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जमीनी स्थिति का आकलन करने चुनाव आयोग जम्मू-कश्मीर का कर सकता है दौरा

जम्मू कश्मीर में जमीनी स्थिति का आकलन के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अगले सप्ताह यहां का दौरा करेंगे. इस दौरे के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त यहां के सभी शीर्ष अधिकारियों, उपायुक्तों, हितधारकों आदि से बात करेंगे.

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Published : Apr 3, 2023, 1:18 PM IST

जम्मू : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की अध्यक्षता में पूरा चुनाव आयोग जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर का दौरा कर सकता है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां दो से तीन दिन के प्रवास के दौरान चुनाव आयुक्त केंद्रशासित प्रदेश के जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों का दौरा करेंगे. "आयोग चुनाव विभाग के सभी शीर्ष अधिकारियों, 20 उपायुक्तों, सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करेगा." सूत्रों ने कहा, "आयोग उपायुक्तों, चुनाव आयोग के अधिकारियों, राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों से फीडबैक ले सकता है."

कुछ दिन पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में एक खालीपन है जिसे भरने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची के चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से चुनाव कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा. जब तक विस्तार नहीं किया जाता, जम्मू और कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची 10 मई को प्रकाशित की जाएगी. यदि स्थिति अनुकूल नहीं होती है तो विधानसभा चुनाव में और देरी हो सकती है और ये अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ होंगे. पिछला विधानसभा चुनाव यहां नवंबर 2014 में हुआ था.

पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार ने मार्च 2015 में सत्ता संभाली थी और जुलाई 2018 में बीजेपी के इससे हटने के बाद गठबंधन सरकार गिर गई थी. जम्मू-कश्मीर को 2019 में एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया गया. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि स्थानीय पंचायत और नगरपालिका चुनाव इस साल होने की संभावना है क्योंकि इनका पांच साल का कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो रहा है.

(आईएएनएस)

जम्मू : मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार की अध्यक्षता में पूरा चुनाव आयोग जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर का दौरा कर सकता है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यहां दो से तीन दिन के प्रवास के दौरान चुनाव आयुक्त केंद्रशासित प्रदेश के जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों का दौरा करेंगे. "आयोग चुनाव विभाग के सभी शीर्ष अधिकारियों, 20 उपायुक्तों, सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करेगा." सूत्रों ने कहा, "आयोग उपायुक्तों, चुनाव आयोग के अधिकारियों, राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों से फीडबैक ले सकता है."

कुछ दिन पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में एक खालीपन है जिसे भरने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि मतदाता सूची के चल रहे विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से चुनाव कार्यक्रम प्रभावित नहीं होगा. जब तक विस्तार नहीं किया जाता, जम्मू और कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची 10 मई को प्रकाशित की जाएगी. यदि स्थिति अनुकूल नहीं होती है तो विधानसभा चुनाव में और देरी हो सकती है और ये अप्रैल-मई 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ होंगे. पिछला विधानसभा चुनाव यहां नवंबर 2014 में हुआ था.

पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार ने मार्च 2015 में सत्ता संभाली थी और जुलाई 2018 में बीजेपी के इससे हटने के बाद गठबंधन सरकार गिर गई थी. जम्मू-कश्मीर को 2019 में एक केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया. इसके बाद 5 अगस्त, 2019 को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया गया. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि स्थानीय पंचायत और नगरपालिका चुनाव इस साल होने की संभावना है क्योंकि इनका पांच साल का कार्यकाल जनवरी 2024 में समाप्त हो रहा है.

(आईएएनएस)

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