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Uttarakhand News: 'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय',...बुजुर्ग ने दी मौत को मात

उत्तरकाशी के मांडो गांव के 75 साल के गैणा सिंह ने मौत को मात दे दी. गैणा सिंह मलबे से दबे घर के अंदर ढाई घंटे तक फंसे रहे. ढाई घंटे बाद इस बुजुर्ग को सकुशल निकाल लिया गया.

Uttarakhand news, Uttarkashi Cloud Burst
बुजुर्ग को निकाला गया मलबे में दबे घर से बाहर
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Published : Jul 19, 2021, 4:55 PM IST

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): जनपद (Uttarakhand News) के मांडो, निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचाई. प्रकृति के इस रौद्र रूप से जान बचाने के लिए हर कोई यहां-वहां भाग रहा था. ऐसा ही एक मंजर मांडो गांव में भी देखने को मिला. यहां जल प्रलय के कारण कई घर मलबे में दब गए. यहां हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था, लेकिन एक बुजुर्ग ऐसा नहीं कर पाए. इस कारण वो करीब ढाई घंटे मलबे से दबे घर में फंसे रहे. स्थानीय युवाओं और पुलिस के जवानों की मदद से बुजुर्ग को बाहर निकाला गया.

जानकारी के अनुसार रविवार रात 8.30 बजे जब मांडो गांव के गदेरे में जल प्रलय के कारण मलबा मौत बनकर बहा, उस समय सब लोग जान बचाकर सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग रहे थे. हालांकि, इसके बाद भी तीन जिंदगियां मलबे में दब गईं. इस दौरान 75 वर्षीय गैणा सिंह भी जो कि अपने भाई के बच्चों के साथ रहते हैं, घर में सो रहे थे. तभी अचानक पानी के साथ मलबा तबाही लेकर आया.

पढ़ें- Ground Report: उत्तरकाशी में बादल फटने से तीन की मौत, मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका

घर के अन्य सदस्य आनन-फानन में जान बचाने के लिए भागे. इस दौरान बुजुर्ग का भतीजा भी बुजुर्ग को लेने आया, लेकिन तब तक भारी मलबा आने के कारण बुजुर्ग का भतीजा भी मलबे की चपेट में आ गया. जिसे स्थानीय लोगों ने समय रहते बचा लिया. मगर बुजुर्ग गैणा सिंह मलबे से दबे घर के अंदर ही फंस गए.

पढ़ें- भारी बारिश से अलकनंदा-मंदाकिनी उफान पर, बेलणी में शिवमूर्ति डूबी

घटना के बाद स्थिति हल्की सामान्य होने के करीब ढाई घंटे बाद स्थानीय लोगों की जानकारी के बाद युवा और पुलिस के जवान बुजुर्ग के घर पर पहुंचे. आगे से मलबे से पटे दरवाजे को तोड़ने के बाद भी बुजुर्ग को नहीं निकाला जा सका. बाद में पीछे का दरवाजा तोड़कर बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकाला गया. जिसके बाद उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया. जहां से गैणा सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): जनपद (Uttarakhand News) के मांडो, निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचाई. प्रकृति के इस रौद्र रूप से जान बचाने के लिए हर कोई यहां-वहां भाग रहा था. ऐसा ही एक मंजर मांडो गांव में भी देखने को मिला. यहां जल प्रलय के कारण कई घर मलबे में दब गए. यहां हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था, लेकिन एक बुजुर्ग ऐसा नहीं कर पाए. इस कारण वो करीब ढाई घंटे मलबे से दबे घर में फंसे रहे. स्थानीय युवाओं और पुलिस के जवानों की मदद से बुजुर्ग को बाहर निकाला गया.

जानकारी के अनुसार रविवार रात 8.30 बजे जब मांडो गांव के गदेरे में जल प्रलय के कारण मलबा मौत बनकर बहा, उस समय सब लोग जान बचाकर सुरक्षित स्थानों की तरफ भाग रहे थे. हालांकि, इसके बाद भी तीन जिंदगियां मलबे में दब गईं. इस दौरान 75 वर्षीय गैणा सिंह भी जो कि अपने भाई के बच्चों के साथ रहते हैं, घर में सो रहे थे. तभी अचानक पानी के साथ मलबा तबाही लेकर आया.

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घर के अन्य सदस्य आनन-फानन में जान बचाने के लिए भागे. इस दौरान बुजुर्ग का भतीजा भी बुजुर्ग को लेने आया, लेकिन तब तक भारी मलबा आने के कारण बुजुर्ग का भतीजा भी मलबे की चपेट में आ गया. जिसे स्थानीय लोगों ने समय रहते बचा लिया. मगर बुजुर्ग गैणा सिंह मलबे से दबे घर के अंदर ही फंस गए.

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घटना के बाद स्थिति हल्की सामान्य होने के करीब ढाई घंटे बाद स्थानीय लोगों की जानकारी के बाद युवा और पुलिस के जवान बुजुर्ग के घर पर पहुंचे. आगे से मलबे से पटे दरवाजे को तोड़ने के बाद भी बुजुर्ग को नहीं निकाला जा सका. बाद में पीछे का दरवाजा तोड़कर बुजुर्ग को सुरक्षित बाहर निकाला गया. जिसके बाद उन्हें 108 की मदद से जिला अस्पताल भेजा गया. जहां से गैणा सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.

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