पटना: बिहार के बेतिया से यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) को गिरफ्तार करने के बाद ईओयू की टीम अपने साथ पटना ऑफिस में लेकर गई है. मनीष कश्यप की पहली रात सलाखों के पीछे गुजरी. आज आर्थिक अपराध शाखा मनीष कश्यप से कई मामलों में पूछताछ कर सकती है. इस यूट्यूबर पर तमिलनाडु राज्य में बिहारी मजदूरों, कामगारों पर झूठे हिंसा वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करने के भी आरोप लगे हैं. इस मामले में तमिलनाडु पुलिस भी मनीष कश्यप को पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है. बता दें कि वित्तीय अनियमितता पाए जाने के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा कार्रवाई की जा रही है.
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जनता के बीच भय पैदा करने का आरोप: यूट्यूबर मनीष पर आम जनता के बीच उत्तेजना, दुर्भावना और भय का वातावरण बनाने का भी आरोप है. इसी मामले में पुलिस ने आर्थिक अपराध थाना में काण्ड सं0-03/2023, 04/2023 और 05/2023 का नामजद अभियुक्त बनाया है. वैसे इस यूट्यूबर का नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी भी बताया जाता है. इसके विरूद्ध न्यायालय द्वारा दो दिन पहले ही गिरफ्तारी वारंट निर्गत किया गया था.
कुर्की के डर से मनीष ने किया सरेंडर: इसकी गिरफ्तारी हेतु आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में विशेष टीम के कई टीमों का गठन हुआ था. जबकि किसी के हाथ यूट्यूबर मनीष कश्यप नहीं आ सका. अंतत: उसने खुद जगदीशपुर ओपी थाने में जाकर सरेंडर कर दिया. हालांकि गिरफ्तारी होने तक घर की कुर्की होती रही. पुलिस घर के कई सामानों को जब्त कर अपने साथ ले गई थी.
यूट्यूबर मनीष के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी: आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम के द्वारा राज्य के अंदर और बाहर में दिल्ली, सोनीपत, हरियाणा आदि कई स्थानों पर अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई थी. इन सब के बाद आरोपी मनीष के वाबजूद 18 मार्च को सूचना मिली कि अभियुक्त मनीष कश्यप बेतिया की ओर जा रहा है. तभी विशेष टीम ने पीछा करते हुए चकिया चेक पोस्ट पर इंटरसेप्ट किया.
भागने छिपने के बाद किया आत्मसमर्पण: उसके बाद अभियुक्त मनीष कश्यप वहां से रास्ता बदलकर भागने लगा. तभी मोतिहारी एवं बेतिया जिला की पुलिस टीम भी उसकी खोज में लग गयी. तभी वांछित अभियुक्त मनीष कश्यप के विरूद्ध चल रही लगातार प्रभावशाली छापेमारी, उसके आय के श्रोत की जांच संबंधित सभी ठिकानों पर कड़ी निगरानी एवं छापेमारी की गई. उसके बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम एवं जिला पुलिस के द्वारा छापेमारी एवं नाकाबंदी कर अभियुक्त मनीष कश्यप को रोक दिया गया. तभी गिरफ्तारी के भय से वह जगदीशपुर ओ0पी0 में जाकर आत्मसमर्पण कर दिया. उल्लेखनीय है कि अभियुक्त मनीष कश्यप के विरूद्ध इसके अलावे मझौलिया थाना में काण्ड संख्या-193/2021 में कुर्की जब्ती की कार्रवाई की जा रही थी.
पूछताछ में जुटी इओयू: अभियुक्त मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम इससे पूछ-ताछ में जुटी है. वहीं तमिलनाडु पुलिस की विशेष टीम भी अभियुक्त से पूछताछ कर रही है. जानकारी मिली है कि अभियुक्त मनीष कश्यप पर अभी तक दस कांड दर्ज होने की सूचना है. जिसमें पुलिस पर हमला एवं सामप्रदायिक सोशल मीडिया पोस्ट समेत कई गतिविधियों में संलिप्त होना शामिल है.
कई बैंक खातों को किया फ्रीज: यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी के बाद उससे संबंधित 04 बैंक खातों में उपलब्ध राशि को फ्रीज कर दिया गया है. जिसमें एसबीआई बैंक के खाते में उपलब्ध राशि 3,37,496 रुपये, दूसरा आईडीएफसी बैंक के खाते में उपलब्ध राशि 51,069 रुपये, एचडीएफसी बैंक खाते में उपलब्ध राशि 3,37,463 रुपये और सचतक फाउंडेशन के एचडीएफसी बैंक के खाते में उपलब्ध राशि 34,85,909 रुपये मिलाकर कुल इसके खाते के 42लाख 11 हजार 937 रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं.
वित्तीय अनियमितता के मिले साक्ष्य: ईओयू के अनुसार मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के भी साक्ष्य मिले हैं. जिन पर गहन अनुसंधान चल रहा है. इस अनुसंधान के क्रम में सामने आयी बात है कि अभियुक्त मनीष कश्यप ने पटना के विभिन्न कोचिंग संस्थानों को अपने पक्ष में ब्रांडिंग कराने के लिए कई एड के जरिए अवैध तरीके से बिना अनुमति लिये होर्डिंग्स लगाये हैं.
नगर निगम और एसएसपी को मिली चिट्ठी: इस संबंध में विधि-सम्मत कार्रवाई करने हेतु पटना नगर निगम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक पटना को पत्र भी सौंपा गया. इस अभियुक्त पर सभी कांडों का अग्रेतर अनुसंधान जारी है. इधर, अभियुक्त मनीष कश्यप को न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद पूछताछ करने के लिए पुलिस रिमांड पर लेने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया जाएगा. उसके विरूद्ध प्रतिवेदित सभी कांडों का अनुसंधान को ससमय पूरा करने के लिए विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से ससमय विचारण कराया जाएगा.