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Bihar तो गजबे है भाई.. करना था हर्निया का ऑपरेशन.. झोलाछाप डॉक्टर ने काट दी हाइड्रोसील - सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा

बिहार के मुजफ्फरपुर में फर्जी नर्सिंग होम द्वारा एक और बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. झोलाछाप डॉक्टर ने बच्चेदानी के नाम पर बीते दिनों किडनी निकाल ली थी वहीं अब एक मरीज के हर्निया के ऑपरेशन के नाम पर उसका हाइड्रोसील काटकर हटा दिया.

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Published : May 13, 2023, 6:08 PM IST

सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा

मुजफ्फरपुर: जिले से आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत सामने आती रहती है. मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है. ऐसा लग रहा है जैसे बिहार का मुजफ्फरपुर जिला गलत ऑपरेशन किए जाने को लेकर और झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत के कारण अपनी पहचान बना रहा है. ऐसा ही एक और मामला मुफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रेलवे फाटक के निकट का है. एक निजी अस्पताल शिव शक्ति नर्सिंग होम में बीते 10 अप्रैल को सकरा वाजिद गांव के रहने वाले कैलाश महतो का हर्निया का ऑपरेशन किया गया लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी.

पढ़ें- Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में झोलाछाप डॉक्टर की एक और करतूत, इलाज कराने गई महिला का निकाला यूटरस

हर्निया के जगह काट दी हाइड्रोसील: ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी. उसके पेट और हाइड्रोसील में सूजन होने लगी. हालत बिगड़ता देख दो दिन बाद फिर उसी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किया गया, जिसमें मरीज के परिजनों को यह कहा गया कि अगर हाइड्रोसील काटकर नहीं हटाया गया तो मौत हो सकती है. परिजनों को बताया कि बीमारी की असली वजह यही है इसलिए हटा दिया गया है. जिसके बाद मरीज की हालत और बिगड़ने लगी. हालत बिगड़ता देख परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वाले उसे जाने नहीं दे रहें थे.

मरीज की हालत खराब: फिर स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से मरीज कैलाश महतो को मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक पर स्थित चाणक्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसका पेट खोल दिया गया. वहीं इधर सकरा वाले निजी अस्पताल के लोग अपना अस्पताल बन्द कर फरार हो गए और पीड़ितों को लगातार डराया धमकाया जा रहा है. मामले को लेकर परिजनों ने बताया कि हमें डर था कि इलाज के लिए पैसा नहीं देगा, इसलिए हम किसी के पास नहीं जा रहे थे. वहीं मामले को लेकर सीएस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

"हमें डराया जा रहा था. वहीं मरीज की हालत अब भी ठीक नहीं है. कैलाश महतो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. मरीज कैलाश महतो ठेला पर गोलगप्पा बेचने का काम करते हैं. उनकी दो बेटियां है जिसकी शादी करनी है. ऐसे में गलत ऑपरेशन की वजह से पूरा परिवार बर्बाद होने के कगार पर आ गया है."- मरीज के परिजन

"मामले की जांच करेंगे और ऐसे फर्जी डॉक्टर और फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे."- डॉ यूसी शर्मा, सिविल सर्जन
झोलाछाप डॉक्टरों का अड्डा बना मुजफ्फरपुर: अब सवाल उठता है कि आखिर जांच पड़ताल और उचित कार्रवाई का हवाला कबतक दिया जाएगा? जबकि इसी इलाके में एक के बाद एक झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतें सामने आ रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों पर कब कार्रवाई करेगी यह तो समय ही बताएगा. फिलहाल इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सरकार के तमाम दावों को कटखरे में खड़ा कर दिया है.

सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा

मुजफ्फरपुर: जिले से आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत सामने आती रहती है. मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है. ऐसा लग रहा है जैसे बिहार का मुजफ्फरपुर जिला गलत ऑपरेशन किए जाने को लेकर और झोलाछाप डॉक्टरों की करतूत के कारण अपनी पहचान बना रहा है. ऐसा ही एक और मामला मुफ्फरपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र के रेलवे फाटक के निकट का है. एक निजी अस्पताल शिव शक्ति नर्सिंग होम में बीते 10 अप्रैल को सकरा वाजिद गांव के रहने वाले कैलाश महतो का हर्निया का ऑपरेशन किया गया लेकिन ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी.

पढ़ें- Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में झोलाछाप डॉक्टर की एक और करतूत, इलाज कराने गई महिला का निकाला यूटरस

हर्निया के जगह काट दी हाइड्रोसील: ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी. उसके पेट और हाइड्रोसील में सूजन होने लगी. हालत बिगड़ता देख दो दिन बाद फिर उसी अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किया गया, जिसमें मरीज के परिजनों को यह कहा गया कि अगर हाइड्रोसील काटकर नहीं हटाया गया तो मौत हो सकती है. परिजनों को बताया कि बीमारी की असली वजह यही है इसलिए हटा दिया गया है. जिसके बाद मरीज की हालत और बिगड़ने लगी. हालत बिगड़ता देख परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले जाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल वाले उसे जाने नहीं दे रहें थे.

मरीज की हालत खराब: फिर स्थानीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से मरीज कैलाश महतो को मुजफ्फरपुर के चांदनी चौक पर स्थित चाणक्य हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उसका पेट खोल दिया गया. वहीं इधर सकरा वाले निजी अस्पताल के लोग अपना अस्पताल बन्द कर फरार हो गए और पीड़ितों को लगातार डराया धमकाया जा रहा है. मामले को लेकर परिजनों ने बताया कि हमें डर था कि इलाज के लिए पैसा नहीं देगा, इसलिए हम किसी के पास नहीं जा रहे थे. वहीं मामले को लेकर सीएस ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

"हमें डराया जा रहा था. वहीं मरीज की हालत अब भी ठीक नहीं है. कैलाश महतो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. मरीज कैलाश महतो ठेला पर गोलगप्पा बेचने का काम करते हैं. उनकी दो बेटियां है जिसकी शादी करनी है. ऐसे में गलत ऑपरेशन की वजह से पूरा परिवार बर्बाद होने के कगार पर आ गया है."- मरीज के परिजन

"मामले की जांच करेंगे और ऐसे फर्जी डॉक्टर और फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे."- डॉ यूसी शर्मा, सिविल सर्जन
झोलाछाप डॉक्टरों का अड्डा बना मुजफ्फरपुर: अब सवाल उठता है कि आखिर जांच पड़ताल और उचित कार्रवाई का हवाला कबतक दिया जाएगा? जबकि इसी इलाके में एक के बाद एक झोलाछाप डॉक्टरों की करतूतें सामने आ रही हैं. स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों पर कब कार्रवाई करेगी यह तो समय ही बताएगा. फिलहाल इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सरकार के तमाम दावों को कटखरे में खड़ा कर दिया है.

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