मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र कम से कम दो सप्ताह का होना चाहिए ता. उन्होंने कहा कि सत्र नागपुर में आयोजित कराया जाना चाहिए था.
बकौल फडणवीस महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार चर्चा से घबराती है, इसलिए केवल दो दिनों का सत्र आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि दो दिनों से के शीतकालीन सत्र में केवल छह घंटे कामकाज होने वाला है. सरकार किसान, महिला और गरीबों का दुख दर्द सुनना ही नहीं चाहती.
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरु होगा. सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार की तरफ से आयोजित चाय-पान कार्यक्रम को लेकर फडणवीस ने कहा कि सरकार जरूरी मुद्दों के प्रति संवेदनशील नहीं है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने इसका ने बहिष्कार किया है.
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फडणवीस ने महाविकास अघाडी सरकार से मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, कोविड सेंटर में महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन और राज्य सरकार को दोषियों के खिलाफ सख्त रूख दिखाते हुए कार्रवाई करनी चाहिए.