नई दिल्ली : कोविड-19 संक्रमण से ज्यादा खतरे का सामना कर रहे किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि उन्हें कोरोना वायरस का डर नहीं है और वे टीका नहीं लगवाएंगे. उल्लेखनीय है कि सोमवार से कोविड-19 के दूसरे चरण का टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है. जिसके तहत 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है.
हालांकि, किसान नेताओं ने यह भी कहा है कि वे दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों को टीका लगवाने से नहीं रोकेंगे, क्योंकि यह व्यक्तिगत विषय है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघू, टिकरी और गाजीपुर पर तीन महीने से अधिक समय से डेरा डाले हुए हैं. उनमें से ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं. वे पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य बलवीर सिंह राजेवाल (80) ने कहा कि टीका लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्र नहीं जाएंगे. राजेवाल ने कहा कि मुझे टीका लगवाने की जरूरत नहीं है. हमने कोरोना को मार दिया है. किसानों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, क्योंकि वे अपने खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं. किसानों को कोरोना वायरस का डर नहीं है. वहीं, एक अन्य वरिष्ठ नेता जोगिन्दर सिंह उगराहां (75) ने कहा कि इस रोग (कोरोना वायरस संक्रमण) का डर उन्हें उनकी लड़ाई से भटकाने के लिए काफी नहीं है.
टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख ने कहा कि किसानों के लिए कोई कोरोना नहीं है. मैं टीका नहीं लगवाऊंगा, लेकिन हम किसी से टीका नहीं लगवाने के लिए भी नहीं कहेंगे. हालांकि, गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि यदि स्थानीय प्रशासन प्रदर्शनकारी किसानों के लिए इंतजाम करता है, तो बीकेयू नेता राकेश टिकैत को टीका लगवाने में कोई दिक्कत नहीं है.
संयुक्त किसान मोर्चा के 70 वर्षीय सदस्य कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि वह टीका नहीं लगवाएंगे. संधू ने कहा कि हमें कोरोना वायरस का डर नहीं है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान धरना दे रहे हैं, लेकिन वहां कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
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इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोविड-19 टीके की पहली खुराक ली. उन्होंने उन सभी लोगों से टीका लगवाने की अपील की, जो दूसरे चरण के टीकाकरण अभियान के तहत इसकी पात्रता रखते हैं.