जयपुर: राजस्थान के जयपुर में कृषि बिलों को रद्द करने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की 13 महीने की ट्रेनिंग हो गई है. सरकार ने कहा है कि अब कोई भी कानून या किसान हित के फैसले लिए जाएंगे उनकी जानकारी किसानों को दी जाएगी. वहीं पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा कोई चुनाव नहीं लड़ रहा है. टिकैत जाट समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित करने के दौरान यह बात कही.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि आंदोलन के बाद चार महीने के लिए किसान घूमने के लिए जा रहे हैं, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं. जो किसान घूमने के लिए गए हैं उससे चार महीने बाद हिसाब-किताब लिया जाएगा. पंजाब में चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले लोगों से हमारा कोई संबंध नहीं है. हमारी 15 तारीख को मीटिंग है. उसके बाद ही पूरी जानकारी दी जाएगी. कृषि मंत्री के एक कदम पीछे लेने और दो कदम आगे जाने के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि किसान भी यहीं हैं और सरकार भी यही है. इनसे भी बात कर ली जाएगी.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) के राजनीति में जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि यह सब मीडिया की फैलाई हुई बातें हैं. मुझे राजनीति में नहीं जाना है. वहीं, कांग्रेस के इशारे पर आंदोलन करने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि आंदोलन किसी के इशारों पर नहीं चलता. यह आंदोलन 386 दिनों तक चला. कांग्रेस खुद से तो कोई आंदोलन कर नहीं सकती. वहीं टिकैत ने कहा यूपी सहित पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन आचार संहिता के बाद ही अपने पत्ते खोलेगी. किसान किंग मेकर की भूमिका में रहेगा.
लखीमपुर हिंसा मामले में टिकैत ने दिया बयान
लखीमपुर खीरी में कि गाड़ी से कुचलकर किसानों की मौत के मामले में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait on Lakhimpur kheri voilence) ने कहा कि सरकार भारतीय किसान यूनियन (Indian Farmer Union) की मांग को अनसुना कर रही है. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. अभी तक केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को हटाया नहीं गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले में कहा है कि जानबूझकर किसानों की हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर कानून बनाने के लिए सरकार की ओर से कमेटी का गठन कर दिया गया है. कमेटी अपना काम करती रहेगी. किसान कमेटी पर नजर रखेगा.
पीएम मोदी पर राकेश टिकैत ने कसा तंज
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन एक साल से ज्यादा चला. अगर केंद्र में किसी और पार्टी की सरकार होती तो किसानों का आंदोलन लंबा नहीं चलता. उन्होंने (Rakesh Tikait on PM Modi) पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं है, वहां तो सब कुछ मोदी ही हैं. क्योंकि भाजपा के विज्ञापन में भी यही छपता है, अबकी बार मोदी सरकार. यदि केंद्र में बीजेपी की सरकार होती तो हमारी मांग पहले ही मान ली जाती.
साथ ही उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने भी किसानों का कर्जा 10 दिन में माफ करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों का पूरा कर्जा माफ नहीं हुआ है. इस संबंध में गहलोत सरकार से बात की जाएगी.
मोदी सरकार पर जुबानी हमला बोलते हुए (BKU Leader Comments on PM Modi) राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार किसी पार्टी की नहीं थी, यह सरकार थी गुजरात की कंपनियां. जो कंपनी देश को बेचने का काम करेगी, हम उसका विरोध करेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि एक सर्वे के अनुसार 1 साल में 700 बार भूख लगती है और बड़ी-बड़ी कंपनियां भूख पर व्यापार करना चाहती थी.
राकेश टिकैत ने कहा कि बड़ी-बड़ी कंपनियां खाने का व्यापार कर रही हैं और जब शाम को क्लोजिंग होती है तो वह खाना डस्टबिन में डाल देते हैं. जो सरकार ऐसे लोगों को देश में व्यापार करने की अनुमति देगी, हम लोग उसी तरह से विरोध करेंगे जिस तरह से 13 महीने तक हमने विरोध किया है.
हम नहीं चाहते कि देश का प्रधानमंत्री हम से माफी मांगे...
यह भारत सरकार के खिलाफ किसानों की 13 महीने की ट्रेनिंग थी. आखिर में भारत सरकार को मानना ही पड़ा. हम नहीं चाहते कि देश का प्रधानमंत्री हम से माफी मांगे और विदेश में उसकी छवि खराब हो, लेकिन यदि देश में कोई फैसला होगा तो वह बगैर किसानों के नहीं होगा. कुछ लोग पूरे देश को बेचना चाहते थे. देश का किसान, नौजवान और मजदूर अब जाग चुका है. इसलिए यह देश अब नहीं बिकेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने डॉक्टर के पैनल, वकीलों, सफाई कर्मचारियों का भी आभार जताया. भंडारा और लंगर चलाने वाले गुरुद्वारों का भी आभार जताया. जो लोग आंदोलन में शामिल नहीं हुए, उनका भी आभार जताया. किसानों, नौजवानों और महिलाओं को देश पर निगाह रखनी होगी कि कौन-कौन सी चीज बिक रही है. देश को कंगाल करने वाली सरकारों के खिलाफ किसान संयुक्त मोर्चा खड़ा रहेगा.
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निजीकरण का पूर्ण रूप से विरोध करेंगे...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि यदि घर का नौकर कोई सामान लेकर बेचने जा रहा है तो उस पर निगाह रखनी होगी. उन्होंने लोगों से फल-सब्जी खाने की अपील की, ताकि किसानों की आमदनी बढ़े. राकेश टिकैत ने कहा कि यदि निजीकरण होगा तो बेरोजगारी बढ़ेगी. इसलिए हमलोग (Rakesh Tikait on Privatisation in India) निजीकरण का पूर्ण रूप से विरोध करेंगे.
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