रामागुंडम (तेलंगाना): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (आरएफसीएल) के उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया, जिसे 6,338 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने 990 करोड़ रुपये की बजट लागत से निर्मित भद्राचलम रोड से सत्तुपल्ली तक 54.1 किलोमीटर रेलवे लाइन का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया.
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा है कि दुनिया के नाजुक दौर से गुजरने के बावजूद भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 1990 के बाद यानी पिछले तीन दशकों में देश ने जो विकास देखा है, वो पिछले आठ वर्षों के दौरान हुए बदलावों के कारण कुछ ही वर्षों में होगा. उन्होंने कहा, 'पिछले दो-तीन साल से दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही है. दूसरी ओर संघर्ष हो रहे हैं, सैन्य कार्रवाइयां हो रही हैं और उसका असर देश और दुनिया पर भी पड़ रहा है.'
मोदी ने कहा, 'इन विकट परिस्थितियों में भी दुनिया भर में एक और बात सुनने को मिल रही है. दुनिया भर के जानकारों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और उस दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है.' उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में शासन, विचार प्रक्रिया और दृष्टिकोण में भी बदलाव आया है. चाहे वो बुनियादी ढांचा हो, सरकारी प्रक्रियाएं हों या व्यापार करने में आसानी हो.....ये सभी बदलाव भारत के 'आकांक्षी समाज' को प्रेरित कर रहे हैं.
'सिंगरेनी कंपनी के निजीकरण का इरादा नहीं'
इस अवसर पर पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी के निजीकरण का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कि केंद्र सरकार का इरादा सिंगरेनी कंपनी के निजीकरण का नहीं है. उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार की सिंगरेनी में 51 फीसदी हिस्सेदारी है. उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सिंगरेनी कंपनी का निजीकरण कैसे कर सकता है जबकि राज्य सरकार की इसमें बहुमत हिस्सेदारी है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसानों के लिए उर्वरकों की कमी को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं. यूरिया को विदेश से उच्च लागत पर आयात करना पड़ता है. हम किसानों को कम कीमत पर नीम कोटिंग यूरिया प्रदान कर रहे हैं. हम मिट्टी परीक्षण करते हैं और किसानों को कार्ड प्रदान करते हैं. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए कि किसान मिट्टी की प्रकृति के अनुसार फसलें लगाएं. हमने किसानों को नैनो यूरिया तकनीक उपलब्ध कराई है.
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, किसानों को यूरिया के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. जब हम सत्ता में आए, तो हमने यूरिया की कमी को दूर दिया. हमने जो कदम उठाए हैं, उससे यूरिया की कालाबाजारी बंद हो गई है. 5 क्षेत्रों में उर्वरक कारखानों में 70 लाख टन यूरिया का उत्पादन हो रहा है. केंद्र सरकार यूरिया पर 2 हजार रुपये की सब्सिडी दे रही है. (इनपुट-भाषा)