जींद : एक ओर जहां तीन नए कृषि कानूनों को लेकर देश में बड़ी बहस छिड़ी हुई है. वहीं जींद में अमरहेड़ी गांव के किसान हवा सिंह ने किसानों को नई राह दिखाई है. हवा सिंह महज आधा एकड़ जमीन में हर साल साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई करते हैं. इसके लिए हवा सिंह ने परंपरागत खेती छोड़कर मिश्रित खेती को अपनाया है.
हवा सिंह अपने महज आधा एकड़ खेत में एक साल में 36 तरह की सब्जियां और फल लगाते हैं. हवा सिंह के अनुसार उन्हें किसान बनकर कोई पछतावा नहीं, बल्कि खुशी है. हवा सिंह के अनुसार आधा एकड़ जमन से ही वो अपने आस-पास के बड़े किसानों से अधिक कमाई कर लेते हैं.
हवा सिंह ने बताया कि खेत में प्रबंधन और अच्छी गुणवत्ता का उत्पादन सबसे महत्वूपर्ण है. ये दोनों की बातें अपनाकर हवा सिंह ने ऐसी स्थिति बनाई है कि उनके द्वारा पैदा की जाने वाली सब्जियों की मांग एडवांस में रहती है. जब वो सब्जी लेकर मंडी में जाते हैं, तो अन्य किसानों की तरह बेचने के लिए नहीं रखते, बल्कि पहले ही खरीदार तैयार होते हैं. हवा सिंह ने बताया कि उनकी फसल की बोली भी नहीं लगती. वो खुद अपनी फसल के रेट तय करते हैं और इससे अधिक कीमत पर भी खरीदार मिल जाते हैं.
हर सब्जी है हवा सिंह के खेत में
हवा सिंह महज आधा एकड़ में ही खेती करते हैं. इसमें हर साल खूंबी, पुदीना, नीली पत्ता गोभी, धनिया, पालक, टिंडा, अदरक, अनानास, लेटस, पत्ता गोभी, हरी मिर्च, हरा प्याज, फूल गोभी, साधारण शिमला मिर्च, पीली शिमला मिर्च, मूली, चकूंदर, शलगम, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली, गांठ गोभी, भिंडी, गन्ना, सौंप, तोरी, घिया, टमाटर, बथूआ, हल्दी, अरबी, मटर, कच्चा लहसून, खीरा उगाते हैं. इससे शहर से काफी लोग उसके खेत में ही पहुंच कर सब्जी खरीदते हैं.
स्ट्रॉबेरी ने दिलाई खास पहचान
हवा सिंह के अनुसार वो खेती में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं. जींद का पर्यावरण स्ट्रॉबेरी के अनुकूल नहीं है, लेकिन ये खेती भी हवा सिंह ने सफलतापूर्वक कर ली है, पहले हिमाचल प्रदेश की वैरायटी उगाई, लेकिन उसकी मांग खास नहीं थी. अब पिछले तीन-चार साल से हवा सिंह महाराष्ट्र की वैरायटी उगा रहे हैं. आधा कनाल जमीन में इससे हर साल करीब एक लाख रुपये की कमाई होती है.
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