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मशहूर कवि सचिदानन्द का फेसबुक अकाउंट सस्पेंड - मलयालम लेखक बेन्यामीन

फेसबुक ने केरल के कवि के सच्चिदानंद के अकाउंट को अस्थायी तौर से सस्पेंड कर दिया है. सच्चिदानंद ने बताया कि हाल ही में खत्म हुए केरल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक हास्य-व्यंग्य वीडियो उन्होंने पोस्ट किया था, जिसके बाद फेसबुक ने ये कदम उठाया है.

मशहूर कवि सचिदानन्द
मशहूर कवि सचिदानन्द
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Published : May 11, 2021, 2:02 PM IST

Updated : May 11, 2021, 2:27 PM IST

तिरुवनन्तपुरम: फेसबुक ने कवि के सच्चिदानंद के अकाउंट को अस्थायी तौर से सस्पेंड कर दिया है. सच्चिदानंद 24 घंटे तक किसी प्रकार का पोस्ट, लाइक, कमेंट या शेयर नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही फेसबुक ने उन पर एफबी लाइव करने से 30 दिनों का बैन लगा दिया है. वह केरल के रहनेवाले हैं.

उन्होंने बताया कि फेसबुक ने ये कदम तब उठाया जब उन्होंने हाल ही में खत्म हुए केरल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक हास्य-व्यंग्य वीडियो पोस्ट किया.

इस बीच, केरल में सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के कई लोगों ने इस मामले की निन्दा की है.

पढ़ेंः वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता और केरल की पूर्व मंत्री केआर गोवरीम्मा का निधन

मलयालम लेखक बेन्यामीन ने कहा कि सच्चिदानंदन की कविता और उनके लेख कायरों के लिए वज्र के समान हैं. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि एक सरकार 75 साल के कवि से भी डरती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे खेदजनक बताया है.

तिरुवनन्तपुरम: फेसबुक ने कवि के सच्चिदानंद के अकाउंट को अस्थायी तौर से सस्पेंड कर दिया है. सच्चिदानंद 24 घंटे तक किसी प्रकार का पोस्ट, लाइक, कमेंट या शेयर नहीं कर सकते हैं. इसके साथ ही फेसबुक ने उन पर एफबी लाइव करने से 30 दिनों का बैन लगा दिया है. वह केरल के रहनेवाले हैं.

उन्होंने बताया कि फेसबुक ने ये कदम तब उठाया जब उन्होंने हाल ही में खत्म हुए केरल विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक हास्य-व्यंग्य वीडियो पोस्ट किया.

इस बीच, केरल में सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक क्षेत्र के कई लोगों ने इस मामले की निन्दा की है.

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मलयालम लेखक बेन्यामीन ने कहा कि सच्चिदानंदन की कविता और उनके लेख कायरों के लिए वज्र के समान हैं. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि एक सरकार 75 साल के कवि से भी डरती है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे खेदजनक बताया है.

Last Updated : May 11, 2021, 2:27 PM IST
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