पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से अपने पांव पसार रहा है. हर तरफ अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इसी बीच पटना से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है. पटना के वार्ड नंबर-32 के पूर्वी राम कृष्णा नगर स्थित एनटीपीसी कॉलोनी में 45 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई. शव को श्मशान तक ले जाने के लिए कोई आगे नहीं आया. ऐसे वक्त में मृतक की आठ साल की बेटी संक्रमण के खतरे के बीच अपने पिता के शव के साथ पूरे दो दिन रही.
शव के साथ दो दिनों तक रही मासूम
इस खबर को पढ़कर किसी का भी दिल दहल जाए. जरा सोचिए क्या बीता होगा उस मासूम पर जो दो दिनों तक अपने पिता के शव के साथ रही. बताया जा रहा है कि पिता के शव को श्मशान तक ले जाने के लिए कोई नहीं था.
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इस बारे में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य तथा फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने बताया कि घटना के बारे में मृतक के पड़ोसियों से पता लगते ही माले राज्य कमेटी सदस्य रणविजय कुमार के साथ मौके पर पहुंचे और जिला प्रशासन को भी गत कल दोपहर में ही खबर दी गई. चूंकि, दो दिन पहले ही कोरोना संक्रमण से व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसलिए संक्रमण के भय से देर शाम तक किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली थी.
बच्ची का कराया जा रहा कोरोना टेस्ट
विधायक ने बताया कि मृतक की बेटी को मकान मालिक के पास ही रखा गया है और कोरोना जांच सैंपल कलेक्ट किया गया. ये परिवार नालंदा जिले के हिलसा का रहनेवाला है जो पटना के मधुबन कॉलोनी में किराए के मकान में रह रहे थे.
बहरहाल, शव को मकान से बाहर निकाल लिया गया है और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भेजा गया है.