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Captain Amarinder Singh : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में हुए शामिल

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने समर्थकों के साथ सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भी विलय हो गया. सिंह ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और पीएलसी का गठन किया था. Captain joins bjp. ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

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कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल
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Published : Sep 19, 2022, 5:36 PM IST

Updated : Sep 19, 2022, 8:16 PM IST

नई दिल्ली : आखिरकार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो गए. पार्टी में शामिल होने से पहले उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. उन्होंने अपनी नवगठित पार्टी पीएलसी का भाजपा में विलय भी कर दिया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरेन रीजीजू, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सिंह ने यहां पार्टी मुख्यालय में केंद्र के सत्ताधारी दल का दामन थामा. Captain joins bjp.

ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

सिंह के साथ राज्य के कुछ और नेता भी भाजपा में शामिल हो गए. तोमर ने सिंह का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पंजाब में भाजपा की ताकत बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि उन्होंने हमेशा राष्ट्र को पार्टी और दलगत राजनीति से ऊपर रखा है. उन्होंने कहा, 'कैप्टन साहब की सोच भाजपा से मिलती रही है. जैसे भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वप्रथम है, उसी प्रकार कैप्टन ने राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाया.'

सिंह ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और पीएलसी का गठन किया था. पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद सिंह को भी अपने गढ़ पटियाला शहर से शिकस्त मिली थी.

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह की पत्नी प्रनीत कौर पटियाला से कांग्रेस की सांसद हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने सिंह के लिए प्रचार किया था. पीएलसी का विलय कराकर भाजपा पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है. रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद लंदन से हाल में लौटने के बाद अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.

सिंह ने 12 सितंबर को शाह के साथ अपनी मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, पंजाब में मादक पदार्थ-आतंकवाद के बढ़ते मामलों और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए भविष्य की रूपरेखा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बहुत सार्थक चर्चा की. दो बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह पूर्ववर्ती पटियाला शाही परिवार के वंशज हैं.

कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. पांडेय ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जिन लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान और सबसे ज्यादा सत्ता से सबंधित अधिकार दिए गए और आज ऐसे समय में इस प्रकार के निर्णय ले रहे हैं. पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन करने वाले अमरिंदर सिंह पहले ही अपने कई करीबी नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं.

पंजाब में संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में लगी भाजपा अपनी राज्य इकाई की टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी में है और यह माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी जल्द ही उन्हें पंजाब में कोई बड़ी भूमिका दे सकती है.

दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव के कारण कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पंजाब विधान सभा चुनाव से कुछ महीने पहले अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था. उस समय चुनावी रणनीति के तहत अमरिंदर सिंह ने अपने कई करीबियों को भाजपा में शामिल करा दिया था लेकिन स्वयं अपने राजनीतिक दल के बैनर तले ही भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था.

हालांकि अमरिंदर सिंह न तो अपनी पटियाला सीट बचा पाए और न ही अपनी पार्टी के किसी उम्मीदवार को जीता पाए. आम आदमी पार्टी की आंधी में भाजपा के मंसूबे धरे के धरे रह गए. 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अब भाजपा राज्य में संगठन का पुनर्गठन करने में जुट गई है और भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने और संगठन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

नई दिल्ली : आखिरकार पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो गए. पार्टी में शामिल होने से पहले उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. उन्होंने अपनी नवगठित पार्टी पीएलसी का भाजपा में विलय भी कर दिया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किरेन रीजीजू, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में सिंह ने यहां पार्टी मुख्यालय में केंद्र के सत्ताधारी दल का दामन थामा. Captain joins bjp.

ईटीवी भारत संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट

सिंह के साथ राज्य के कुछ और नेता भी भाजपा में शामिल हो गए. तोमर ने सिंह का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से पंजाब में भाजपा की ताकत बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि उन्होंने हमेशा राष्ट्र को पार्टी और दलगत राजनीति से ऊपर रखा है. उन्होंने कहा, 'कैप्टन साहब की सोच भाजपा से मिलती रही है. जैसे भाजपा के लिए राष्ट्र सर्वप्रथम है, उसी प्रकार कैप्टन ने राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत को अपने जीवन में अपनाया.'

सिंह ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद पिछले साल कांग्रेस छोड़ दी थी और पीएलसी का गठन किया था. पीएलसी ने भाजपा और सुखदेव सिंह ढींढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था. हालांकि, उसका एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया था और खुद सिंह को भी अपने गढ़ पटियाला शहर से शिकस्त मिली थी.

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह की पत्नी प्रनीत कौर पटियाला से कांग्रेस की सांसद हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने सिंह के लिए प्रचार किया था. पीएलसी का विलय कराकर भाजपा पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है. रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद लंदन से हाल में लौटने के बाद अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.

सिंह ने 12 सितंबर को शाह के साथ अपनी मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, पंजाब में मादक पदार्थ-आतंकवाद के बढ़ते मामलों और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए भविष्य की रूपरेखा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बहुत सार्थक चर्चा की. दो बार मुख्यमंत्री रह चुके सिंह पूर्ववर्ती पटियाला शाही परिवार के वंशज हैं.

कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. पांडेय ने कहा, यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जिन लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान और सबसे ज्यादा सत्ता से सबंधित अधिकार दिए गए और आज ऐसे समय में इस प्रकार के निर्णय ले रहे हैं. पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन करने वाले अमरिंदर सिंह पहले ही अपने कई करीबी नेताओं को भाजपा में शामिल करा चुके हैं.

पंजाब में संगठन को मजबूत करने और जनाधार बढ़ाने के मिशन में लगी भाजपा अपनी राज्य इकाई की टीम में बड़े पैमाने पर बदलाव की तैयारी में है और यह माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी जल्द ही उन्हें पंजाब में कोई बड़ी भूमिका दे सकती है.

दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू से टकराव के कारण कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पंजाब विधान सभा चुनाव से कुछ महीने पहले अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया था. उस समय चुनावी रणनीति के तहत अमरिंदर सिंह ने अपने कई करीबियों को भाजपा में शामिल करा दिया था लेकिन स्वयं अपने राजनीतिक दल के बैनर तले ही भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था.

हालांकि अमरिंदर सिंह न तो अपनी पटियाला सीट बचा पाए और न ही अपनी पार्टी के किसी उम्मीदवार को जीता पाए. आम आदमी पार्टी की आंधी में भाजपा के मंसूबे धरे के धरे रह गए. 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अब भाजपा राज्य में संगठन का पुनर्गठन करने में जुट गई है और भाजपा के रणनीतिकारों का मानना है कि अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने और संगठन को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.

Last Updated : Sep 19, 2022, 8:16 PM IST
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