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ETV BHARAT से हॉकी टीम के कैप्टन मनप्रीत बोले- ओलंपिक में मेडल जीतने से बढ़ा मनोबल

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है. टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता. भारत आने पर इन रणबांकुरो का जोरदार स्वागत हुआ. ईटीवी भारत से भारतीय पुरुष हॉकी टीम कैप्टन मनप्रीत सिंह ने बात की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा...

कैप्टन मनप्रीत
कैप्टन मनप्रीत
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Published : Aug 13, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Aug 13, 2021, 8:29 PM IST

चंडीगढ़ : पंजाब के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों सहित कुल 20 खिलाड़ियों को राज्य सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया. इस दौरान से भारतीय पुरुष हॉकी टीम कैप्टन मनप्रीत सिंह ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

इस दौरान मनप्रीत सिंह ने कहा कि उनके परिजनों का सपना था कि उनका बेटा ओलंपिक में मेडल जीते. हॉकी में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने परिजनों का यह सपना पूरा किया है. उन्होंने बताया कि मेडल जीतने से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है. हॉकी टीम आने वाले मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेगी.

हॉकी टीम के कैप्टन मनप्रीत से खास बातचीत.

खिलाड़ियों में कुल 28.36 करोड़ रुपये की धनराशि बांटी गई और पदक विजेताओं को नौकरी का वादा किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह की पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति की घोषणा की. वह अभी उपाधीक्षक हैं.

मनप्रीत सिंह के बारे में कुछ रोचक तथ्य
जालंधर के मीठापुर के एक छोटे से गांव का रहने वाले 29 साल के मनप्रीत ने कम उम्र से ही अपनी मां मनजीत कौर को कड़ी मेहनत करते देखा था. कौर को परिवार का समर्थन करने के लिए काम करना पड़ा, क्योंकि उनके पति मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से घिरे हुए थे. मनप्रीत 2016 में जब सुल्तान अजलान शाह कप में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे तब उनके पिता का निधन हो गया था.

भारतीय कप्तान ने 2011 में 19 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था. सीनियर टीम के सदस्य के रूप में उनका पहला बड़ा टूर्नामेंट 2012 लंदन ओलंपिक था। उन्होंने तब से सभी प्रमुख टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व किया है और 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे.

यह भी पढ़ें- जानें, कौन हैं जीत के हीरो और कैसी रही है हॉकी की विजय गाथा

मनप्रीत की कप्तानी में भारत ने 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता. उन्हें 2019 में एफआईएच साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. वह पिछले साल कोविड-19 से संक्रमित हो गये थे.

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के दस खिलाड़ियों मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, मनदीप सिंह, शमशेर सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, हार्दिक सिंह, सिमरनजीत सिंह, गुरजंत सिंह और दिलप्रीत सिंह में से प्रत्येक को 2.5 करोड़ रुपये दिये गये. पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी कृष्ण पाठक को भी 50 लाख रुपये दिये गये.

गौरतलब है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था.

चंडीगढ़ : पंजाब के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों सहित कुल 20 खिलाड़ियों को राज्य सरकार ने टोक्यो ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया. इस दौरान से भारतीय पुरुष हॉकी टीम कैप्टन मनप्रीत सिंह ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

इस दौरान मनप्रीत सिंह ने कहा कि उनके परिजनों का सपना था कि उनका बेटा ओलंपिक में मेडल जीते. हॉकी में कांस्य पदक जीतकर उन्होंने परिजनों का यह सपना पूरा किया है. उन्होंने बताया कि मेडल जीतने से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है. हॉकी टीम आने वाले मैचों में अच्छा प्रदर्शन करेगी.

हॉकी टीम के कैप्टन मनप्रीत से खास बातचीत.

खिलाड़ियों में कुल 28.36 करोड़ रुपये की धनराशि बांटी गई और पदक विजेताओं को नौकरी का वादा किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह की पुलिस अधीक्षक पद पर पदोन्नति की घोषणा की. वह अभी उपाधीक्षक हैं.

मनप्रीत सिंह के बारे में कुछ रोचक तथ्य
जालंधर के मीठापुर के एक छोटे से गांव का रहने वाले 29 साल के मनप्रीत ने कम उम्र से ही अपनी मां मनजीत कौर को कड़ी मेहनत करते देखा था. कौर को परिवार का समर्थन करने के लिए काम करना पड़ा, क्योंकि उनके पति मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से घिरे हुए थे. मनप्रीत 2016 में जब सुल्तान अजलान शाह कप में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे तब उनके पिता का निधन हो गया था.

भारतीय कप्तान ने 2011 में 19 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था. सीनियर टीम के सदस्य के रूप में उनका पहला बड़ा टूर्नामेंट 2012 लंदन ओलंपिक था। उन्होंने तब से सभी प्रमुख टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व किया है और 2014 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे.

यह भी पढ़ें- जानें, कौन हैं जीत के हीरो और कैसी रही है हॉकी की विजय गाथा

मनप्रीत की कप्तानी में भारत ने 2018 एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता. उन्हें 2019 में एफआईएच साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. वह पिछले साल कोविड-19 से संक्रमित हो गये थे.

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के दस खिलाड़ियों मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, मनदीप सिंह, शमशेर सिंह, रूपिंदर पाल सिंह, हार्दिक सिंह, सिमरनजीत सिंह, गुरजंत सिंह और दिलप्रीत सिंह में से प्रत्येक को 2.5 करोड़ रुपये दिये गये. पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ी कृष्ण पाठक को भी 50 लाख रुपये दिये गये.

गौरतलब है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता था.

Last Updated : Aug 13, 2021, 8:29 PM IST
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