ब्रसेल्स : यूरोपीय संघ (ईयू) की अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उसे तत्काल मान्यता देने की योजना नहीं है. हालांकि, वह यूरोपीय नागरिकों और ईयू के साथ काम करने वाले अफगानों की सुरक्षित निकासी के लिये उससे बात करेगा. ईयू ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
यूरोपीय संघ में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता के बाद ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने शरणार्थियों के एक नए पलायन को रोकने में मदद करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत शुरू करने के महत्व को भी रेखांकित किया.
बोरेल ने पत्रकारों से कहा, 'हमें काबुल में अधिकारियों के संपर्क में रहना है, फिर चाहे वे कोई भी हों. तालिबान युद्ध जीत चुका है. लिहाजा, हमें उनसे बात करनी होगी. इस वार्ता में विदेशी आतंकवादियों की वापसी को रोकने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी. यह आधिकारिक मान्यता की बात नहीं है. यह तालिबान के साथ समझौते का मामला है.
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ भविष्य की किसी भी अफगान सरकार के साथ तभी सहयोग करेगा, जब वह सभी अफगानों के मौलिक अधिकारों का सम्मान करे और आतंकवादी संगठनों द्वारा अफगानिस्तान के क्षेत्र के उपयोग को रोके.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां की स्थिति पर मंगलवार को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने एक आपातकालीन बैठक की. जिसके बाद यूरोपीय संघ ने एक बयान जारी कर अफगानिस्तान के क्षेत्रों में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन और हनन की रिपोर्टों के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की.
तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया था. तालिबानी लड़ाकों के शहर में प्रवेश करने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था. जिसके बाद तालिबान ने राष्ट्रपति महल पर कब्जा कर लिया.
बोरेल ने बयान में कहा कि अपने नागरिकों की भलाई और सुरक्षा, राजनीतिक और मानवाधिकार उपलब्धियां, साथ ही साथ क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर लगी हैं. बयान ने कहा गया है कि यूरोपीय संघ अफगानिस्तान में सभी पक्षों से सभी प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने और एक समावेशी, व्यापक और स्थायी राजनीतिक समाधान को आगे बढ़ाने का आह्वान करता है.
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बोरेल ने कहा, यूरोपीय संघ अफगानिस्तान में संघ के सभी नागरिकों के साथ-साथ यूरोपीय संघ या सदस्य देशों के लिए काम करने वाले स्थानीय कर्मचारियों की सुरक्षा और सुरक्षा के अत्यधिक महत्व पर जोर देता है.
(एजेंसी)