नई दिल्ली : महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज होने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिमोत्तर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है और अब उसकी नजर दक्षिणी राज्यों खासकर तेलंगाना पर है, जहां उसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (BJP national executive meeting) शनिवार से शुरू होगी. पांच वर्ष के अंतराल के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह पहली बैठक होगी, जो राष्ट्रीय राजधानी से बाहर हो रही है. वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा की यह तीसरी बैठक होगी, जो किसी दक्षिण भारतीय राज्य में आयोजित की जा रही है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी निर्णय लेने वाला भाजपा का प्रमुख निकाय है.
भाजपा 18 वर्ष के अंतराल के बाद हैदराबाद में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर रही है. तेलंगाना समेत दक्षिण के राज्यों में पांव पसारने की भाजपा की कोशिशों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन जुलाई को हैदराबाद में एक वृहद रैली करेंगे. यह रैली संभवत: स्थानीय संस्कृति एवं परंपरा के विषय पर आधारित होगी.
हैदराबाद में भाजपा की यह बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब पार्टी तेलंगाना में अपने पैर पसारने की पुरजोर कोशिशों में लगी हुई है। भाजपा को चुनौती देने के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के एक व्यापक गठबंधन को स्वरूप देने का प्रयास कर रहे हैं.
बैठक की तैयारियों के मद्देनजर देशभर से भाजपा नेताओं ने तेलंगाना के सभी 119 निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद किया. भाजपा ने 2020 में ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम और हुजुराबाद एवं दुब्बाका निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव सहित कुछ हालिया चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. भाजपा ने 2019 के लोक सभा चुनाव में तेलंगाना में चार सीट पर जीत हासिल की थी.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2-3 जुलाई को होगी. बैठक शनिवार दोपहर को भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के भाषण से शुरू होगी और मोदी के संबोधन से समाप्त होगी. बैठक के दौरान वे राज्य संगठनात्मक गतिविधियों पर रिपोर्ट देंगे, जहां चुनाव होने हैं.
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(पीटीआई-भाषा)