श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी मारे गए हैं. बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ राजपोरा इलाके के कस्बायार में हुई है.
कश्मीर जोन के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के संयुक्त दल ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया. जैसे ही बलों की संयुक्त टीम ने संदिग्ध स्थानों की तलाशी तेज की, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने भी जवाबी फायरिंग की और मुठभेड़ शुरू हो गया. इस दौरान सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है.
कश्मीर आईजीपी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की पहचान जैश कमांडर यासिर पारे और आईईडी बनाने में माहिर विदेशी आतंकवादी फुरकान के रूप में हुई है. दोनों कई आतंकी अपराध के मामलों में शामिल थे.
जून, 2019 में अरिहाल-पुलवामा मार्ग से गुजर रहे 44 राष्ट्रीय राइफल्स के बहु-वाहन गश्ती दल पर आईईडी विस्फोट के पीछे 'ए' श्रेणी के ईनामी आतंकवादी पारे का हाथ था. इस घटना में दो जवान शहीद हो गए थे और 17 घायल हो गए थे.
साल 2019 में घटना के बाद भावुक हुए कर्नल सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, 'तुम (आतंकवादी) चाहे कहीं भी छिप जाओ, हम तुम्हें ढूंढ लेंगे, तुम्हारा खात्मा कर देंगे... क्योंकि हम कभी नहीं भूलते, कभी माफ नहीं करते.'
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को पूरे अभियान की निगरानी करते हुए कर्नल सिंह ने पारे के पिता को उसके आत्मसमर्पण लिए बुलाया, लेकिन फुरकान नामक विदेशी आतंकवादी ने भारी गोलीबारी की, जिसके चलते बात नहीं बन सकी.
पर्रे ने दक्षिण कश्मीर में जैश आतंकी समूह के विभिन्न समूहों का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2018 के अंत में उसके शामिल होने के बाद यह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह पैर पसारने लगा.
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर अभियान खत्म होने के बाद इलाके से दो एके सीरीज राइफल, 12 ग्रेनेड सहित दो यूजीबीएल, कई एके मैग्जीन और कारतूस बरामद हुए.
गौरतलब है कि 24 नवंबर को श्रीनगर के रामबाग इलाके में हुई मुठभेड़ (encounter in Srinagar) में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया था. मारे गए एक आतंकी की पहचान TRF के टॉप कमांडर मेहरान के रूप में हुई थी. मेहरान दो शिक्षकों की हत्या में शामिल था.
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बता दें कि सुरक्षा को चाक-चौबंद करने और जमीन पर बलों की तैनाती दिखाने की रणनीति के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की नई कंपनियां घाटी भेजी गई हैं. इनमें से 25 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की हैं और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं. सीएपीएफ की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं.