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सर्दियों में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा, बचाव का सिर्फ एक तरीका

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच कोरोना के मामलों में एक बार फिर से उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में वरिष्ठ स्वास्थ्य और पर्यावरण विशेषज्ञ का कहना है कि सरकार को प्रदूषण और कोरोना से लड़ने की विशेष रणनीति बनाने की जरूरत है, क्योंकि ठंड के मौसम में कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है.

बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
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Published : Nov 8, 2020, 3:01 PM IST

नई दिल्ली : ऐसे समय में जब केंद्र सरकार कोविड-19 से लड़ने और बढ़ते प्रदूषण से निजात के विकल्प तलाश रही है. वरिष्ठ स्वास्थ्य और पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल गोयल ने ईटीवी भारत को बताया कि ठंड के समय प्रदूषण लंबे समय तक रहता है, जो कोरोना के संक्रमण को बढ़ाने में मदद करेगा.

डॉ. गोयल ने कहा कि प्रदूषण और ठंड का मौसम दिल्ली में कोविड-19 मामलों को बढ़ाने का प्रमुख कारण है. पहली चरण में यहां तीन हजार से अधिक मामले रहे, दूसरे चरण में चार हजार से अधिक हो गए और अब तीसरे चरण में राजधानी में छह हजार से अधिक मामले हो गए.

कोरोना से लड़ने के लिए विशेष रणनीति बनाने की जरूरत.

दिल्ली ने पिछले 24 घंटों में 7178 कोविड-19 मामलों के साथ महाराष्ट्र और केरल को पीछे छोड़ दिया. इस संख्या के साथ पिछले 24 घंटों में भारत में नए 50,356 मामले में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले दिल्ली से थे.

70 प्रतिशत कोरोना के मामले 10 राज्यों दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आ रहे हैं. डॉ. गोयल ने कहा कि दिल्ली में इस बार मृत्यु दर भी 1.73 प्रतिशत बढ़ी है.

डॉ. गोयल ने कहा कि वर्तमान में कोविड पॉजिटिव केस के प्रतिशत बढ़ रहे हैं. कोविड मामलों की संख्या बढ़ी है, जो पहले 5.3 प्रतिशत के आस-पास थी. मृत्यु दर में भी वृद्धि हुई है और इस प्रकार मामलों की गंभीरता बढ़ रही है.

उन्होंने जोर दिया कि सरकार को और अधिक आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की जरूरत है. केवल 23 प्रतिशत आरटी-पीसीआर परीक्षण हो रहे हैं और 73 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं. जबकि एंटीजन टेस्ट में 50 प्रतिशत रिपोर्ट गलत आ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग मोड प्रक्रिया पर बढ़ाना चाहिए. कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जरूरत पड़ने पर ही आप अपने घरों से बाहर जाएं. अगर घर से बाहर जाते हैं, तो मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें.

उन्होंने कहा कि वाहनों, उद्योग, निर्माण स्थलों आदि से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन को सख्ती से नियंत्रित करने की आवश्यकता है.

नई दिल्ली : ऐसे समय में जब केंद्र सरकार कोविड-19 से लड़ने और बढ़ते प्रदूषण से निजात के विकल्प तलाश रही है. वरिष्ठ स्वास्थ्य और पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. अनिल गोयल ने ईटीवी भारत को बताया कि ठंड के समय प्रदूषण लंबे समय तक रहता है, जो कोरोना के संक्रमण को बढ़ाने में मदद करेगा.

डॉ. गोयल ने कहा कि प्रदूषण और ठंड का मौसम दिल्ली में कोविड-19 मामलों को बढ़ाने का प्रमुख कारण है. पहली चरण में यहां तीन हजार से अधिक मामले रहे, दूसरे चरण में चार हजार से अधिक हो गए और अब तीसरे चरण में राजधानी में छह हजार से अधिक मामले हो गए.

कोरोना से लड़ने के लिए विशेष रणनीति बनाने की जरूरत.

दिल्ली ने पिछले 24 घंटों में 7178 कोविड-19 मामलों के साथ महाराष्ट्र और केरल को पीछे छोड़ दिया. इस संख्या के साथ पिछले 24 घंटों में भारत में नए 50,356 मामले में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले दिल्ली से थे.

70 प्रतिशत कोरोना के मामले 10 राज्यों दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आ रहे हैं. डॉ. गोयल ने कहा कि दिल्ली में इस बार मृत्यु दर भी 1.73 प्रतिशत बढ़ी है.

डॉ. गोयल ने कहा कि वर्तमान में कोविड पॉजिटिव केस के प्रतिशत बढ़ रहे हैं. कोविड मामलों की संख्या बढ़ी है, जो पहले 5.3 प्रतिशत के आस-पास थी. मृत्यु दर में भी वृद्धि हुई है और इस प्रकार मामलों की गंभीरता बढ़ रही है.

उन्होंने जोर दिया कि सरकार को और अधिक आरटी-पीसीआर परीक्षण करने की जरूरत है. केवल 23 प्रतिशत आरटी-पीसीआर परीक्षण हो रहे हैं और 73 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं. जबकि एंटीजन टेस्ट में 50 प्रतिशत रिपोर्ट गलत आ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग मोड प्रक्रिया पर बढ़ाना चाहिए. कोविड प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जरूरत पड़ने पर ही आप अपने घरों से बाहर जाएं. अगर घर से बाहर जाते हैं, तो मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें.

उन्होंने कहा कि वाहनों, उद्योग, निर्माण स्थलों आदि से निकलने वाले कार्बन उत्सर्जन को सख्ती से नियंत्रित करने की आवश्यकता है.

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