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चीन में मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए भारतीय दूतावास ने मेडिकल कॉलेजों से की बात

बीजिंग में भारतीय दूतावास ने सितंबर में चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करना चाह रहे संभावित भारतीय छात्रों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर उन्हें यहां उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के कम प्रतिशत, पुतोंघुआ भाषा सीखने की अनिवार्यता तथा भारत में प्रैक्टिस करने के लिए कड़े नियमों के प्रति आगाह किया था.

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Published : Nov 7, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Nov 7, 2022, 5:35 PM IST

बीजिंग : भारत ने चीन को उसके मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए अपने देश में कामकाज की अनुमति पाने के लिहाज से जरूरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा हाल में जारी सख्त नियमों से अवगत करा दिया है. भारत ने चीन के अधिकारियों से कहा है कि छात्र नये नियमों का अनुपालन करने के लिहाज से योग्य हों. बीजिंग में भारतीय दूतावास ने सितंबर में चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करना चाह रहे संभावित भारतीय छात्रों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर उन्हें यहां उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के कम प्रतिशत, पुतोंघुआ भाषा सीखने की अनिवार्यता तथा भारत में प्रैक्टिस करने के लिए कड़े नियमों के प्रति आगाह किया था.

आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, चीन के विश्वविद्यालयों में इस समय 23,000 से अधिक भारतीय छात्र पंजीकृत हैं. इनमें से अधिकतर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. कोविड संबंधी वीजा पाबंदियों की दो साल से अधिक की अवधि के बाद चीन ने हाल में छात्रों की वापसी के लिए वीजा जारी करना शुरू किया है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 350 से ज्यादा छात्र चीन में अपने कॉलेजों में पढ़ाई के लिए भारत से लौट चुके हैं. इनमें से अधिकतर को वापसी के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि कोई सीधी उड़ान नहीं है तथा दोनों देश बीजिंग में पृथकवास संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर सीमित उड़ान सुविधाओं को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस बीच चीन के मेडिकल कॉलेजों ने भारत और दूसरे देशों से नये छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

  • Embassy continues to receive queries regarding eligibility for Indian students pursuing clinical medicine program in China to appear in qualifying exam conducted by NMC of India. Students requested to see Gazette Notification dated Nov 18, 2021 by NMC: Embassy of India in Beijing pic.twitter.com/wGqbRkJxXk

    — ANI (@ANI) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस पृष्ठभूमि में यहां भारतीय दूतावास ने 10 सितंबर को व्यापक दिशानिर्देश जारी किये जिनमें भारत में डॉक्टरी की पात्रता के लिए सख्त नियमों को रेखांकित किया गया है. इनमें चीन में प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करना भी शामिल है. दूतावास ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने संबंधित चीनी अधिकारियों तथा मेडिकल कॉलेजों को इससे अवगत करा दिया है और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए आने वाले सभी भारतीय छात्र शिक्षित, प्रशिक्षित और सुविधा संपन्न हों ताकि वे एनएमसी की उपरोक्त आवश्यकताओं को पूरा कर सकें. उसने कहा, "नवंबर 2021 के बाद चीन में क्लीनिकल चिकित्सा कार्यक्रम में दाखिला लेने वाले और चीन में चिकित्सक के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने में विफल रहने वाले किसी भी छात्र को विदेश चिकित्सा स्नातक परीक्षा में शामिल होने के लिहाज से अपात्र माना जाएगा."

दूतावास ने कहा कि संभावित भारतीय छात्र और उनके माता-पिता चीन में क्लीनिकल चिकित्सा कार्यक्रम करने वाले भारतीय छात्रों के संबंध में एनएमसी द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा में भाग लेने के संदर्भ में उनसे लगातार सवाल पूछ रहे हैं. उसने कहा कि छात्रों और उनके माता-पिता से एनएमसी द्वारा 18 नवंबर, 2021 को जारी राजपत्रित अधिसूचना का अध्ययन करने का आग्रह किया गया है. दूतावास ने संबंधित चीनी अधिकारियों से इस बात की पुष्टि के लिए भी संपर्क किया है कि भारतीय छात्र 'सहायक चिकित्सक' के रूप में चीनी अस्पतालों में काम कर सकें.

(पीटीआई-भाषा)

बीजिंग : भारत ने चीन को उसके मेडिकल कॉलेजों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के लिए अपने देश में कामकाज की अनुमति पाने के लिहाज से जरूरी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा हाल में जारी सख्त नियमों से अवगत करा दिया है. भारत ने चीन के अधिकारियों से कहा है कि छात्र नये नियमों का अनुपालन करने के लिहाज से योग्य हों. बीजिंग में भारतीय दूतावास ने सितंबर में चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करना चाह रहे संभावित भारतीय छात्रों के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर उन्हें यहां उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के कम प्रतिशत, पुतोंघुआ भाषा सीखने की अनिवार्यता तथा भारत में प्रैक्टिस करने के लिए कड़े नियमों के प्रति आगाह किया था.

आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, चीन के विश्वविद्यालयों में इस समय 23,000 से अधिक भारतीय छात्र पंजीकृत हैं. इनमें से अधिकतर डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं. कोविड संबंधी वीजा पाबंदियों की दो साल से अधिक की अवधि के बाद चीन ने हाल में छात्रों की वापसी के लिए वीजा जारी करना शुरू किया है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 350 से ज्यादा छात्र चीन में अपने कॉलेजों में पढ़ाई के लिए भारत से लौट चुके हैं. इनमें से अधिकतर को वापसी के लिए संघर्ष करना पड़ा क्योंकि कोई सीधी उड़ान नहीं है तथा दोनों देश बीजिंग में पृथकवास संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर सीमित उड़ान सुविधाओं को लेकर बातचीत कर रहे हैं. इस बीच चीन के मेडिकल कॉलेजों ने भारत और दूसरे देशों से नये छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

  • Embassy continues to receive queries regarding eligibility for Indian students pursuing clinical medicine program in China to appear in qualifying exam conducted by NMC of India. Students requested to see Gazette Notification dated Nov 18, 2021 by NMC: Embassy of India in Beijing pic.twitter.com/wGqbRkJxXk

    — ANI (@ANI) November 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस पृष्ठभूमि में यहां भारतीय दूतावास ने 10 सितंबर को व्यापक दिशानिर्देश जारी किये जिनमें भारत में डॉक्टरी की पात्रता के लिए सख्त नियमों को रेखांकित किया गया है. इनमें चीन में प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस प्राप्त करना भी शामिल है. दूतावास ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उसने संबंधित चीनी अधिकारियों तथा मेडिकल कॉलेजों को इससे अवगत करा दिया है और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि चीन में चिकित्सा की पढ़ाई करने के लिए आने वाले सभी भारतीय छात्र शिक्षित, प्रशिक्षित और सुविधा संपन्न हों ताकि वे एनएमसी की उपरोक्त आवश्यकताओं को पूरा कर सकें. उसने कहा, "नवंबर 2021 के बाद चीन में क्लीनिकल चिकित्सा कार्यक्रम में दाखिला लेने वाले और चीन में चिकित्सक के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने में विफल रहने वाले किसी भी छात्र को विदेश चिकित्सा स्नातक परीक्षा में शामिल होने के लिहाज से अपात्र माना जाएगा."

दूतावास ने कहा कि संभावित भारतीय छात्र और उनके माता-पिता चीन में क्लीनिकल चिकित्सा कार्यक्रम करने वाले भारतीय छात्रों के संबंध में एनएमसी द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा में भाग लेने के संदर्भ में उनसे लगातार सवाल पूछ रहे हैं. उसने कहा कि छात्रों और उनके माता-पिता से एनएमसी द्वारा 18 नवंबर, 2021 को जारी राजपत्रित अधिसूचना का अध्ययन करने का आग्रह किया गया है. दूतावास ने संबंधित चीनी अधिकारियों से इस बात की पुष्टि के लिए भी संपर्क किया है कि भारतीय छात्र 'सहायक चिकित्सक' के रूप में चीनी अस्पतालों में काम कर सकें.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 7, 2022, 5:35 PM IST
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