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आंदोलन का 38वां दिन : केंद्र के साथ वार्ता विफल होने पर सख्त कदम उठाएंगे किसान

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Published : Jan 2, 2021, 6:42 AM IST

Updated : Jan 2, 2021, 3:23 PM IST

14:54 January 02

नहीं पूरी हुई मांगें तो करेंगे 'किसान गणतंत्र परेड'

किसानों का सरकार को अल्टीमेटम

स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि 'अगर 26 जनवरी तक हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो किसान दिल्ली में किसान गणतंत्र परेड करेंगे.' 

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 'हम राष्ट्रीय राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्रों के किसानों से अपील करते हैं कि वे तैयार रहें और देश के हर किसान परिवार से अनुरोध करते हैं कि यदि संभव हो तो परिवार के एक सदस्य को दिल्ली भेजें.'

14:02 January 02

बारिश ने बढ़ाई परेशानी

गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के सामने बारिश और ठंड दोहरी मुश्किलें लेकर आई है. दिल्ली में आज सुबह सुबह हल्की बारिश हुई है. इससे दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ गई है. 

10:42 January 02

धरनास्थल पर लगाए गए शौचालय में किसान ने लगाई फांसी

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन जारी है. गाजियाबाद और दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच से आज दूसरी बुरी खबर आई है. यूपी गेट पर स्थित शौचालय के भीतर कश्मीर सिंह नाम के किसान का शव लटका हुआ मिला. कहा जा रहा है कि किसान ने आत्महत्या की है.आत्महत्या के कारण साफ नहीं हो पाए हैं. कश्मीर सिंह के शव को पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शौचालय से बाहर निकाला. कश्मीर सिंह बिलासपुर के रहने वाले थे. जिनकी उम्र करीब 70 वर्ष थी. बताया जा रहा है कि उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसकी जांच पुलिस कर रही है. सुसाइड नोट में लिखा है- मैंने जहां अपना शरीर छोड़ा है मेरा अंतिम संस्कार वहीं किया जाए.

09:51 January 02

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 38वें दिन भी जारी है. 4 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार की वार्ता होगी.

09:48 January 02

पिछले 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे महंत जसबीरदास

देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान 1 महीने से ज्यादा वक्त से अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. इस बीच कई बार बातचीत का दौर चला, जहां किसान और सरकार के बीच में बातचीत हुई और किसान अपनी मांगों पर अभी भी डटे हुए. लेकिन वहीं एक किसान ऐसे भी हैं जो मुख्यमंच से पीछे अमरण अनशन पर बैठ चुके हैं. यह किसान पिछले 19 दिन से मरण-अनशन पर बैठे हुए हैं. ना जल ग्रहण कर रहे हैं और ना ही खाना और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तब तक यह इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे, फिर चाहे इन्हें अपनी जान की कुर्बानी क्यों न देनी पड़ जाए.

पिछले 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे महंत जसबीरदास

सिंघु बॉर्डर का नाम भी बदला जाए

पिछले एक महीने से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है जहां किसान सिंघु बॉर्डर पर लेटे हुए हैं और अपनी मांगों को मनवाने की लगातार पुरजोर कोशिश किसानों की तरफ से की जा रही है. ऐसे में अब किसानों का कहना है कि सिंघु बॉर्डर का नाम बदलकर सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए, क्योंकि यहां पर सिंह यानी शेर के तरीके से किसान हर तरह के मौसम का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरीके से किसान इतने दिनों से कड़ाके की ठंड में भी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. उसी वजह से सिंघु बॉर्डर का नाम सिंघु बॉर्डर की जगह सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए.
 

सरकार करे मांगे पूरी

किसानों की लड़ाई को लड़ते हुए महंत जसवीर दास 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक किसान की मांगे पूरी नहीं होती तब तक सरकार से अपील करते हुए इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे.

07:50 January 02

गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत

एक और किसान की मौत

दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. ठंड और कोहरे के बीच किसान लगातार सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसानों की आज मौत हो गई. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के मोजियाबाद नंगल गांव के रहने वाले 55 वर्षीय गलतान सिंह की आज आंदोलन स्थल पर मृत्यु हो गई.


गलतान सिंह को श्रद्धांजलि

गलतान सिंह करीब 18 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल थे. भारतीय किसान यूनियन के तमाम नेताओं समेत किसानों ने गलतान सिंह को श्रद्धांजलि दी. उनके परिवार वालों की इच्छा थी कि गलतान सिंह का अंतिम संस्कार गांव में हो. श्रंद्धाजलि देने के बाद परिवार वाले उनका शव एंबुलेंस में रख गांव ले गए हैं. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि गलतान सिंह की कुर्बानी को देश का किसान हमेशा याद रखेगा. किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को केंद्र सरकार आर्थिक सहायता और शहीद का दर्जा देना चाहिए.

06:27 January 02

किसान लाइव अपडेट

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है. केंद्र के साथ अगले दौर की बातचीत से पहले अपने तेवर सख्त करते हुए किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार चार जनवरी की बैठक में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने की उनकी मुख्य मांगों को हल करने में नाकाम रहती है तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंप बंद करना शुरू कर देंगे.

किसान नेता युद्धवीर सिंह  का कहना है कि सरकार और किसान संगठनों के बीच चार जनवरी को होने वाली बैठक में ठोस फैसला नहीं हुआ तो वे छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.

सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद

वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में 'सकारात्मक परिणाम' निकलने की उम्मीद है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की वार्ता अंतिम होगी या नहीं.

 मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई

बता दें कि सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है.

उन्होंने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कदमों की चेतावनी दी.

गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले की गयी घोषणा में मुख्य मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर कृषक संगठनों ने एक महीने में कई विरोध कार्यक्रमों का जिक्र किया.

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सोचती है कि किसानों का विरोध शाहीन बाग की तरह हो जाएगा, तो यह गलत है. उन्होंने कहा, वे (सरकार) हमें इस जगह से वैसे नहीं हटा सकते हैं, जैसा उन्होंने शाहीन बाग में किया था.

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई महीनों तक शाहीन बाग में डेरा डाला था. बाद में, दिल्ली पुलिस ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में लोगों को वहां से हटा दिया था.

कड़े कदम उठाएंगे

किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को उनके पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे.

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी जैसे दो मुख्य मुद्दों पर सरकार एक इंच भी नहीं बढ़ी है.

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्धता जताने से इनकार किया है.

अगले कदम का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी और वहीं किसान संगठन एक साथ विरोध को तेज करेंगे और इसे देश के हर कोने में ले जाएंगे.

एक अन्य किसान नेता विकास ने संवाददाताओं से कहा, अगर सरकार के साथ चार जनवरी की बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कई निर्णय लिए गए. दिल्ली की सीमाओं पर लगभग 40 किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चे के तहत आंदोलन कर रही हैं.

किसान यूनियनों के अनुसार, यदि चार जनवरी की वार्ता के परिणाम संतोषजनक नहीं होते हैं, तो प्रदर्शन स्थल से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. इसके अलावा उन किसानों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का आह्वान किया जाएगा जो हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन के पंजाब तक सीमित रहने के सरकार के कथित दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए छह जनवरी से 20 जनवरी तक देशभर में रैलियां, धरने, और संवाददाता सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा.

किसान नेताओं ने कहा कि 18 जनवरी को महिला दिवस मनाया जाएगा और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर किसानों की चिंताओं के हल के लिए कुछ सहमति बनी. लेकिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दों पर गतिरोध कायम रहा.

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के 41-सदस्यीय प्रतिनिधि समूह और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को दोपहर दो बजे चर्चा होगी.

 बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं.

14:54 January 02

नहीं पूरी हुई मांगें तो करेंगे 'किसान गणतंत्र परेड'

किसानों का सरकार को अल्टीमेटम

स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि 'अगर 26 जनवरी तक हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो किसान दिल्ली में किसान गणतंत्र परेड करेंगे.' 

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 'हम राष्ट्रीय राजधानी के निकटवर्ती क्षेत्रों के किसानों से अपील करते हैं कि वे तैयार रहें और देश के हर किसान परिवार से अनुरोध करते हैं कि यदि संभव हो तो परिवार के एक सदस्य को दिल्ली भेजें.'

14:02 January 02

बारिश ने बढ़ाई परेशानी

गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के सामने बारिश और ठंड दोहरी मुश्किलें लेकर आई है. दिल्ली में आज सुबह सुबह हल्की बारिश हुई है. इससे दिल्ली-एनसीआर में ठंड बढ़ गई है. 

10:42 January 02

धरनास्थल पर लगाए गए शौचालय में किसान ने लगाई फांसी

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन जारी है. गाजियाबाद और दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के बीच से आज दूसरी बुरी खबर आई है. यूपी गेट पर स्थित शौचालय के भीतर कश्मीर सिंह नाम के किसान का शव लटका हुआ मिला. कहा जा रहा है कि किसान ने आत्महत्या की है.आत्महत्या के कारण साफ नहीं हो पाए हैं. कश्मीर सिंह के शव को पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शौचालय से बाहर निकाला. कश्मीर सिंह बिलासपुर के रहने वाले थे. जिनकी उम्र करीब 70 वर्ष थी. बताया जा रहा है कि उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसकी जांच पुलिस कर रही है. सुसाइड नोट में लिखा है- मैंने जहां अपना शरीर छोड़ा है मेरा अंतिम संस्कार वहीं किया जाए.

09:51 January 02

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 38वें दिन भी जारी है. 4 जनवरी को किसानों और केंद्र सरकार की वार्ता होगी.

09:48 January 02

पिछले 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे महंत जसबीरदास

देश की राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान 1 महीने से ज्यादा वक्त से अपनी मांगों को लेकर बैठे हुए हैं. इस बीच कई बार बातचीत का दौर चला, जहां किसान और सरकार के बीच में बातचीत हुई और किसान अपनी मांगों पर अभी भी डटे हुए. लेकिन वहीं एक किसान ऐसे भी हैं जो मुख्यमंच से पीछे अमरण अनशन पर बैठ चुके हैं. यह किसान पिछले 19 दिन से मरण-अनशन पर बैठे हुए हैं. ना जल ग्रहण कर रहे हैं और ना ही खाना और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तब तक यह इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे, फिर चाहे इन्हें अपनी जान की कुर्बानी क्यों न देनी पड़ जाए.

पिछले 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे महंत जसबीरदास

सिंघु बॉर्डर का नाम भी बदला जाए

पिछले एक महीने से भी ज्यादा का वक्त गुजर चुका है जहां किसान सिंघु बॉर्डर पर लेटे हुए हैं और अपनी मांगों को मनवाने की लगातार पुरजोर कोशिश किसानों की तरफ से की जा रही है. ऐसे में अब किसानों का कहना है कि सिंघु बॉर्डर का नाम बदलकर सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए, क्योंकि यहां पर सिंह यानी शेर के तरीके से किसान हर तरह के मौसम का सामना कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिस तरीके से किसान इतने दिनों से कड़ाके की ठंड में भी अपनी मांग को लेकर डटे हुए हैं. उसी वजह से सिंघु बॉर्डर का नाम सिंघु बॉर्डर की जगह सिंह बॉर्डर कर देना चाहिए.
 

सरकार करे मांगे पूरी

किसानों की लड़ाई को लड़ते हुए महंत जसवीर दास 19 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं और उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक किसान की मांगे पूरी नहीं होती तब तक सरकार से अपील करते हुए इसी तरीके से मरणअनशन पर बैठे रहेंगे.

07:50 January 02

गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल एक और किसान की मौत

एक और किसान की मौत

दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. ठंड और कोहरे के बीच किसान लगातार सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक किसानों की आज मौत हो गई. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के मोजियाबाद नंगल गांव के रहने वाले 55 वर्षीय गलतान सिंह की आज आंदोलन स्थल पर मृत्यु हो गई.


गलतान सिंह को श्रद्धांजलि

गलतान सिंह करीब 18 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल थे. भारतीय किसान यूनियन के तमाम नेताओं समेत किसानों ने गलतान सिंह को श्रद्धांजलि दी. उनके परिवार वालों की इच्छा थी कि गलतान सिंह का अंतिम संस्कार गांव में हो. श्रंद्धाजलि देने के बाद परिवार वाले उनका शव एंबुलेंस में रख गांव ले गए हैं. जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि गलतान सिंह की कुर्बानी को देश का किसान हमेशा याद रखेगा. किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को केंद्र सरकार आर्थिक सहायता और शहीद का दर्जा देना चाहिए.

06:27 January 02

किसान लाइव अपडेट

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है. केंद्र के साथ अगले दौर की बातचीत से पहले अपने तेवर सख्त करते हुए किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार चार जनवरी की बैठक में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने की उनकी मुख्य मांगों को हल करने में नाकाम रहती है तो वे हरियाणा में सभी मॉल और पेट्रोल पंप बंद करना शुरू कर देंगे.

किसान नेता युद्धवीर सिंह  का कहना है कि सरकार और किसान संगठनों के बीच चार जनवरी को होने वाली बैठक में ठोस फैसला नहीं हुआ तो वे छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे.

सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद

वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार को किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में 'सकारात्मक परिणाम' निकलने की उम्मीद है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि सातवें दौर की वार्ता अंतिम होगी या नहीं.

 मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई

बता दें कि सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार के साथ अब तक हुई बैठकों में किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों में से केवल पांच प्रतिशत पर चर्चा हुई है.

उन्होंने अपनी मुख्य मांगों के पूरा नहीं होने पर कदमों की चेतावनी दी.

गणतंत्र दिवस समारोह से कुछ दिन पहले की गयी घोषणा में मुख्य मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर कृषक संगठनों ने एक महीने में कई विरोध कार्यक्रमों का जिक्र किया.

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि अगर केंद्र सरकार सोचती है कि किसानों का विरोध शाहीन बाग की तरह हो जाएगा, तो यह गलत है. उन्होंने कहा, वे (सरकार) हमें इस जगह से वैसे नहीं हटा सकते हैं, जैसा उन्होंने शाहीन बाग में किया था.

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई महीनों तक शाहीन बाग में डेरा डाला था. बाद में, दिल्ली पुलिस ने पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में लोगों को वहां से हटा दिया था.

कड़े कदम उठाएंगे

किसान नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सरकार चार जनवरी को उनके पक्ष में फैसला नहीं लेती है तो वे कड़े कदम उठाएंगे.

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी जैसे दो मुख्य मुद्दों पर सरकार एक इंच भी नहीं बढ़ी है.

उन्होंने दावा किया कि सरकार ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दे पर सैद्धांतिक रूप से प्रतिबद्धता जताने से इनकार किया है.

अगले कदम का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी और वहीं किसान संगठन एक साथ विरोध को तेज करेंगे और इसे देश के हर कोने में ले जाएंगे.

एक अन्य किसान नेता विकास ने संवाददाताओं से कहा, अगर सरकार के साथ चार जनवरी की बैठक में गतिरोध दूर नहीं होता है तो हम हरियाणा में सभी मॉल, पेट्रोल पंपों को बंद करने की तारीखों की घोषणा करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कई निर्णय लिए गए. दिल्ली की सीमाओं पर लगभग 40 किसान यूनियन संयुक्त किसान मोर्चे के तहत आंदोलन कर रही हैं.

किसान यूनियनों के अनुसार, यदि चार जनवरी की वार्ता के परिणाम संतोषजनक नहीं होते हैं, तो प्रदर्शन स्थल से कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. इसके अलावा उन किसानों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ने का आह्वान किया जाएगा जो हरियाणा-राजस्थान सीमा पर शाहजहांपुर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शन के पंजाब तक सीमित रहने के सरकार के कथित दुष्प्रचार का मुकाबला करने के लिए छह जनवरी से 20 जनवरी तक देशभर में रैलियां, धरने, और संवाददाता सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा.

किसान नेताओं ने कहा कि 18 जनवरी को महिला दिवस मनाया जाएगा और 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता में सरकार और किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर जुर्माने को लेकर किसानों की चिंताओं के हल के लिए कुछ सहमति बनी. लेकिन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के मुद्दों पर गतिरोध कायम रहा.

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के 41-सदस्यीय प्रतिनिधि समूह और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच वार्ता के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चार विषयों में से दो मुद्दों पर पारस्परिक सहमति के बाद 50 प्रतिशत समाधान हो गया है और शेष दो मुद्दों पर चार जनवरी को दोपहर दो बजे चर्चा होगी.

 बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा के हैं.

Last Updated : Jan 2, 2021, 3:23 PM IST
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