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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 : समय पर चुनाव कराने के पक्ष में हैं राजनीतिक दल-EC

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Published : Dec 30, 2021, 12:17 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 3:25 PM IST

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल समय पर राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव संपन्न कराना चाहते हैं. विगत विधान सभा चुनाव-2017 में मतदाता लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुष पर 839 महिला का था जो अब बढ़कर 868 हो गया है. आगामी चुनाव-2022 में प्रदेश में कम से कम 800 मतदान केंद्र ऐसे होंगे जहां सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी महिलाएं ही होंगी.

Election Commission
चुनाव आयुक्त

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की और हमें बताया कि सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराए जाने चाहिए.

EC का बयान

यह बयान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हाल के अपील के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिसमें उसने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बगैर हो रही चुनावी रैलियों पर चिंता जताते हुए रैलियों की संख्या को भी नियंत्रित करने की मांग की. कुछ दलों ने प्रशासन के कुछ लोगों तथा पुलिस के पक्षपाती रवैये के बारे में भी शिकायत की. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने नफरत भरे भाषणों और ‘पेड न्यूज’ को लेकर भी चिंता व्यक्त की है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों से अवगत है और वह मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सहज, सरल और प्रलोभन मुक्त बनाने के लिए तत्पर है.

उन्होंने बताया कि आगामी पांच जनवरी को निर्वाचक नामावली अंतिम रूप से प्रकाशित की जाएगी. नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन तक मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. प्रदेश में अभी तक मतदाताओं की संख्या 15.02 करोड़ से अधिक है. अंतिम प्रकाशन के बाद ही मतदाताओं के वास्तविक आंकड़े स्पष्ट होंगे.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि विशेष पुनरीक्षण 2022 के दौरान अब तक 52.80 लाख नए मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल किया गया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसमें लगभग 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं. इन नए मतदाताओं में से 18 से 19 आयु वर्ग के करीब 19.89 लाख मतदाता शामिल हैं जो पिछली बार के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं.

उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं तथा कोविड-19 से प्रभावित मतदाताओं को घर पर ही बैठकर पोस्टल बैलेट की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, अगर वह मतदान केंद्र पर आकर वोट डालना चाहते हैं तो उनका स्वागत है लेकिन अगर वे आने में असमर्थ हैं तो आयोग उनके दरवाजे पर पहुंचेगा. ऐसे सभी मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों को दी जाएगी और वीडियोग्राफी की टीम उनके घर जाएगी. इस दौरान मतदान की गोपनीयता भी ना भंग हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है. ऐसा करने से पोलिंग बूथ की संख्या में 11, 000 का इजाफा हुआ है और अब यह कुल 1,74,351 हो गई है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जिलों में मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों का पूर्ण टीकाकरण होना आवश्यक होगा और चुनाव से संबंधित अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुके हैं. जो भी पात्र होंगे उनके लिए बूस्टर खुराक का प्रावधान भी किया गया है. हर मतदान बूथ कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही काम करेगा. राज्य, जिला तथा विधानसभा के स्तर पर स्वास्थ्य नोडल अधिकारियों को भी नामित किया गया है. यह अधिकारी हर बूथ पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था तथा मास्क इत्यादि के निस्तारण के लिए जिम्मेदार होंगे.

पढ़ें :- ओमीक्रोन के बीच चुनाव स्थगित करने की याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने EC से मांगा जवाब

चंद्रा ने बताया कि इस बार महिलाओं को अधिक से अधिक मतदाता बनाया गया है. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुष पर 839 महिलाओं का था जो अब 868 हो गया है. आगामी चुनाव में प्रदेश में कम से कम 800 मतदान केंद्र ऐसे होंगे जहां सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी महिलाएं ही होंगी.

उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े जो भी अधिकारी तीन साल से अधिक समय से किसी स्थान पर तैनात है, उनका स्थानांतरण किया जाएगा और इसका प्रमाण पत्र मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोग को 31 दिसंबर के बाद भेजा जाएगा. अभी तक 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों का पहले ही स्थानांतरण हो चुका है और जो रह गए हैं उनका तबादला भी जल्द कर दिया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए 'सीविजिल' नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है और अगर कहीं पर चुनाव में कोई गड़बड़ी या अनैतिक कार्य हो रहा है तो उससे संबंधित तस्वीर, सूचना या फिर दोनों ही अपलोड करनी होगी, उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश से सटे दूसरे राज्यों तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह दूसरे राज्यों के समकक्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि चुनाव में गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्व उत्तर प्रदेश में दाखिल ना हो सकें. सभी सीमा चौकियों पर सीसीटीवी कैमरे की मदद से 24 घंटे निगरानी की जाएगी और अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत सीमा जांच की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 10 आदर्श पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए 174351 मतदान स्थलों में से कम से कम एक लाख मतदान स्थलों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी. इस बार भी सभी पोलिंग बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ साथ वीवीपैट मशीन भी लगाई जाएंगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम काउंट से मिलान किया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कम मतदान प्रतिशत वाले सभी स्थानों को चिह्नित किया गया है और वहां पर जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी बढ़ाई गई हैं.

(एजेंसी इनपुट)

लखनऊ: 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की और हमें बताया कि सभी COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराए जाने चाहिए.

EC का बयान

यह बयान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हाल के अपील के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा सकता है, जिसमें उसने संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव को कुछ समय के लिए टालने पर विचार करने को कहा था.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किए बगैर हो रही चुनावी रैलियों पर चिंता जताते हुए रैलियों की संख्या को भी नियंत्रित करने की मांग की. कुछ दलों ने प्रशासन के कुछ लोगों तथा पुलिस के पक्षपाती रवैये के बारे में भी शिकायत की. विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने नफरत भरे भाषणों और ‘पेड न्यूज’ को लेकर भी चिंता व्यक्त की है.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों से अवगत है और वह मतदान प्रक्रिया को और अधिक सुगम, सहज, सरल और प्रलोभन मुक्त बनाने के लिए तत्पर है.

उन्होंने बताया कि आगामी पांच जनवरी को निर्वाचक नामावली अंतिम रूप से प्रकाशित की जाएगी. नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन तक मतदाता अपने दावे और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. प्रदेश में अभी तक मतदाताओं की संख्या 15.02 करोड़ से अधिक है. अंतिम प्रकाशन के बाद ही मतदाताओं के वास्तविक आंकड़े स्पष्ट होंगे.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि विशेष पुनरीक्षण 2022 के दौरान अब तक 52.80 लाख नए मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल किया गया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. इसमें लगभग 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता हैं. इन नए मतदाताओं में से 18 से 19 आयु वर्ग के करीब 19.89 लाख मतदाता शामिल हैं जो पिछली बार के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं.

उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग मतदाताओं तथा कोविड-19 से प्रभावित मतदाताओं को घर पर ही बैठकर पोस्टल बैलेट की वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, अगर वह मतदान केंद्र पर आकर वोट डालना चाहते हैं तो उनका स्वागत है लेकिन अगर वे आने में असमर्थ हैं तो आयोग उनके दरवाजे पर पहुंचेगा. ऐसे सभी मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों को दी जाएगी और वीडियोग्राफी की टीम उनके घर जाएगी. इस दौरान मतदान की गोपनीयता भी ना भंग हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है. ऐसा करने से पोलिंग बूथ की संख्या में 11, 000 का इजाफा हुआ है और अब यह कुल 1,74,351 हो गई है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को छोड़कर बाकी जिलों में मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस बार चुनाव ड्यूटी में तैनात किए जाने वाले सभी अधिकारियों का पूर्ण टीकाकरण होना आवश्यक होगा और चुनाव से संबंधित अधिकारियों को अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का दर्जा दिए जाने संबंधी आदेश जारी हो चुके हैं. जो भी पात्र होंगे उनके लिए बूस्टर खुराक का प्रावधान भी किया गया है. हर मतदान बूथ कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत ही काम करेगा. राज्य, जिला तथा विधानसभा के स्तर पर स्वास्थ्य नोडल अधिकारियों को भी नामित किया गया है. यह अधिकारी हर बूथ पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था तथा मास्क इत्यादि के निस्तारण के लिए जिम्मेदार होंगे.

पढ़ें :- ओमीक्रोन के बीच चुनाव स्थगित करने की याचिका पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने EC से मांगा जवाब

चंद्रा ने बताया कि इस बार महिलाओं को अधिक से अधिक मतदाता बनाया गया है. वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुष पर 839 महिलाओं का था जो अब 868 हो गया है. आगामी चुनाव में प्रदेश में कम से कम 800 मतदान केंद्र ऐसे होंगे जहां सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी महिलाएं ही होंगी.

उन्होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया से जुड़े जो भी अधिकारी तीन साल से अधिक समय से किसी स्थान पर तैनात है, उनका स्थानांतरण किया जाएगा और इसका प्रमाण पत्र मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोग को 31 दिसंबर के बाद भेजा जाएगा. अभी तक 5000 से अधिक पुलिसकर्मियों का पहले ही स्थानांतरण हो चुका है और जो रह गए हैं उनका तबादला भी जल्द कर दिया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए 'सीविजिल' नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है और अगर कहीं पर चुनाव में कोई गड़बड़ी या अनैतिक कार्य हो रहा है तो उससे संबंधित तस्वीर, सूचना या फिर दोनों ही अपलोड करनी होगी, उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी.

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश से सटे दूसरे राज्यों तथा अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह दूसरे राज्यों के समकक्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि चुनाव में गड़बड़ी पैदा करने वाले तत्व उत्तर प्रदेश में दाखिल ना हो सकें. सभी सीमा चौकियों पर सीसीटीवी कैमरे की मदद से 24 घंटे निगरानी की जाएगी और अनैतिक गतिविधियों को रोकने के लिए मजबूत सीमा जांच की विस्तृत योजना तैयार की जाएगी. हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 10 आदर्श पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए 174351 मतदान स्थलों में से कम से कम एक लाख मतदान स्थलों पर वेबकास्टिंग कराई जाएगी. इस बार भी सभी पोलिंग बूथ पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के साथ साथ वीवीपैट मशीन भी लगाई जाएंगी और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम काउंट से मिलान किया जाएगा.

चंद्रा ने बताया कि मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कम मतदान प्रतिशत वाले सभी स्थानों को चिह्नित किया गया है और वहां पर जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी बढ़ाई गई हैं.

(एजेंसी इनपुट)

Last Updated : Dec 30, 2021, 3:25 PM IST
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