कटक: एटीएम से पैसे लूटे जाने के कई मामले सामने आ रहे हैं. लुटेरे चेहरा ढंककर एटीएम लूट रहे हैं. कभी ये दूसरे व्यक्ति के एटीएम से पैसे चुरा लेते हैं तो कभी एटीएम तोड़कर लूट लेते हैं.
इस प्रकार के मामलों की जांच के दौरान पुलिस को नकाबपोश लुटेरों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में समस्या का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है. कोर्ट ने बैंक एटीएम में चेहरे की बायोमेट्रिक्स पहचान प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया है. उच्च न्यायालय ने सभी स्वचालित टेलर मशीनों (एटीएम) पर चेहरे की बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली पर विचार करने का निर्देश दिया है.
फेशियल बायोमेट्रिक्स आइडेंटिफिकेशन क्या है?: हाईकोर्ट ने राज्य को एटीएम पर फेशियल बायोमेट्रिक्स स्थापित करने के उपाय करने के लिए बैंकिंग अधिकारियों के साथ चर्चा करने का निर्देश दिया. इस सिस्टम के मुताबिक यूजर को सबसे पहले कैमरे के सामने अपना चेहरा दिखाना होगा. एटीएम का कैमरा सबसे पहले यूजर का पता लगाएगा. एटीएम सुरक्षा कैमरे ऐसी गतिविधियों की निगरानी और रिकॉर्ड कर सकते हैं. यदि आवश्यक हो तो अवैध एटीएम लेनदेन को रोका जा सकता है.
अगर कोई एटीएम कार्ड और उसका पिन नंबर चुराकर वास्तविक खाताधारक की जानकारी के बिना पैसे निकालता है, तो इसे भी रिकॉर्ड किया जा सकता है. एटीएम कार्ड का उपयोग कर अवैध निकासी के मामले में संबंधित व्यक्ति की पहचान की जा सकेगी. इससे जांच एजेंसियों को अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान करने में आसानी होगी.
इस मामले में दिया आदेश : न्यायमूर्ति संगम कुमार साहू और न्यायमूर्ति चितरंजन दास की खंडपीठ ने भद्रक में एक लड़की के अपहरण मामले में पीड़ित परिवार द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के बाद यह महत्वपूर्ण आदेश दिया.
भद्रक जिले के पिरहाट थाना क्षेत्र से एक नाबालिग का अपहरण कर लिया गया. इस संबंध में परिजनों ने शिकायत दर्ज कराई. अपहृत नाबालिग को छुड़ाने के लिए पीड़िता के पिता ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. हाईकोर्ट के आदेशानुसार जांच अधिकारी ने कोर्ट को जांच की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी.
मामले की जांच करते हुए जांच अधिकारी ने आरोपी की मां से पूछा कि क्या उनके नाम पर कोई बैंक खाता है तो उन्होंने एटीएम कार्ड होने से इनकार कर दिया. बाद में अधिकारी को पता चला कि उनके पास एटीएम कार्ड वाला एक बैंक खाता है, जिसका उपयोग हाल ही में केंद्रपाड़ा जिले की सीमा में किसी ने किया है.
चेहरा ढके एक व्यक्ति ने केंद्रपाड़ा में संबंधित बैंक के एटीएम से पैसे निकाले, जिसका पता एटीएम के सीसीटीवी फुटेज से चला. हालांकि बैंक अधिकारियों या जांच अधिकारियों द्वारा उस व्यक्ति की पहचान नहीं की जा सकी. उस अपहरण मामले की सुनवाई के दौरान ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को इस मुद्दे पर भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के साथ 'चेहरे की बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली' पर चर्चा करने का निर्देश दिया.