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किसानों को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कानून नहीं बना सकती सरकार : कृषि मंत्री - देश को आगे बढ़ा रहे प्रधानमंत्री

तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते तीन महीनों से किसान संगठन दिल्ली के बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान संगठन तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. अब देश के अलग-अलग जिलों में किसान पंचायतों का आयोजन भी आंदोलनरत किसान संगठनों द्वारा शुरू कर दिया गया है. इसी बीच कृषि मंत्री ने फिर एक बार कानूनों को लेकर अपनी राय रखी है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 25, 2021, 8:29 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 11:07 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार ऐसे कानून बनाने की हिम्मत नहीं कर सकती, जो किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले हों. मोदी सरकार गांव और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है.

कृषि मंत्री गुरुवार को दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेला का उद्घाटन करने के बाद यहां मौजूद किसानों को संबोधित कर रहे थे.

कृषि मंत्री ने आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज किसानों को फसल मंडियों में बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है. वहां नीलामी में जो बोली लग जाती है, उसी पर अपने फसल को बेचना पड़ता है. इतना ही नहीं मौजूदा व्यवस्था में किसानों को मंडी का टैक्स भी चुकाना पड़ता है.

कृषि मंत्री

उन्होंने कहा कि अब पीएम मोदी ने कानून बनाया की मंडी के बाहर भी किसान चाहे तो कहीं भी और किसी को भी मनचाही कीमत पर अपनी फसल बेच सकते हैं. किसान की मर्जी वह मंडी में आए या न आए. इतनी स्वतंत्रता यदि किसानों को दी जा रही है इसमें किसी को क्या समस्या है?

मंडी टैक्स से किसानों की मुक्ति
मंडी में टैक्स लगेगा, लेकिन मोदी सरकार का कानून कहता है कि अगर मंडी से बाहर किसान अपने फसल को बेचेंगे तो केंद्र सरकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा. न ही राज्य सरकार का टैक्स लगेगा. कार्यक्रम में मौजूद किसानों से कृषि मंत्री ने निर्णय करने को कहा कि उनके फसल की खरीद-बिक्री पर टैक्स लगाने वाली सरकार अच्छी है या टैक्स हटाने वाली सरकार बेहतर है. कृषि मंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने इन कानूनों के तहत किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.

देश को आगे बढ़ा रहे प्रधानमंत्री
आंदोलन में शामिल किसान नेताओं पर तंज करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जो राज्य सरकारें किसानों के फसल की खरीद-बिक्री पर टैक्स वसूल रही हैं. उनके बारे में तो आंदोलनकारी नहीं बोल रहे हैं, लेकिन जो सरकार टैक्स माफ कर रही है उसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में क्या ये आंदोलन न्यायोचित है? दुर्भाग्य से ऐसा हो रहा है. हमारे देश में लोकतंत्र है, अभिव्यक्ति की आजादी है. कुछ लोग तो देश में ऐसे हैं कि जब सुबह उनकी नींद खुलती है तो वे मोदी को कोसने का संकल्प ले लेते हैं. अंतर बस इतना होता है कि उनके चेहरे बदलते रहते हैं. प्रधानमंत्री देश को आगे बढ़ा रहे हैं यह बहुत लोगों को रास नहीं आ रहा है.

किसानों के हित वाले हैं कानून
कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वह सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं. नए-नए अनुसंधानों का भी लाभ लें और खेती के साथ साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान दें. दिल्ली के पूसा में तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेले की शुरुआत हुई. जिसके उद्घाटन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में दोनो ही केंद्रीय मंत्रियों ने मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार लगातार देश के ग्रामीण क्षेत्र और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

यह भी पढ़ें-ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए बने नए गाइडलाइन को आसान भाषा में समझें

मंत्रियों ने तीनों कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दुगनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लोकतंत्र में कोई भी सरकार ऐसे कानून बनाने की हिम्मत नहीं कर सकती, जो किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले हों. मोदी सरकार गांव और गरीबों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है.

कृषि मंत्री गुरुवार को दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेला का उद्घाटन करने के बाद यहां मौजूद किसानों को संबोधित कर रहे थे.

कृषि मंत्री ने आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज किसानों को फसल मंडियों में बेचने के लिए बाध्य होना पड़ता है. वहां नीलामी में जो बोली लग जाती है, उसी पर अपने फसल को बेचना पड़ता है. इतना ही नहीं मौजूदा व्यवस्था में किसानों को मंडी का टैक्स भी चुकाना पड़ता है.

कृषि मंत्री

उन्होंने कहा कि अब पीएम मोदी ने कानून बनाया की मंडी के बाहर भी किसान चाहे तो कहीं भी और किसी को भी मनचाही कीमत पर अपनी फसल बेच सकते हैं. किसान की मर्जी वह मंडी में आए या न आए. इतनी स्वतंत्रता यदि किसानों को दी जा रही है इसमें किसी को क्या समस्या है?

मंडी टैक्स से किसानों की मुक्ति
मंडी में टैक्स लगेगा, लेकिन मोदी सरकार का कानून कहता है कि अगर मंडी से बाहर किसान अपने फसल को बेचेंगे तो केंद्र सरकार का कोई टैक्स नहीं लगेगा. न ही राज्य सरकार का टैक्स लगेगा. कार्यक्रम में मौजूद किसानों से कृषि मंत्री ने निर्णय करने को कहा कि उनके फसल की खरीद-बिक्री पर टैक्स लगाने वाली सरकार अच्छी है या टैक्स हटाने वाली सरकार बेहतर है. कृषि मंत्री ने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने इन कानूनों के तहत किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.

देश को आगे बढ़ा रहे प्रधानमंत्री
आंदोलन में शामिल किसान नेताओं पर तंज करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि जो राज्य सरकारें किसानों के फसल की खरीद-बिक्री पर टैक्स वसूल रही हैं. उनके बारे में तो आंदोलनकारी नहीं बोल रहे हैं, लेकिन जो सरकार टैक्स माफ कर रही है उसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में क्या ये आंदोलन न्यायोचित है? दुर्भाग्य से ऐसा हो रहा है. हमारे देश में लोकतंत्र है, अभिव्यक्ति की आजादी है. कुछ लोग तो देश में ऐसे हैं कि जब सुबह उनकी नींद खुलती है तो वे मोदी को कोसने का संकल्प ले लेते हैं. अंतर बस इतना होता है कि उनके चेहरे बदलते रहते हैं. प्रधानमंत्री देश को आगे बढ़ा रहे हैं यह बहुत लोगों को रास नहीं आ रहा है.

किसानों के हित वाले हैं कानून
कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वह सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं. नए-नए अनुसंधानों का भी लाभ लें और खेती के साथ साथ देश को आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान दें. दिल्ली के पूसा में तीन दिवसीय कृषि विज्ञान मेले की शुरुआत हुई. जिसके उद्घाटन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे. कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में दोनो ही केंद्रीय मंत्रियों ने मोदी सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार लगातार देश के ग्रामीण क्षेत्र और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

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मंत्रियों ने तीनों कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दुगनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Last Updated : Feb 25, 2021, 11:07 PM IST
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