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केरल : महावत की मौत पर अंतिम दर्शन करने आया हाथी

इंसान और जानवर का याराना बेहद पुराना है. ऐसा ही कुछ देखने मिला केरल के कोट्टायम में, जहां एक हाथी अपने महावत के शव के पास खड़ा रहा. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 4, 2021, 11:02 PM IST

हाथी
हाथी

तिरुवनंतपुरम : केरल के कोट्टायम में रहने वाले 74 वर्षीय महावत दामोदरन नायर उर्फ ​​ओमना चेतन की मृत्यु हो गई. इस दौरान उनका हाथी भी उन्हें आखिरी बार देखने के लिए मौजूद रहा. वह महावत के शव के पास खड़ा रहा. दामोदरन पिछले 25 वर्षों से पल्लत ब्रह्मदातन नाम के हाथी के महावत थे.

दोनों में घनिष्ठ मित्रता थी. ओमना चेतन की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनके पार्थिव शरीर को देखने के लिए ब्रह्मदथन भी मौजूद था. यह देख वहां खड़े सभी लोगों की आंखें नम हो गईं.

महावत की मौत पर अंतिम दर्शन करने आया हाथी

कोट्टायम कुरोप्पाडा के मूल निवासी दामोदरन नायर पिछले 60 से अधिक वर्षों से हाथी की देखभाल कर रहे थे. उनका जीवन हाथियों के लिए समर्पित था.

पढ़ें :- केरल: मां से बिछड़े हाथी के बच्चे को कोनी कैंप में मिला नया परिवार

प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम, कूडलमानिक्यम, अरत्तुपुझा उत्सव और अन्य उत्सवों में भी ओमना चेतन और ब्रह्मदाथन मौजूद होते थे. दामोदरन नायर ने कई महावतों को प्रशिक्षित भी किया था. उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से भी नवाजा गया था.

तिरुवनंतपुरम : केरल के कोट्टायम में रहने वाले 74 वर्षीय महावत दामोदरन नायर उर्फ ​​ओमना चेतन की मृत्यु हो गई. इस दौरान उनका हाथी भी उन्हें आखिरी बार देखने के लिए मौजूद रहा. वह महावत के शव के पास खड़ा रहा. दामोदरन पिछले 25 वर्षों से पल्लत ब्रह्मदातन नाम के हाथी के महावत थे.

दोनों में घनिष्ठ मित्रता थी. ओमना चेतन की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार के दौरान उनके पार्थिव शरीर को देखने के लिए ब्रह्मदथन भी मौजूद था. यह देख वहां खड़े सभी लोगों की आंखें नम हो गईं.

महावत की मौत पर अंतिम दर्शन करने आया हाथी

कोट्टायम कुरोप्पाडा के मूल निवासी दामोदरन नायर पिछले 60 से अधिक वर्षों से हाथी की देखभाल कर रहे थे. उनका जीवन हाथियों के लिए समर्पित था.

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प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम, कूडलमानिक्यम, अरत्तुपुझा उत्सव और अन्य उत्सवों में भी ओमना चेतन और ब्रह्मदाथन मौजूद होते थे. दामोदरन नायर ने कई महावतों को प्रशिक्षित भी किया था. उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से भी नवाजा गया था.

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