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मनसुख हिरेन मौत मामले में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट वाजे की भूमिका संदिग्ध

फडणवीस ने सचिन वाजे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की. वह केंद्र सरकार से मांग करेंगे और मामले से संबंधित सबूतों को गृह मंत्रालय को सौंपे जाएं.

encounter specialist vaze in mansukh hiren death case
मनसुख हिरेन मौत मामले में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट वाजे
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Published : Mar 6, 2021, 10:40 PM IST

मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर संदिग्ध गाड़ी मामले की जांच कर रहे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को 4 दिन पहले प्रभारी के रूप से हटा दिया गया था. वहीं, शुक्रवार को संदिग्ध गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन मृत पाए गए, जिससे इस मामले का रहस्य और गहरा गया.

बता दें, देश के सबसे अमीर शख्स और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध गाड़ी में विस्फोटक भी बरामद हुआ था. इस मामले को विपक्ष ने विधानसभा में उठाया और मामले में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे की भूमिका पर भी सवाल उठाया.

मामले की जांच कर रहे थे वाजे

निलंबित चल रहे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, जिन्होंने पिछले साल 6 जून, 2020 को फिर से अपना कामकाज संभाला था. मामले में जांच अधिकारी के रूप में वाजे को नियुक्त किया गया था, हालांकि, चार दिन पहले उन्हें प्रभारी के रूप में हटा दिया गया था. इस बीच शुक्रवार को ठाणे निवासी और संदिग्ध गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन का शव मिला.

देवेंद्र फडणवीस ने वाजे की भूमिका पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुद्दा उठाते हुए वाजे की भूमिका पर संदेह जताया. उन्होंने इस मामले से वाजे को हटाने पर स्पष्टीकरण की मांग की. जिस व्यक्ति ने स्कॉर्पियो के बारे में शिकायत की, उसने एक निजी टैक्सी किराए पर ली और क्रॉफोर्ड मार्केट चला गया. फडणवीस ने सवाल किया कि शिकायतकर्ता वहां किससे मिला था.

मौके पर कैसे पहुंचे सचिन वाजे?

मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर दो संदिग्ध गाड़ी मिली थी. जब जिलेटिन की छड़ें वाली एसयूवी की पहचान की गई तो वाजे मौके पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे. बता दें, संदिग्ध गाड़ी के मालिक हिरेन थे, जिन्होंने इन वाहनों की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. वाजे भी ठाणे के निवासी हैं और मालिक से परिचित हैं और कई बार उनसे फोन पर बात की. फड़नवीस ने कहा कि वाजे की हरकतें हिरेन मौत मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर संदेह पैदा करती हैं.

एनआईए को सौंप गई जांच

फडणवीस ने सचिन वाजे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की. वह केंद्र सरकार से मांग करेंगे और मामले से संबंधित सबूतों को गृह मंत्रालय को सौंपे जाएं.

सचिन वाजे का आरोपों से इनकार

देवेंद्र फडणवीस के आरोपों को इनकार करते हुए सचिन वाजे ने कहा कि जब विस्फोटक से भरी संदिग्ध गाड़ी मिली तो गोडेवी थाने की स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंची. टीम का नेतृत्व गोडेवी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कर रहे थे. ट्रैफिक पुलिस के दस्ते ने जगह का तलाशी भी ली थी. उन्होंने दावा किया कि वाजे अपराध शाखा के दस्ते के साथ आए थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह हिरेन से कभी नहीं मिले थे.

मनसे ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने ट्वीट किया कि वाजे को अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध गाड़ी मामले का प्रभार क्यों दिया गया. वाजे 2008 में शिवसेना में शामिल हुए थे. उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था, लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना के सत्ता में आने के बाद बहाल किया गया था. देशपांडे ने कहा कि वाजे को फिर से बहाल किए जाने के बाद हाई प्रोफाइल मामलों के जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था.

गृह मंत्री ने वाजे का समर्थन किया वापस किया?

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि विपक्ष वाजे के खिलाफ था क्योंकि उसने एनवे नाइक आत्महत्या मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था. देशमुख ने कहा कि वाजे की जगह पीएसआई नितिन अलंकुर को अब इस मामले की जांच करने को कहा गया है.

पढ़ें: संदिग्ध गाड़ी मामला: अपने बयान से मुकरा आतंकी संगठन जैश उल हिंद, अंबानी को नहीं दी धमकी

मामले की जांच के लिए आतंकवाद रोधी दस्ते को सौंपी

अनिल देशमुख ने कहा कि एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन का शव शुक्रवार को मिला था जिसने मामले को अलग मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इसकी जांच स्थानीय पुलिस कर रही है, लेकिन विस्फोटक से लदे वाहन का मामला आतंकवाद निरोधी दस्ते को सौंप दिया जाएगा.

मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर संदिग्ध गाड़ी मामले की जांच कर रहे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे को 4 दिन पहले प्रभारी के रूप से हटा दिया गया था. वहीं, शुक्रवार को संदिग्ध गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन मृत पाए गए, जिससे इस मामले का रहस्य और गहरा गया.

बता दें, देश के सबसे अमीर शख्स और उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध गाड़ी में विस्फोटक भी बरामद हुआ था. इस मामले को विपक्ष ने विधानसभा में उठाया और मामले में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वाजे की भूमिका पर भी सवाल उठाया.

मामले की जांच कर रहे थे वाजे

निलंबित चल रहे पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, जिन्होंने पिछले साल 6 जून, 2020 को फिर से अपना कामकाज संभाला था. मामले में जांच अधिकारी के रूप में वाजे को नियुक्त किया गया था, हालांकि, चार दिन पहले उन्हें प्रभारी के रूप में हटा दिया गया था. इस बीच शुक्रवार को ठाणे निवासी और संदिग्ध गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन का शव मिला.

देवेंद्र फडणवीस ने वाजे की भूमिका पर उठाए सवाल

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुद्दा उठाते हुए वाजे की भूमिका पर संदेह जताया. उन्होंने इस मामले से वाजे को हटाने पर स्पष्टीकरण की मांग की. जिस व्यक्ति ने स्कॉर्पियो के बारे में शिकायत की, उसने एक निजी टैक्सी किराए पर ली और क्रॉफोर्ड मार्केट चला गया. फडणवीस ने सवाल किया कि शिकायतकर्ता वहां किससे मिला था.

मौके पर कैसे पहुंचे सचिन वाजे?

मुकेश अंबानी के घर एंटिलिया के बाहर दो संदिग्ध गाड़ी मिली थी. जब जिलेटिन की छड़ें वाली एसयूवी की पहचान की गई तो वाजे मौके पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे. बता दें, संदिग्ध गाड़ी के मालिक हिरेन थे, जिन्होंने इन वाहनों की चोरी की शिकायत दर्ज कराई थी. वाजे भी ठाणे के निवासी हैं और मालिक से परिचित हैं और कई बार उनसे फोन पर बात की. फड़नवीस ने कहा कि वाजे की हरकतें हिरेन मौत मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर संदेह पैदा करती हैं.

एनआईए को सौंप गई जांच

फडणवीस ने सचिन वाजे के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए और मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग की. वह केंद्र सरकार से मांग करेंगे और मामले से संबंधित सबूतों को गृह मंत्रालय को सौंपे जाएं.

सचिन वाजे का आरोपों से इनकार

देवेंद्र फडणवीस के आरोपों को इनकार करते हुए सचिन वाजे ने कहा कि जब विस्फोटक से भरी संदिग्ध गाड़ी मिली तो गोडेवी थाने की स्थानीय पुलिस घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंची. टीम का नेतृत्व गोडेवी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कर रहे थे. ट्रैफिक पुलिस के दस्ते ने जगह का तलाशी भी ली थी. उन्होंने दावा किया कि वाजे अपराध शाखा के दस्ते के साथ आए थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि वह हिरेन से कभी नहीं मिले थे.

मनसे ने उठाए सवाल

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने ट्वीट किया कि वाजे को अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध गाड़ी मामले का प्रभार क्यों दिया गया. वाजे 2008 में शिवसेना में शामिल हुए थे. उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था, लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना के सत्ता में आने के बाद बहाल किया गया था. देशपांडे ने कहा कि वाजे को फिर से बहाल किए जाने के बाद हाई प्रोफाइल मामलों के जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था.

गृह मंत्री ने वाजे का समर्थन किया वापस किया?

गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि विपक्ष वाजे के खिलाफ था क्योंकि उसने एनवे नाइक आत्महत्या मामले में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था. देशमुख ने कहा कि वाजे की जगह पीएसआई नितिन अलंकुर को अब इस मामले की जांच करने को कहा गया है.

पढ़ें: संदिग्ध गाड़ी मामला: अपने बयान से मुकरा आतंकी संगठन जैश उल हिंद, अंबानी को नहीं दी धमकी

मामले की जांच के लिए आतंकवाद रोधी दस्ते को सौंपी

अनिल देशमुख ने कहा कि एसयूवी के मालिक मनसुख हिरेन का शव शुक्रवार को मिला था जिसने मामले को अलग मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इसकी जांच स्थानीय पुलिस कर रही है, लेकिन विस्फोटक से लदे वाहन का मामला आतंकवाद निरोधी दस्ते को सौंप दिया जाएगा.

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