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Encounter In Anantnag: जम्मू-कश्मीर में जारी मुठभेड़ बनी अब तक का तीसरा सबसे लंबा ऑपरेशन

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को भी आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है. सोमवार को इस मुठभेड़ का छठा दिन है. इसी के साथ ही यह अब तक की तीसरी सबसे लंबी मुठभेड़ है. बता दें कि एक अधिकारी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि आज यह मुठभेड़ खत्म हो सकती है.

Encounter In Anantnag
अनंतनाग में मुठभेड़
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 3:40 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 6:02 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के गडोल इलाके (कोकेरनाग) के जंगलों में चल रही मुठभेड़ का सोमवार को छठा दिन है. गौरतलब है कि मुठभेड़ 13 सितंबर को शुरू हुई और इस दौरान भारतीय सेना के तीन जवान - कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और एक सैनिक के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुजामिल भट भी शहीद हुए थे, जबकि एक सैनिक अभी भी लापता है.

वहीं आतंकवादियों की ओर से किसी के हताहत होने की आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है. सुरक्षा बल घने वन क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर रहे हैं, जहां माना जाता है कि आतंकवादी छिपे हुए हैं, लेकिन ऑपरेशन अभी भी जारी है और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है. अब यह मुठभेड़ 2008 के बाद से तीसरा सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन साबित हो रहा है.

पहली सबसे लंबी मुठभेड़

पहली सबसे लंबी मुठभेड़, 19 दिनों का ऑपरेशन 2021 में जम्मू और कश्मीर के जम्मू प्रांत के पुंछ जिले में डेरा की गली और भिम्बर गली के बीच जंगलों में हुई थी. 11 अक्टूबर 2021 को हुए इस ऑपरेशन में दो जूनियर कमिश्नर ऑफिसर (जेसीओ) समेत नौ सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. 19 दिनों की तलाशी और कार्रवाई के बाद, सेना ने 30 अक्टूबर को ऑपरेशन बंद कर दिया.

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़ 31 दिसंबर, 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भट्टी धार वन ऑपरेशन में हुई और बाद में 9 जनवरी, 2009 को बंद कर दी गई. इस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए थे, साथ ही एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित तीन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी.

कोकेरनाग के जंगलों में चल रहा हमला, जिसमें सेना और पुलिस के तीन शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कई वर्षों तक क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया, यह तीसरी सबसे लंबी मुठभेड़ है. सभी लंबे समय तक आतंकवाद विरोधी अभियान कश्मीर घाटी की दक्षिणी दिशा की पीर पंचाल रेंज पर चलाए गए.

वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह रेंज घने जंगलों से घिरी हुई है, जहां आतंकवादी सटीक ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद उच्च घनत्व वाले जंगलों का फायदा उठाते हैं और भाग जाते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि कल रात सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से एक जला हुआ शव बरामद किया.

उन्होंने बताया कि कपड़ों से यह किसी उग्रवादी का शव लग रहा है, लेकिन डीएनए जांच के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी. एक सिपाही भी लापता है, जिसकी तलाश की जा रही है. अधिकारी ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर और पैरा कमांडो की एक विशेष इकाई को तैनात किया है, लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली है.

उन्होंने कहा कि मुझे आपको बताना होगा कि सुरक्षा बलों के बीच तालमेल और समन्वय उत्कृष्ट है. शुरुआती नुकसान के बाद सेनाएं ऑपरेशन को खास इलाके तक ही सीमित रखने में कामयाब हो गई हैं. परिचालन कठिनाइयों के बारे में बोलते हुए, अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह क्षेत्र पहाड़ी है, इसलिए उग्रवादियों को फायदा था, इसके अलावा पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने भी अब तक के ऑपरेशन को प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह ऑपरेशन आज समाप्त हो जाएगा और सबसे लंबा नहीं होगा. दिलचस्प बात यह है कि जून 1967 में, तीसरा अरब-इजरायल युद्ध जिसे 'छह दिवसीय युद्ध' के रूप में भी जाना जाता है, इज़राइल और अरब राज्यों - मिस्र, सीरिया और जॉर्डन के गठबंधन के बीच लड़ा गया था. राष्ट्रों के बीच संघर्ष के इतिहास में यह चौथा सबसे छोटा युद्ध था.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हुमहामा में शहीद डीएसपी हुमायूं के घर पहुंचे

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अन्य अधिकारियों के साथ डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट के आवास पर जाकर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. एक अधिकारी ने बताया कि एलजी सिन्हा ने मुख्य सचिव एके मेहता, मंडलायुक्त कश्मीर, डीआइजी मध्य कश्मीर, एसएसपी बडगाम और अन्य अधिकारी के साथ उनके घर पहुंचे. गौरतलब है कि डीएसपी हुमायूं भट्ट पिछले हफ्ते अनंतनाग में दो सैन्य अधिकारियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के गडोल इलाके (कोकेरनाग) के जंगलों में चल रही मुठभेड़ का सोमवार को छठा दिन है. गौरतलब है कि मुठभेड़ 13 सितंबर को शुरू हुई और इस दौरान भारतीय सेना के तीन जवान - कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और एक सैनिक के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं मुजामिल भट भी शहीद हुए थे, जबकि एक सैनिक अभी भी लापता है.

वहीं आतंकवादियों की ओर से किसी के हताहत होने की आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की गई है. सुरक्षा बल घने वन क्षेत्र की निगरानी के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर रहे हैं, जहां माना जाता है कि आतंकवादी छिपे हुए हैं, लेकिन ऑपरेशन अभी भी जारी है और इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है. अब यह मुठभेड़ 2008 के बाद से तीसरा सबसे लंबा चलने वाला ऑपरेशन साबित हो रहा है.

पहली सबसे लंबी मुठभेड़

पहली सबसे लंबी मुठभेड़, 19 दिनों का ऑपरेशन 2021 में जम्मू और कश्मीर के जम्मू प्रांत के पुंछ जिले में डेरा की गली और भिम्बर गली के बीच जंगलों में हुई थी. 11 अक्टूबर 2021 को हुए इस ऑपरेशन में दो जूनियर कमिश्नर ऑफिसर (जेसीओ) समेत नौ सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. 19 दिनों की तलाशी और कार्रवाई के बाद, सेना ने 30 अक्टूबर को ऑपरेशन बंद कर दिया.

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़

दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़ 31 दिसंबर, 2008 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के भट्टी धार वन ऑपरेशन में हुई और बाद में 9 जनवरी, 2009 को बंद कर दी गई. इस मुठभेड़ में चार आतंकवादी मारे गए थे, साथ ही एक जूनियर कमीशंड अधिकारी सहित तीन सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी.

कोकेरनाग के जंगलों में चल रहा हमला, जिसमें सेना और पुलिस के तीन शीर्ष अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने कई वर्षों तक क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया, यह तीसरी सबसे लंबी मुठभेड़ है. सभी लंबे समय तक आतंकवाद विरोधी अभियान कश्मीर घाटी की दक्षिणी दिशा की पीर पंचाल रेंज पर चलाए गए.

वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह रेंज घने जंगलों से घिरी हुई है, जहां आतंकवादी सटीक ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद उच्च घनत्व वाले जंगलों का फायदा उठाते हैं और भाग जाते हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत को बताया कि कल रात सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से एक जला हुआ शव बरामद किया.

उन्होंने बताया कि कपड़ों से यह किसी उग्रवादी का शव लग रहा है, लेकिन डीएनए जांच के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी. एक सिपाही भी लापता है, जिसकी तलाश की जा रही है. अधिकारी ने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर और पैरा कमांडो की एक विशेष इकाई को तैनात किया है, लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिली है.

उन्होंने कहा कि मुझे आपको बताना होगा कि सुरक्षा बलों के बीच तालमेल और समन्वय उत्कृष्ट है. शुरुआती नुकसान के बाद सेनाएं ऑपरेशन को खास इलाके तक ही सीमित रखने में कामयाब हो गई हैं. परिचालन कठिनाइयों के बारे में बोलते हुए, अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह क्षेत्र पहाड़ी है, इसलिए उग्रवादियों को फायदा था, इसके अलावा पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने भी अब तक के ऑपरेशन को प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह ऑपरेशन आज समाप्त हो जाएगा और सबसे लंबा नहीं होगा. दिलचस्प बात यह है कि जून 1967 में, तीसरा अरब-इजरायल युद्ध जिसे 'छह दिवसीय युद्ध' के रूप में भी जाना जाता है, इज़राइल और अरब राज्यों - मिस्र, सीरिया और जॉर्डन के गठबंधन के बीच लड़ा गया था. राष्ट्रों के बीच संघर्ष के इतिहास में यह चौथा सबसे छोटा युद्ध था.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा हुमहामा में शहीद डीएसपी हुमायूं के घर पहुंचे

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अन्य अधिकारियों के साथ डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट के आवास पर जाकर परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की. एक अधिकारी ने बताया कि एलजी सिन्हा ने मुख्य सचिव एके मेहता, मंडलायुक्त कश्मीर, डीआइजी मध्य कश्मीर, एसएसपी बडगाम और अन्य अधिकारी के साथ उनके घर पहुंचे. गौरतलब है कि डीएसपी हुमायूं भट्ट पिछले हफ्ते अनंतनाग में दो सैन्य अधिकारियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए थे.

Last Updated : Sep 18, 2023, 6:02 PM IST
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