चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी पंजाब के प्रभारी जरनैल सिंह के साथ ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. पंजाब में लगातार आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे लोगों की तादाद बढ़ रही है. इसी के चलते सोमवार को कुछ समाजसेवियों और सरकारी विभागों में काम कर चुके अफसरों सहित कैबिनेट मंत्री विजेंद्र सिंह सिंगला के चाचा भगवान दास सिंगला ने भी आम आदमी पार्टी का दामन थामा.
सवाल : पंजाब में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ की लिस्ट जारी कर दी गई है. मोहाली में सबसे ज्यादा संवेदनशील बूथ हैं.
जवाब : पुलिस और राज्य चुनाव आयोग के साथ मिलकर कांग्रेस जबरन काम कर रही है. कई बार आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को पर्चे भरने से रोका गया, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं हुई.
सवाल : जब आपने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था तब आपने क्या सोचा था. आज कई बड़े कैबिनेट मंत्रियों के रिश्तेदार 'आप' में शामिल हो रहे हैं, इनकी सोच क्या है?
जवाब : अन्ना हजारे मूवमेंट और इंडिया अगेंस्ट करप्शन मूवमेंट के बाद जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो वह अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ गए. भ्रष्टाचार को खत्म करने के मकसद से ही वह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और तीन बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही है. हर बार ज्यादा वोट मार्जिन से सरकार बनाई है. इतिहास में पहली बार किसी पार्टी ने यह कहकर वोट मांगे हैं कि अगर उनकी सरकार के काम से जनता संतुष्ट है तभी उन्हें वोट दें. सरकार लोगों के लिए काम भी कर रही है. पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने काम के बदले वोट मांगने की अपील करके दिखाएं, अगर उनमें हिम्मत है. लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुकून चाहिए जो दिल्ली में सरकार दे रही है.
सवाल : स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू कहते हैं आम आदमी पार्टी अब आम नहीं बल्कि अमीर पार्टी हो गई है?
जवाब : बलवीर सिद्धू खुद आम आदमी पार्टी की परिभाषा उनको बता दें. मोहाली में हार के डर से वह बौखला कर ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं. अच्छे लोगों का रुझान अच्छे लोगों की तरफ हुआ है, जिससे बलवीर सिद्धू परेशान हैं.
सवाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि पंजाब में वह भी रहे हैं और पंजाब की रोटी उन्होंने भी खाई है. आम आदमी पार्टी उनके बयान को कैसे देखती है?
जवाब : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा बेनकाब हुआ है. एक तरफ किसानों के पक्ष में बयान देते हैं और दूसरी तरफ किसानों के ऊपर अत्याचार कर रहे हैं. लगातार किसान आंदोलन में कई किसान जान गवां चुके हैं और भाजपा के अहंकार के कारण ही नहीं कानून रद्द नहीं हो पा रहे. कृषि कानून वापस लेकर ही किसानों के प्रति और सिखों के प्रति उनकी श्रद्धा दिख सकती है.
सवाल : 'आप' पंजाब में काफी समय से है. 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर जमीन पर स्थिति को आप कैसे देखती है?
जवाब : अगर किसानों के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव को जोड़कर देखा जाए तो पंजाब में मुख्य चार पार्टियां हैं. भाजपा नए कानून लाने वाली पार्टी है और कांग्रेस का हाई पावर कमेटी के दौरान दी गई परवानगी को लेकर पर्दाफाश हो चुकी है. अकाली दल गठजोड़ भाजपा के समय केंद्रीय मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल की अध्यक्षता में पास हुए कानूनों को लेकर उनकी राजनीति भी बेनकाब हो चुकी है. अगर उस समय हरसिमरत कैबिनेट में हस्ताक्षर नहीं करतीं और बिल रुकवा लेतीं तो आज यह माहौल में नहीं बनता. कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल पंजाब के लोगों के सामने बेनकाब हो चुके हैं. वहीं किसानों के हक के लिए हमेशा आम आदमी पार्टी खड़ी रही है.
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सवाल : आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री का चेहरा दलित होगा या सिख होगा?
जवाब : लोगों की राय शुमारी के बाद ही फैसला लिया जाएगा. यह बताना अभी काफी जल्दबाजी होगी. यह बात छुपी नहीं रहेगी जल्द ही आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री का एलान भी करेगी.