लखनऊ : इस्लामिक महीने शव्वाल के चांद के दीदार के साथ ही जहां माहे रमजान रुखसत हो गया है. इसी के साथ ईद की तारीख का भी ऐलान हो गया है. कल (शनिवार) पूरे देश में ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा. ईद उल फितर इस्लामी महीने शव्वाल की पहली तारीख को होती है. मरकजी चांद कमेटियों ने चांद दिखने के साथ ही कल ईद मनाने का एलान कर दिया है.
लखनऊ में शिया चांद कमेटी और मरकजी चांद कमेटी के साथ इदारे शरिया रूय्यते हिलाल कमेटी फरंगी महल ने भी चांद की तस्दीक कर दी है. चांद के दीदार के बाद से ही चांद रात की रौनक भी बाजारों में दिखने लगी है. पुराना शहर भीड़ और खरीदारों से पटा पड़ा है. व्यापारियों के चेहरे भी खुशी से खिल उठे हैं. मुसलमान एक महीने रोज़े रखने के बाद खुशियों का त्योहार ईद मनाते हैं. इस्लाम धर्म में दो ईद के मौके आते हैं. पहली ईद उल फितर और दूसरी ईद उल अजहा यानी बकरीद. बकरीद पर जहां कुर्बानी और गरीबों को गोश्त बांटा जाता है. वहीं ईद पर एक दूसरे को सिंवई और अन्य पकवान खिलाए जाते हैं. इस त्योहार में दोस्त व रिश्तेदार एक दूसरे के घर जाते हैं और एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश करते हैं. बच्चों को घर के बड़े और बुजुर्ग ईदी के तौर पर पैसे देते हैं. जिससे उनके चेहरे भी खिल उठते हैं.
चांद का दीदार होने के बाद लोग ईद की खरीदारी के लिए बाजारों की ओर निकल पड़े. मेहंदी लगाने वालों की दुकानों के साथ पकवानों और अन्य सामानों की दुकानों पर अच्छी खासी भीड़ दिखी. ईद उल फितर के मौके पर रोजेदार और पूरा घर मिलकर सुबह ईद की तैयारी करते हैं. पहले कुछ मीठी चीज खाते हैं, ऐसे में मीठी सेवइयां खाने का रिवाज है. इसके साथ ही चार रकात नमाज़-नफील चाश्त (खास नमाज) अदा करते हैं. इसके बाद लोग अल्लाह से दुआ करते हैं. इसके बाद देर रात ईद मिलन का कार्यक्रम चलता रहता है.
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