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विदेश मंत्री एस जयशंकर इस सप्ताह रूस की यात्रा पर जाएंगे - इस सप्ताह रूस की यात्रा पर जाएंगे

विदेश मंत्री एस जयशंकर वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए आधार तैयार करने और अफगानिस्तान में तेजी से उभरती स्थिति पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह मास्को का दौरा करेंगे. इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.

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Published : Jul 5, 2021, 9:15 PM IST

नई दिल्ली : मास्को में उनकी वार्ता के दौरान व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में संबंधों के लिए भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के ढांचे के तहत सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है. विदेश मंत्री का अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक वार्ता करने का कार्यक्रम है.

कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया गया था। दोनों देशों के पास एक तंत्र है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए एक वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करते हैं. अब तक भारत और रूस में वैकल्पिक रूप से 20 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार चर्चा का एक प्रमुख केन्द्र अफगानिस्तान में देश से अमेरिकी सेना की वापसी की स्थिति में उभरती स्थिति होगा.

यह भी पढ़ें-थाइलैंड की फैक्ट्री में धमाका, एक की मौत और 62 घायल

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर पिछले कुछ सप्ताह में कई हमले हुए हैं. भारत अफगानिस्तान में हिंसा के बढ़ते स्तर के साथ-साथ देश में अपने प्रभाव का विस्तार करने के तालिबान के प्रयासों से चिंतित है. लावरोव ने अप्रैल में भारत का दौरा किया था. इस दौरान दोनों पक्षों ने शिखर सम्मेलन की तैयारियों के साथ-साथ अन्य प्रमुख द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : मास्को में उनकी वार्ता के दौरान व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में संबंधों के लिए भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के ढांचे के तहत सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा होने की संभावना है. विदेश मंत्री का अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक वार्ता करने का कार्यक्रम है.

कोविड-19 महामारी के कारण पिछले साल वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन स्थगित कर दिया गया था। दोनों देशों के पास एक तंत्र है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए एक वार्षिक शिखर बैठक आयोजित करते हैं. अब तक भारत और रूस में वैकल्पिक रूप से 20 वार्षिक शिखर बैठकें हो चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार चर्चा का एक प्रमुख केन्द्र अफगानिस्तान में देश से अमेरिकी सेना की वापसी की स्थिति में उभरती स्थिति होगा.

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अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर पिछले कुछ सप्ताह में कई हमले हुए हैं. भारत अफगानिस्तान में हिंसा के बढ़ते स्तर के साथ-साथ देश में अपने प्रभाव का विस्तार करने के तालिबान के प्रयासों से चिंतित है. लावरोव ने अप्रैल में भारत का दौरा किया था. इस दौरान दोनों पक्षों ने शिखर सम्मेलन की तैयारियों के साथ-साथ अन्य प्रमुख द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की थी.

(पीटीआई-भाषा)

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