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MP: ग्वालियर में किसानों की अनोखी OPD, यहां मरीज नहीं बल्कि फसलों का होता है इलाज

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अनोखे ओपीडी की शुरूआत हुई है. राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में मरीज नहीं बल्कि फसलों की समस्या लेकर किसान पहुंचते हैं.

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Published : Jan 16, 2023, 10:26 PM IST

ग्वालियर में किसानों की अनोखी ओपीडी

ग्वालियर। अब तक आपने ये तो सुना होगा कि अस्पतालों में मरीज अपनी बीमारी दिखाने और उसके इलाज के परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं, लेकिन ग्वालियर में किसानों के लिए एक अनूठी ओपीडी की शुरूआत हुई है, जिसमें बीमार फसलों का इलाज बताया जाता है. इस ओपीडी में किसान अपनी फसलों में आ रही समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. जहां कृषि के डॉक्टर यानि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसान की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस ओपीडी में रोज 24 से ज्यादा किसान अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है मध्यप्रदेश में पहली बार राजमाता विजयराजे कृषि विश्वविद्यालय ने इस अनूठी पहल की शुरुआत की है.

ओपीडी पहुंच रहे किसान: राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में इस अंनूठी ओपीडी की शुरुआत हुई है. इस ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. जिस तरीके से अस्पतालों में डॉक्टर अपनी केबिन में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं, वैसे ही इस कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि वैज्ञानिक ओपीडी के माध्यम से किसानों की फसलों में आ रही समस्याओं का निदान किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र की इस अनूठी पहल को किसान काफी पसंद कर रहे हैं. ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसान अपने असल में आ रही समस्या और कृषि के बारे में नई नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

ओपीडी में रहते हैं विशेषज्ञ: कृषि विज्ञान केंद्र में यह ओपीडी सुबह 10 बजे से 5 बजे तक चालू रहती है. इस ओपीडी में लगभग 12 से ज्यादा कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं. जब किसान अपनी समस्या या परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं. उस दौरान उस विषय का विशेषज्ञ ओपीडी में मौजूद रहता है और उन विशेषज्ञों द्वारा किसानों को समस्या के निराकरण के बारे में बताया जाता है. इस ओपीडी के माध्यम से किसानों को काफी लाभ हो रहा है. यही कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल के दर्शन व किसान ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

MP: कोरोना से लड़ेगी ग्वालियर की गजक, विदेश में फैलेगी महक

निदान के बारे में देते हैं जानकारी: कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राज सिंह कुशवाह ने बताया कि इस समय देखने में आ रहा है कि किसानों की फसलों में कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं. जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है. साथ ही जानकारी के अभाव से किसान फसलों में आई समस्या का निदान नहीं कर पाता है, यही कारण है कि कृषि विज्ञान केंद्र ने किसान ओपीडी की शुरुआत की है. इस ओपीडी के माध्यम से किसानों को फसलों में आ रही समस्याओं का हल किया जाता है. रोज बड़ी संख्या में किसान इस ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इस ओपीडी में कृषि डॉक्टर यानी कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं और किसानों को समस्याओं के निदानों के बारे में जानकारी देते हैं, साथ ही दवाइयों के बारे में बताते हैं.

छोटी सी लापरवाही बनता है कारण: वरिष्ठ वैज्ञानिक राज सिंह कुशवाह का कहना है कि कड़ाके की ठंड में आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. हर कोई इस कड़ाके की ठंड से प्रभावित है, ऐसे में फसलों पर बीमारी के साथ-साथ पालतू पशुओं का शिकार दुधारू पशुओं में भैंस, गाय, बकरी, मुर्गी आदि ठंड के प्रकोप से प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में किसानों की छोटी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन सकती है, इसलिए इस ओपीडी के माध्यम से तत्काल उसका इलाज किया जाता है. किसान अपनी समस्याओं को लेकर यहां पहुंचते हैं और उन्हें फसल या दुधारू जानवर में जो बीमारी है, उनका तत्काल निराकरण के लिए यहां से दवाइयां या फिर उनके उपचार का तरीका बताया जाता है.

ग्वालियर में किसानों की अनोखी ओपीडी

ग्वालियर। अब तक आपने ये तो सुना होगा कि अस्पतालों में मरीज अपनी बीमारी दिखाने और उसके इलाज के परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं, लेकिन ग्वालियर में किसानों के लिए एक अनूठी ओपीडी की शुरूआत हुई है, जिसमें बीमार फसलों का इलाज बताया जाता है. इस ओपीडी में किसान अपनी फसलों में आ रही समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. जहां कृषि के डॉक्टर यानि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसान की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. खास बात यह है कि इस ओपीडी में रोज 24 से ज्यादा किसान अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है मध्यप्रदेश में पहली बार राजमाता विजयराजे कृषि विश्वविद्यालय ने इस अनूठी पहल की शुरुआत की है.

ओपीडी पहुंच रहे किसान: राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र में इस अंनूठी ओपीडी की शुरुआत हुई है. इस ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसानों की समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जा रहा है. जिस तरीके से अस्पतालों में डॉक्टर अपनी केबिन में बैठकर मरीजों का इलाज करते हैं, वैसे ही इस कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि वैज्ञानिक ओपीडी के माध्यम से किसानों की फसलों में आ रही समस्याओं का निदान किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र की इस अनूठी पहल को किसान काफी पसंद कर रहे हैं. ओपीडी के माध्यम से ग्वालियर चंबल अंचल के किसान अपने असल में आ रही समस्या और कृषि के बारे में नई नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी लेने के लिए पहुंच रहे हैं.

ओपीडी में रहते हैं विशेषज्ञ: कृषि विज्ञान केंद्र में यह ओपीडी सुबह 10 बजे से 5 बजे तक चालू रहती है. इस ओपीडी में लगभग 12 से ज्यादा कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं. जब किसान अपनी समस्या या परामर्श के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं. उस दौरान उस विषय का विशेषज्ञ ओपीडी में मौजूद रहता है और उन विशेषज्ञों द्वारा किसानों को समस्या के निराकरण के बारे में बताया जाता है. इस ओपीडी के माध्यम से किसानों को काफी लाभ हो रहा है. यही कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल के दर्शन व किसान ओपीडी में पहुंच रहे हैं.

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निदान के बारे में देते हैं जानकारी: कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राज सिंह कुशवाह ने बताया कि इस समय देखने में आ रहा है कि किसानों की फसलों में कई प्रकार की समस्याएं आ रही हैं. जिससे फसल पूरी तरह बर्बाद हो रही है. साथ ही जानकारी के अभाव से किसान फसलों में आई समस्या का निदान नहीं कर पाता है, यही कारण है कि कृषि विज्ञान केंद्र ने किसान ओपीडी की शुरुआत की है. इस ओपीडी के माध्यम से किसानों को फसलों में आ रही समस्याओं का हल किया जाता है. रोज बड़ी संख्या में किसान इस ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इस ओपीडी में कृषि डॉक्टर यानी कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं और किसानों को समस्याओं के निदानों के बारे में जानकारी देते हैं, साथ ही दवाइयों के बारे में बताते हैं.

छोटी सी लापरवाही बनता है कारण: वरिष्ठ वैज्ञानिक राज सिंह कुशवाह का कहना है कि कड़ाके की ठंड में आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है. हर कोई इस कड़ाके की ठंड से प्रभावित है, ऐसे में फसलों पर बीमारी के साथ-साथ पालतू पशुओं का शिकार दुधारू पशुओं में भैंस, गाय, बकरी, मुर्गी आदि ठंड के प्रकोप से प्रभावित हो रहे हैं. ऐसे में किसानों की छोटी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन सकती है, इसलिए इस ओपीडी के माध्यम से तत्काल उसका इलाज किया जाता है. किसान अपनी समस्याओं को लेकर यहां पहुंचते हैं और उन्हें फसल या दुधारू जानवर में जो बीमारी है, उनका तत्काल निराकरण के लिए यहां से दवाइयां या फिर उनके उपचार का तरीका बताया जाता है.

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