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पूरे तमिलनाडु में शराब की बोतल बाय-बैक योजना का विस्तार करें : HC - Tamil Nadu State Marketing Corporation

मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) ने पूरे तमिलनाडु में शराब की बोतल बाय बैक योजना (liquor bottle buy back scheme) का विस्तार करने के निर्देश दिए हैं. नीलगिरी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में अभी यह योजना लागू है.

Madras High Court
मद्रास हाई कोर्ट
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Published : Jun 24, 2022, 10:29 PM IST

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने शुक्रवार को तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) को निर्देश दिया कि वह पूरे राज्य में शराब की बोतल वापस खरीदने की योजना लाए. TASMAC तमिलनाडु में शराब बेचने वाली एकमात्र सरकारी एजेंसी है.अभी नीलगिरी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में ये योजना लागू है. इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और जंगली जानवरों को नुकसान से बचाने का है.

न्यायमूर्ति एस एन सतीश कुमार और डी भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया. जनहित याचिका में पर्यावरण का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि इससे वन जानवरों पर असर पड़ रहा है. इससे पहले, TASMAC के एमडी ने बेंच के एक विशिष्ट प्रश्न के उत्तर में कहा था कि निगम को नीलगिरी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन इलाकों में बेंच के निर्देश के बाद हाल ही में योजना शुरू की गई है.

पीठ ने पूछा क्या कठिनाई है. पहाड़ी क्षेत्रों में शराब की बोतलें जंगली जानवरों को घायल करती हैं. ये वास्तविक खतरा था. कोर्ट ने TASMAC को 15 जुलाई तक पूरे तमिलनाडु के लिए एक व्यापक बोतल बायबैक योजना लाने और तौर-तरीकों पर काम करने का निर्देश दिया.

पढ़ें- मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस ने की वॉट्सऐप से सुनवाई, वह भी संडे को, जानिए क्यों ?

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ ने शुक्रवार को तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) को निर्देश दिया कि वह पूरे राज्य में शराब की बोतल वापस खरीदने की योजना लाए. TASMAC तमिलनाडु में शराब बेचने वाली एकमात्र सरकारी एजेंसी है.अभी नीलगिरी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में ये योजना लागू है. इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण और जंगली जानवरों को नुकसान से बचाने का है.

न्यायमूर्ति एस एन सतीश कुमार और डी भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिया. जनहित याचिका में पर्यावरण का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि इससे वन जानवरों पर असर पड़ रहा है. इससे पहले, TASMAC के एमडी ने बेंच के एक विशिष्ट प्रश्न के उत्तर में कहा था कि निगम को नीलगिरी और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन इलाकों में बेंच के निर्देश के बाद हाल ही में योजना शुरू की गई है.

पीठ ने पूछा क्या कठिनाई है. पहाड़ी क्षेत्रों में शराब की बोतलें जंगली जानवरों को घायल करती हैं. ये वास्तविक खतरा था. कोर्ट ने TASMAC को 15 जुलाई तक पूरे तमिलनाडु के लिए एक व्यापक बोतल बायबैक योजना लाने और तौर-तरीकों पर काम करने का निर्देश दिया.

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