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औसत से बेहतर आम बजट 2021, क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी कामयाबी: विशेषज्ञ - union budget 2021

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों की घोषणा की.

Agriculture sector in union budget 2021
आम बजट 2021 में कृषि क्षेत्र पर दिया गया ध्यान
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Published : Feb 1, 2021, 7:16 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आम बजट 2021 के साथ ही देश के लिये नये दशक का पहला बजट पेश किया. पिछले बजट के मुकाबले इस बजट में लगभग सभी क्षेत्रों के लिये ज्यादा बजट आवंटन किया गया है. वहीं, अगर कृषि क्षेत्र की बात करें तो मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ किया गया है.

मत्स्य क्षेत्र पर जोर देते हुए देश में पांच बड़े फिशरी हब बनाने की बात भी कही गई है और कृषि क्षेत्र के लिये क्रेडिट के माध्यम से 16.5 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. कृषि क्षेत्र के लिये कुल 1,31,531 करोड़ का बजटीय प्रावधान इस बजट में किया गया है, जो पिछले सभी बजट के मुकाबले ज्यादा है.

ईटीवी भारत ने कृषि क्षेत्र के लिये आवंटित बजट पर कृषि विशेषज्ञ और इंडियन चैम्बर्स ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष एमजे खान से आम बजट 2021 पर विशेष बातचीत की. एमजे खान ने कहा कि इस बजट में सप्लाई चेन और वैल्यू चेन में सुधार लाने के लिये निवेश और पार्टनरशिप बढ़ाने की जरूरत थी. दूसरी तरफ कृषि उत्पाद में अत्याधुनिक तकनीक को लाने की भी आवश्यकता है, जिसके लिये सरकार ने तीन कृषि कानूनों के रूप में एक शुरुआत की थी, लेकिन फिलहाल उन पर रोक लगी हुई है.

उन्होंने कहा कि आम बजट 2021 में जो प्रावधान हुए हैं वह आशा अनुरूप फिशरीज सेक्टर में सरकार ने बड़ी घोषणा की है क्योंकि इस क्षेत्र का विकास दर कई सालों से ऊपर रहा है और इसमें संभावनाएं भी हैं. कॉटन सेक्टर को बढ़ाने की भी बात की गई है क्योंकि भारत अब कॉटन उत्पाद में सबसे बड़ा देश बन गया है. कुल मिलाकर यदि आम बजट 2021 में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन योजनाओं के माध्यम से धरातल पर उतरता है तो क्षेत्र का फायदा होगा.

इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये बजट बढ़ाये जाने पर एमजे खान का कहना है कि सरकार ने इसके माध्यम से उन किसानों को भी संदेश देने का प्रयास किया है. जो तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से एपीएमसी को अपग्रेड करने की बात कही गई है. साथ ही 1000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने की भी योजना है. इससे किसानों को ये संदेश प्रेषित करने का प्रयास है कि मंडियों को खत्म करने की बजाय उनको और मजबूत करने का प्रयास सरकार कर रही है.

पढ़ें: बजट 2021-22 : यहां जानिए सभी मुख्य बातें

एक और उम्मीद यह की जा रही थी कि आम बजट 2021 में सरकार पीएम-किसान की राशि को बढ़ाकर 12000 प्रति वर्ष कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसानों की मांग कम से कम 24000 प्रति वर्ष की थी. इस तरह से किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की कोई खास योजना नहीं दिखी. क्रेडिट के माध्यम से जरूर लाभ देने की बात इस बजट में है. वहीं, किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए एमजे खान ने कहा कि सरकार यदि कोई सीधे लाभ की योजना ले भी आती तो किसान आंदोलन पर इसका असर देखने को इसलिये नहीं मिलता क्योंकि अब यह आंदोलन राजनीतिक हो चुका है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में आम बजट 2021 के साथ ही देश के लिये नये दशक का पहला बजट पेश किया. पिछले बजट के मुकाबले इस बजट में लगभग सभी क्षेत्रों के लिये ज्यादा बजट आवंटन किया गया है. वहीं, अगर कृषि क्षेत्र की बात करें तो मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर 40,000 करोड़ किया गया है.

मत्स्य क्षेत्र पर जोर देते हुए देश में पांच बड़े फिशरी हब बनाने की बात भी कही गई है और कृषि क्षेत्र के लिये क्रेडिट के माध्यम से 16.5 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है. कृषि क्षेत्र के लिये कुल 1,31,531 करोड़ का बजटीय प्रावधान इस बजट में किया गया है, जो पिछले सभी बजट के मुकाबले ज्यादा है.

ईटीवी भारत ने कृषि क्षेत्र के लिये आवंटित बजट पर कृषि विशेषज्ञ और इंडियन चैम्बर्स ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर के अध्यक्ष एमजे खान से आम बजट 2021 पर विशेष बातचीत की. एमजे खान ने कहा कि इस बजट में सप्लाई चेन और वैल्यू चेन में सुधार लाने के लिये निवेश और पार्टनरशिप बढ़ाने की जरूरत थी. दूसरी तरफ कृषि उत्पाद में अत्याधुनिक तकनीक को लाने की भी आवश्यकता है, जिसके लिये सरकार ने तीन कृषि कानूनों के रूप में एक शुरुआत की थी, लेकिन फिलहाल उन पर रोक लगी हुई है.

उन्होंने कहा कि आम बजट 2021 में जो प्रावधान हुए हैं वह आशा अनुरूप फिशरीज सेक्टर में सरकार ने बड़ी घोषणा की है क्योंकि इस क्षेत्र का विकास दर कई सालों से ऊपर रहा है और इसमें संभावनाएं भी हैं. कॉटन सेक्टर को बढ़ाने की भी बात की गई है क्योंकि भारत अब कॉटन उत्पाद में सबसे बड़ा देश बन गया है. कुल मिलाकर यदि आम बजट 2021 में की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन योजनाओं के माध्यम से धरातल पर उतरता है तो क्षेत्र का फायदा होगा.

इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये बजट बढ़ाये जाने पर एमजे खान का कहना है कि सरकार ने इसके माध्यम से उन किसानों को भी संदेश देने का प्रयास किया है. जो तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के माध्यम से एपीएमसी को अपग्रेड करने की बात कही गई है. साथ ही 1000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने की भी योजना है. इससे किसानों को ये संदेश प्रेषित करने का प्रयास है कि मंडियों को खत्म करने की बजाय उनको और मजबूत करने का प्रयास सरकार कर रही है.

पढ़ें: बजट 2021-22 : यहां जानिए सभी मुख्य बातें

एक और उम्मीद यह की जा रही थी कि आम बजट 2021 में सरकार पीएम-किसान की राशि को बढ़ाकर 12000 प्रति वर्ष कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. किसानों की मांग कम से कम 24000 प्रति वर्ष की थी. इस तरह से किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने की कोई खास योजना नहीं दिखी. क्रेडिट के माध्यम से जरूर लाभ देने की बात इस बजट में है. वहीं, किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए एमजे खान ने कहा कि सरकार यदि कोई सीधे लाभ की योजना ले भी आती तो किसान आंदोलन पर इसका असर देखने को इसलिये नहीं मिलता क्योंकि अब यह आंदोलन राजनीतिक हो चुका है.

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