इंदौर : मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर में युवतियों के नाम से फर्जी सोशल मीडिया खाते बनाकर आर्थिक रूप से संपन्न पुरुषों को जाल में फंसाते हुए उनसे धन ऐंठने वाले गिरोह का भंडाफोड़ (mp police busted gang extorting money) किया. इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सम्पत उपाध्याय ने बताया कि इंदौर के स्कीम नंबर 54 क्षेत्र की एक इमारत के फ्लैट से पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोनू (20), संदीप (20), सचिन (24) और अमन (24) के रूप में हुई है. डीसीपी ने बताया कि चारों युवक शिवपुरी के मूल निवासी हैं और इंदौर में रहकर गिरोह चला रहे थे.
उन्होंने बताया कि चारों आरोपी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर युवतियों के नाम से फर्जी खाते चला रहे थे, जहां वे आर्थिक रूप से संपन्न पुरुषों से संपर्क कर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे. उपाध्याय ने बताया, 'चारों युवक सोशल मीडिया पर खुद को युवतियों के रूप में पेश करते हुए पुरुषों से अश्लील चैट तथा वीडियो कॉल करते थे और सूचना तकनीकी की मदद से इसकी रिकॉर्डिंग कर लेते थे. बाद में इस आपत्तिजनक सामग्री को पुरुषों के रिश्तेदारों और परिचितों को भेजने की धमकी देकर उनसे धन वसूला जाता था.'
100 से अधिक लोगों को किया शिकार
उन्होंने बताया कि हमें शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह ने इस तरीके से कम से कम 100 लोगों को जाल में फंसाते हुए उनसे कुल 10 लाख रुपये ऐंठे हैं. डीसीपी ने बताया कि चारों आरोपियों के कब्जे से नौ मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और मामले की विस्तृत जांच जारी है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी भी पीड़ित ने शिकायत नहीं दी है.
आरोपियों ने बताया कि वह एक एप के माध्यम से लड़कियों की तरह लोगों से अश्लील बात करते हैं और उन्हें अपने जाल में फंसाते हैं. जब कोई व्यक्ति जाल में फंस जाता था, तो उससे वीडियो कॉल कर उसकी रिकॉर्डिंग कर लेते थे. इसके बाद आरोपी पीड़ितों से धन की उगाही करते थे. डीसीपी सम्पत उपाध्यय का कहना है कि यह एक बड़ा गिरोह हो सकता है कि इस मामले में जांच की जा रही है.
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