमी को दूर करने के लिए कहा. नड्डा, शाह ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 80 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की.

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे. इनके अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, सांसद सत्यपाल सिंह सहित कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए.  

06:56 February 17

किसान आंदोलन

नई दिल्ली : कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बीते 84 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है, ऐसे में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बॉर्डर खाली होने की खबर पर किसानों में आक्रोश नजर आने लगा है, वहीं किसानों की अगली रणनीति के तहत वह अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है.

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, हम समूचे मीडिया से गुस्सा नहीं हैं, लेकिन मीडिया का एक वर्ग लगातार भ्रामक और झूठी खबरें फैला रहा है.

किसानों के बेटों को एक्टिव किया जा रहा है, जो किसान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं है, उनकी आईडी बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद वह रोज बॉर्डर से कृषि विषयों पर पोस्ट करेंगे और यहां की सच्चाई कोने-कोने तक पहुंचाएंगे.

उन्होंने आगे कहा, हाल ही में जो बॉर्डर खाली होने की खबरें चलाई गई हैं, उसके बाद हम लोगों ने ये रणनीति बनाई है. हमारी लड़ाई अब सिर्फ सरकार से ही नहीं, बल्कि उन लोगों से भी है जो इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल मीडिया के इस जमाने में कुछ भी छिपता नहीं है, फिर भी ये अपनी आदत से लाचार हैं या उन्हें सरकार के तरफदार होने का सबूत पेश करने की मजबूरी रहती है.

सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार है, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं.

दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

16:27 February 17

14:15 February 17

रेल रोको अभियान की शुरुआत 12 बजे से, 3-4 बजे के बीच समापन

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल रेल रोको अभियान 12 बजे से 3-4 बजे तक रहेगा. हम तो रेल चलाने की बात कर रहे हैं. अगर रेल रोकेंगे तो संदेश देंगे कि रेल चले. गांव के लोग अपने हिसाब से रेल रोको अभियान का संचालन कर लेंगे.

10:15 February 17

18 फरवरी को रेल रोको अभियान

भारतीय किसान यूनियन के द्वारा पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा. अपनी मांग को लेकर इस महीने के शुरू में किसान संगठनों ने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था. 
 

किसानों का 'रेल रोको' अभियान

भारतीय किसान यूनियन के एनसीआर सचिव मांगेराम त्यागी ने बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की बुधवार को घोषणा की है. 

एनसीआर सचिव ने अपने बयान में कहा कि पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जायेगा. तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने तीन घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था. 

दिल्ली की सीमाओं पर किसान पिछले कई महीनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. कृषि कानूनों के विरोध और एमएसपी पर कानूनी जामा पहनाने को लेकर भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय आह्वान पर लामबंद हो चुकी है. 

संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी रेल का चक्का जाम करने के लिए करने के लिए तैयार हैं. संगठन के एनसीआर सचिव मांगेराम त्यागी ने कहा कि किसान तीनों कानून कृषि कानून के विरोध में है, जब तक वापस नहीं होगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

09:32 February 17

दिल्ली पुलिस ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर कल एक आंदोलनकारी द्वारा हमला किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस SHO को चोटें आईं. आंदोलनकारी एक पुलिसकर्मी की कार छीनने का प्रयास कर रहा था. जब उसे रोका गया, तो उसने एक तेज वस्तु से SHO पर हमला किया. उसे मुकरबा चौक के पास से गिरफ्तार किया गया है. 

08:54 February 17

किसान बिल की बारीकियों को समझाते हुए बीजेपी एक बुकलेट तैयार करा रही है. जिसमें किसान कानून को सरल शब्दों में उल्लेखित किया जाएगा. इस बुकलेट को लेकर भाजपा के नेताओं को जाट बाहुल्य इलाके में जाकर किसानों को कानून के बारे में बताने के लिए कहा गया है. 

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि अमित शाह ने बैठक में बीजेपी नेताओं से कहा कि ये आंदोलन राजनीतिक है. कम्युनिस्ट हमारी विचारधारा को समाप्त करना चाहते हैं. इस आंदोलन का किसानों से कोई मतलब नहीं है. ये सच्चाई जाट समाज को बतानी होगी. जेपी नड्डा ने कहा कि 3-4 दिन में योजना बनाकर खापों के बीच संवाद करना है

08:48 February 17

बीजेपी ने पार्टी नेताओं से कहा, कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमियों को दूर करें

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 84 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की. उन्हें कृषि कानूनों के बारे में गलतफहमी दूर करने के लिए कहा.

इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, सांसद सत्यपाल सिंह सहित कुछ अन्य नेता शामिल हुए.  

ज्ञात हो कि कृषि कानूनों को लेकर सबसे अधिक नाराजगी  पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसानों में देखी गई है.  दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर डटे किसानों में अधिकांश इन्हीं राज्यों के हैं.

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इन नेताओं को जनता, विशेष रूप से किसान समुदाय के बीच जाकर तीन नए कृषि कानूनों के बारे में गलत धारणाएं और गलतफहमी को दूर करने के लिए कहा. नड्डा, शाह ने पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले लगभग 80 दिनों से जारी किसान आंदोलन के बीच किसान संगठनों द्वारा की जा रही महापंचायत के मद्देनजर अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के नेताओं के साथ बैठक की.

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे. इनके अलावा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार चाहर, सांसद सत्यपाल सिंह सहित कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए.  

06:56 February 17

किसान आंदोलन

नई दिल्ली : कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बीते 84 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है, ऐसे में तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में बॉर्डर खाली होने की खबर पर किसानों में आक्रोश नजर आने लगा है, वहीं किसानों की अगली रणनीति के तहत वह अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की रणनीति बनाई है.

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा, हम समूचे मीडिया से गुस्सा नहीं हैं, लेकिन मीडिया का एक वर्ग लगातार भ्रामक और झूठी खबरें फैला रहा है.

किसानों के बेटों को एक्टिव किया जा रहा है, जो किसान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं है, उनकी आईडी बनाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद वह रोज बॉर्डर से कृषि विषयों पर पोस्ट करेंगे और यहां की सच्चाई कोने-कोने तक पहुंचाएंगे.

उन्होंने आगे कहा, हाल ही में जो बॉर्डर खाली होने की खबरें चलाई गई हैं, उसके बाद हम लोगों ने ये रणनीति बनाई है. हमारी लड़ाई अब सिर्फ सरकार से ही नहीं, बल्कि उन लोगों से भी है जो इस आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं. सोशल मीडिया के इस जमाने में कुछ भी छिपता नहीं है, फिर भी ये अपनी आदत से लाचार हैं या उन्हें सरकार के तरफदार होने का सबूत पेश करने की मजबूरी रहती है.

सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार है, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं.

दरअसल, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 17, 2021, 4:27 PM IST
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