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तमिलनाडु: भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने सरकारी फैसले का विरोध किया - गुंडा अधिनियम के तहत किसानों की गिरफ्तारी

किसान संघ के नेता तमिलसेल्वन ने कहा कि गुंडा एक्ट का प्रयोग तस्करों और धोखेबाजों पर किया जाता है. तमिलनाडु सरकार के निर्देश पर तमिलनाडु पुलिस किसानों पर वे कानून थोप रही है. ये बिल्कुल गलत है. सरकार को सभी मुकदमे वापस लेने चाहिए. किसान सरकार की भूमि अधिग्रहण योजना को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं. Farmers Protest, Farmers across Tamil Nadu protest, Controversial Goondas Act, Arrests of farmers under controversial Goondas Act, Farmers across Tamil Nadu protest against

Farmers across Tamil Nadu protest
पूरे तमिलनाडु में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया
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By PTI

Published : Nov 22, 2023, 6:56 AM IST

तमिलनाडु में किसानों ने सरकारी फैसले का विरोध किया.

नागपट्टीनम : तिरुवन्नामलाई में तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम (एसआईपीसीओटी) के लिए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार्रवाई से अन्नदाता नाराज हैं. प्रदर्शनकारी किसानों पर गुंडा अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने के खिलाफ किसान संगठनों ने मंगलवार को राज्य सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की.

यूनियनों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन उन प्रोजेक्ट को छोड़ दें जिनमें औद्योगिक उद्देश्यों के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. किसान नेता अय्याकन्नू ने कहा कि सरकार हमें अपनी जमीनें एसआईपीसीओटी के लिए देने को बहुत अधिक दबाव दे रही है. तमिलनाडु में 100 एसआईपीसीओटी में से 75 ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि एसआईपीसीओटी काम नहीं कर रहा है, वे किसानों को धमकी दे रहे हैं और हमारी जमीनें छीन रहे हैं. एक लोकतांत्रिक देश में यह अच्छा नहीं है.

120 दिनों से अधिक समय से मेल्मा और पड़ोसी गांवों के किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए एसआईपीसीओटी के प्रस्तावित तीसरे चरण के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. किसान यूनियन के नेता श्रीधर ने बताया कि सरकार को नहीं रोकना चाहिए कि हम यहीं रुक जाएंगे. इस विरोध प्रदर्शन के लिए तमिलनाडु के सभी किसान संगठन एक साथ आए हैं.

29 नवंबर को चेन्नई में राज्यव्यापी उपवास प्रदर्शन होगा. अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम नहीं रुकेंगे. 4 नवंबर को तमिलनाडु पुलिस ने उन 20 किसानों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था जिन्होंने तिरुवन्नामलाई में चेय्यर के पास मेल्मा एसआईपीसीओटी औद्योगिक परियोजना के लिए अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया था.

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यूनियनों ने मांग की है कि मुख्यमंत्री एमके स्टालिन उन प्रोजेक्ट को छोड़ दें जिनमें औद्योगिक उद्देश्यों के लिए कृषि भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. किसान नेता अय्याकन्नू ने कहा कि सरकार हमें अपनी जमीनें एसआईपीसीओटी के लिए देने को बहुत अधिक दबाव दे रही है. तमिलनाडु में 100 एसआईपीसीओटी में से 75 ठीक से काम नहीं कर रहे हैं. हालांकि एसआईपीसीओटी काम नहीं कर रहा है, वे किसानों को धमकी दे रहे हैं और हमारी जमीनें छीन रहे हैं. एक लोकतांत्रिक देश में यह अच्छा नहीं है.

120 दिनों से अधिक समय से मेल्मा और पड़ोसी गांवों के किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए एसआईपीसीओटी के प्रस्तावित तीसरे चरण के प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. किसान यूनियन के नेता श्रीधर ने बताया कि सरकार को नहीं रोकना चाहिए कि हम यहीं रुक जाएंगे. इस विरोध प्रदर्शन के लिए तमिलनाडु के सभी किसान संगठन एक साथ आए हैं.

29 नवंबर को चेन्नई में राज्यव्यापी उपवास प्रदर्शन होगा. अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो हम नहीं रुकेंगे. 4 नवंबर को तमिलनाडु पुलिस ने उन 20 किसानों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया था जिन्होंने तिरुवन्नामलाई में चेय्यर के पास मेल्मा एसआईपीसीओटी औद्योगिक परियोजना के लिए अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया था.

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