नई दिल्ली : असम-मिजोरम सीमा संघर्ष समाधान को लेकर इंजीनियर सुमिंद्र चौधरी (sumindra Chowdhury) ने किताब लिखी है. पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर चौधरी ने किताब लिखकर खुद को 'साहित्य इंजीनियर' के रूप में पेश किया है. उनका मानना है कि लेखन किसी भी संघर्ष को हल करने का बेहतर विकल्प हो सकता है.
चौधरी ने कहा, 'साहित्य लोगों के दिलो-दिमाग से जुड़ सकता है. इस पुस्तक के साथ मैंने दोनों राज्यों के बीच भाई-बहन के रिश्ते को चित्रित करने की कोशिश की है.'
चौधरी ने असम और मिजोरम के बीच चल रहे संघर्ष को 'दो बहनों के बीच मतभेद' करार देते हुए कहा कि दोनों राज्यों को पूर्वोत्तर में बहनों के रूप में जाना जाता है. चौधरी ने कहा, 'दो बहनों के बीच लड़ाई नहीं हो सकती. दोनों राज्यों की सांस्कृतिक नैतिकता बहुत अच्छी है.'
चौधरी ने अपनी पुस्तक में मिजोरम की विभिन्न रंगीन संस्कृति और आतिथ्य को दर्शाने का प्रयास किया है. चौधरी ने कहा, 'एक बार जब लोग मेरी किताब पढ़ लेंगे, तो दोनों राज्यों के बीच संबंधों को बेहतर समझ सकेंगे.'
किताब में लालडेंगा का भी है जिक्र
चौधरी ने अपनी पुस्तक में मिजोरम के गठन और उसके नेतृत्व के बारे में विस्तार से बताने की कोशिश की है. चौधरी ने कहा, 'मिजोरम पहले असम का हिस्सा था. इस पुस्तक में मैंने लालडेंगा जैसे महान नेता की लड़ाई को विस्तार से बताने की कोशिश की है, जिन्होंने कभी भारत के खिलाफ हथियार उठा लिए थे और बाद में मुख्यधारा में आए और सरकार बनाई.'
लालडेंगा मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री थे और उन्होंने मिसो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) का गठन किया था. 1950 के दशक में मिज़ो क्षेत्र की स्वतंत्रता की मांग करने वाली सरकार के खिलाफ एक अलगाववादी युद्ध का नेतृत्व किया. बाद में उन्होंने 1986 में सरकार के साथ मिजो समझौते पर हस्ताक्षर किए और मिजोरम के साथ 1987 में एक स्वतंत्र राज्य बनने के साथ सरकार बनाई.
चौधरी ने कहा, '... यह किताब मिजोरम और असम के बीच मौजूदा सीमा तनाव को कम करने की कोशिश करेगी. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में दोनों राज्य देश के बाकी हिस्सों में भाईचारे के बंधन को प्रदर्शित करेंगे.'
जुलाई में हुई थी असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा
बीते 26 जुलाई को सीमा विवाद को लेकर असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा हुई थी. दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच हुई फायरिंग में असम पुलिस के छह जवान और एक नागरिक की मौत हो गई थी. घटना में कम से कम 50 लोग घायल हुए थे. इस घटना के बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव बढ़ गया था.
हालांकि बाद में, दोनों राज्यों ने एक संयुक्त बयान में शांति बनाए रखने के लिए अंतर-राज्यीय सीमा के विवादित क्षेत्रों में तटस्थ बलों को गश्त करने की केंद्र की पहल को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की है.
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